Saturday, September 21, 2024

प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बच्चों से लेकर बूढ़े तक में दिखाई दे रही राम नाम की भक्ति की शक्ति

प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बच्चों से लेकर बूढ़े तक में दिखाई दे रही राम नाम की भक्ति की शक्ति

Digital News Guru Ram Mandir Update: प्राण प्रतिष्ठा का समय जैसे-जैसे करीब आ रहा है वैसे-वैसे देश भर के सनातियों की अद्भुत भक्ति भी सामने आ रही है, देखा जाए तो प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए हर सनाती उत्सुक  लेकिन आज हम जिन दो भक्तो की बात करेगे उनमे उम्र का फर्क तो बहुत है लेकिन भक्ति सिर्फ और सिर्फ श्री राम की ही, तो चलिये आगे बढ़ते हुए बात करते है हिमांशु सैनी और सरस्वती देवी की…

Himanshu Saini

हिमांशु सैनी जो कि 10 साल का एक छात्र है उसका कहना यह है, कि एक दिन मैं यूट्यूब पर वीडियो देख रहा था अयोध्या में भगवान राम के उत्सव में शामिल होने के लिए लोग पैदल जा रहे थे। तब मैंने स्केटिंग करके अयोध्या तक जाने का फैसला किया ।पापा और भैया भी साथ जा रहे हैं अयोध्या यहां से 704 किलोमीटर दूर है ,पूरे रास्ते स्केटिंग करता जाऊंगा ।ठंड है फिर भी श्री राम की कृपा से अयोध्या पहुंच जाऊंगा।

अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा उत्सव है इस उत्सव को लेकर देशभर में चर्चा है कोटपूतली जिले के लक्ष्मी नगर इलाके में रहने वाला हिमांशु सातवीं क्लास का छात्र है वह भी इस उत्सव का गवाह बनने जा रहा है ।

राम के जयकारों के साथ

हिमांशु ने अपने पिता अशोक सेन को यह इच्छा बताई कि पिता की परमिशन मिली तो सोमवार सुबह 9:00 बजे हिमांशु स्केटिंग शूज पहनकर यात्रा पर निकल पड़ा। कोटपूतली शहर के अग्रसेन तिराहे पर समाजसेवी तरुण पटेल और मुकेश गोयल ने हिमांशु का स्वागत किया। साथ ही यात्रा की शुभकामनाएं दी और जय श्री राम के जयकारे लगाते हुए विदा किया।

  • कोटपूतली से अलवर रोड पर बानसूर कस्बे की दूरी लगभग 20 किलोमीटर है ।
  • दवाएं ,गर्म कपड़े और जरूरी सामान यात्रा के दौरान।
  • रात में हिमांशु विश्राम करेगा और दिनभर स्केटिंग कर अयोध्या के रास्ते पर बढ़ेगा।

16 जनवरी तक अयोध्या पहुंच जाएगा

बानसूर में हिमांशु ने कहा कि 22 जनवरी को भगवान राम के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का समारोह है जो लोग अयोध्या नहीं जा रहे हैं उनसे अपील है कि अपने घर पर ही रहकर बाय जनवरी को पांच दीपक जरूर जलाएं मेरा टूर आज 9 दिन में पूरा हो जाएगा मैं 16 जनवरी को अयोध्या पहुंच जाऊंगा रास्ते में होने वाला खर्च मेरे पिता जी ही उठा रहे हैं।।

हिमांशु के पिता अशोक सैनी कोटपूतली में बिजली फिटिंग का कार्य करते हैं मां कृष्णा देवी एक हाउसवाइफ है।
हिमांशु ने 1 साल में ही स्केटिंग सीख ली थी। स्केटिंग करते हुए हिमांशु एक हाथ में भगवा ध्वज लेकर चल रहा है।

यात्रा का रूट यह रहेगा

हिमांशु बानसूर के रास्ते अलवर जाएगा। अलवर में 9 जनवरी को रात का विश्राम होगा इसके बाद भरतपुर ,आगरा होते हुए लखनऊ से अयोध्या पहुंचेगा। सोमवार दोपहर बानसूर पहुंचने पर अंबेडकर सर्किल पर हिमांशु का स्वागत किया गया। इस अवसर पर शशिकांत बोहरा, सैनी महासभा समिति अध्यक्ष सुरेश चंद्र सैनी, मनीष जोशी पार्षद और निरंजन लाल सैनी मौजूद थे।


जिस तरह रामायण के साथ ‘शबरी के जूठे बेर’ का भी नाम जुड़ा हुआ है उसी तरह प्राण प्रतिष्ठा के साथ झारखंड की 85 वर्षीय बुजुर्ग सरस्वती देवी का भी जुड़ना चाहिए क्योंकि सरस्वती देवी बीते 31 साल से मौन व्रत ली हुई हैं, चलिये जानते है राम की इस भक्त मे बारे मे और भी विस्तार से…

सरस्वती देवी के परिवारवालों का कहना है कि 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के बाद से ही वे मौन हो गई थीं। सरस्वती देवी ने प्रण लिया था कि वे तभी अपना मौन व्रत तोड़ेंगी, जब राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा। सरस्वती देवी धनबाद की रहने वाली हैं। वे परिवार के साथ राम मंदिर का उद्घाटन देखने 8 जनवरी रात को अयोध्या रवाना हो चुकी हैं।

वहीं, केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम देश के हर गांव में लाइव (सीधा प्रसारण) दिखाया जाएगा। आजादी के बाद देश में हिंदुओं का सबसे बड़ा कार्यक्रम होने जा रहा है।

चार साल से मौन धारण किए हुए हैं

सरस्वती देवी अपने दूसरे बेटे नंदलाल अग्रवाल के साथ रहती हैं। नंदलाल भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (BCCL) कार्यरत हैं। नंदलाल की पत्नी ईनू बताती हैं- हमारी शादी के कुछ महीने बाद ही वे मौन हो गईं। वे भगवान राम की आराधना में ही लीन रहती हैं। वे अपनी बात इशारों में कहती हैं। ज्यादा कुछ समझाना हो तो लिखकर बताती हैं।

ईनू ये भी बताती है कि मेरी सास (सरस्वती देवी) सुबह चार बजे उठ जाती हैं और 6 से 7 घंटे ध्यान में लीन रहती हैं। 2001 में उन्होंने चित्रकूट में 7 महीने तपस्या भी की थी।

आजादी के बाद हिंदुओं का सबसे बड़ा कार्यक्रम- किशन रेड्डी

केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि ऐसा कोई बड़ा गांव नहीं होगा, जहां रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का सीधा प्रसारण नहीं किया जाएगा। केवल हिंदू ही नहीं, पूरी दुनिया के लोग रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का इंतजार कर रहे हैं। अमेरिका के टाइम स्क्वायर पर भी प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम दिखाया जाएगा। लोग अपने-अपने तरीके से राम सेवा कर कर रहे हैं। तेलुगु फिल्म हनुमान के मेकर्स ने घोषणा की है कि हर बिकी टिकट के 5 रुपए दान करेंगे।

रामलला की प्रतिमा अयोध्या में नहीं घुमाएंगे राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अयोध्या शहर में रामलला की प्रतिमा को घुमाने का कार्यक्रम रद्द कर दिया है। ये कार्यक्रम 17 जनवरी को होना था। इसका मकसद था कि ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर सकें। अब रामलला की प्रतिमा को मंदिर परिसर में ही भ्रमण कराया जाएगा। ये फैसला भीड़ को काबू में रखने के लिहाज से लिया गया है।

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