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Manoj Kumar birth anniversary: एक महान अभिनेता, फिल्म निर्माता और देशभक्त थे मनोज कुमार, लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से हो चुके थे सम्मानित
भारतीय सिनेमा के विशाल क्षेत्र में, कुछ व्यक्तित्व प्रेरणा के प्रतीक के रूप में खड़े हैं, जो की उद्योग और सभी दर्शकों के दिलों दोनों पर एक अमिट छाप छोड़ते नज़र आये हैं। ऐसे ही एक महान दिग्गज अभिनेता थे मनोज कुमार ।
मनोज कुमार एक महान अभिनेता के साथ साथ फिल्म निर्माता और का देशभक्त थे जो की भारतीय सिनेमा में एक महत्वपूर्ण युग के दौरान राष्ट्रवादी उत्साह के प्रतीक भी बने हुए थे । उनकी कलात्मक कौशल, प्रतिष्ठित प्रदर्शन और मातृभूमि के लिए एकता और प्रेम के मूल्यों को बढ़ावा देने के समर्पण ने उन्हें बॉलीवुड के इतिहास में एक विशिष्ट स्थान दिलाया हुआ है। आइए आज इस प्रसिद्ध शख्सियत के जीवन और योगदान के बारे में जानते है
प्रारंभिक जीवन और करियर की शुरुआत
24 जुलाई,साल 1937 को एबटाबाद, जो कि अब पाकिस्तान का हिस्सा है, में हरिकृष्ण गिरी गोस्वामी के रूप में जन्मे, मनोज कुमार साल1947 में भारत के विभाजन के दौरान दिल्ली चले आये थे। राष्ट्रवादी विषय और अपनी मातृभूमि के प्रति गहरा प्रेम, जो बाद में उनके फ़िल्मी करियर में प्रकट हुआ था।
साल 1950 के दशक के अंत में मनोज कुमार ने फिल्म “फैशन” साल (1957) और film “पंचायत”साल (1958) जैसी कई फिल्मों में कुछ छोटी – छोटी भूमिकाओं से अपने अभिनय करियर की शुरुआत करी हुई थी । मनोज ने अपने पसंदीदा अभिनेता दिलीप कुमार के सम्मान में ही स्क्रीन मे अपना नाम मनोज कुमार रखा हुआ था ।
साल 1960 के दशक की शुरुआत में मनोज ने फिल्म “हरियाली और रास्ता” साल (1962) और फिल्म“वो कौन थी?” जैसी बड़ी फिल्मों में अभिनय के लिए मनोज को एक अलग पहचान मिली थी। साल (1964),उन्होंने एक अभिनेता के रूप में अपनी बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन किया हुआ था ।
सिल्वर स्क्रीन पर देशभक्ति
मनोज कुमार के करियर में महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब उन्होंने फिल्म “उपकार” साल (1967) का निर्देशन किया हुआ और इसके साथ ही इस फिल्म मे अभिनय भी किया था। ये फिल्म मे देशभक्ति, बलिदान और एक राष्ट्र-निर्माण के विषयों पर आधारित फिल्म बनी हुई थी। इस फिल्म को दर्शकों को काफी प्यार मिला था ।
इस फिल्म ने भारी सफलता भी हासिल करी हुई थी। इस फिल्म मे एक निस्वार्थ और देशभक्त किसान “भारत” का किरदार मनोज कुमार ने निभाया हुआ था । इसी फिल्म के बाद से ही उन्हें “भारत कुमार” का उपनाम दिया गया था ।और भारतीय सिनेमा मे सच्चे देशभक्त प्रतीक के रूप में उनकी छवि को काफी मजबूत किया हुआ था ।
“उपकार” की सफलता के बाद, मनोज कुमार ने सामाजिक मूल्यों और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने वाली फिल्मों में प्रभावशाली प्रदर्शन करना जारी रखा। “पूरब और पश्चिम” (1970) और “क्रांति” (1981) दो उल्लेखनीय उदाहरण हैं जहां उनके पात्र भारतीय संस्कृति और एकता की भावना का प्रतीक हैं।
सम्मान और पुरस्कार
अपने शानदार करियर के दौरान, मनोज कुमार को कई प्रशंसाएँ और सम्मान मिले। भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के सम्मान में उन्हें भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त, उनके कई दशकों के असाधारण करियर का जश्न मनाते हुए, उन्हें 1999 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
मनोज कुमार की फिल्मोग्राफी
मनोज कुमार की लोकप्रिय फिल्में हैं सुहाग सिन्दूर (1961), कांच की गुड़िया, फूलों की सेज (1964), देशवासी (1991), पूनम की रात (1965), सहारा (1958), डॉ. विद्या (1962), रेशमी रुमाल (1961), अमानत (1977), गृहस्थी (1963), बनारसी ठग (1962), अनीता (1967), रोटी (1974), बलिदान (1971) मेरा नाम जोकर (1970), साजन (1969), और भी बहुत कुछ ….