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Lal ji tandon birth anniversary: लालजी टंडन की यात्रा शून्य से शिखर तक की रही है, मायावती को मानते थे बहन !
लाल जी टंडन (Lal ji tandon) का जन्म 12 अप्रैल साल 1935 को हुआ था। 12 साल की उम्र में लाल जी टंडन (Lal ji tandon) संघ के साथ जुड़ गए थे। वे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी के बेहद करीबी थी। यही वजह थी कि जब बाजपेयी राजनीति से दूर हुए तो उनकी विरासत लखनऊ लोकसभा सीट लालजी टंडन को दी गई थी।
1997 में वह भाजपा-बसपा की गठबंधन सरकार में नगर विकास मंत्री रहे। भाजपा और बसपा गठबंधन की सरकार बनवाने में उनका अहम योगदान था। बसपा सुप्रीमो मायावती को उन्होंने बहन माना और साल 2002 में मायावती ने उन्हें राखी भी बांधी थी। लाल जी टंडन के पुत्र गोपालजी टंडन इस समय मौजूदा योगी सरकार में मंत्री बने हुए हैं।
लाल जी टंडन (Lal ji tandon) की संघ की शाखाओं में हुई थी अटल बिहारी बाजपेयी से मुलाकात:
लाल जी टंडन (Lal ji tandon) का जन्म लखनऊ मे हुआ था । लाल जी टंडन (Lal ji tandon) का राजनीतिक सफर साल 1960 में शुरू हुआ था। इससे ही ठीक दो साल पहले साल 1958 में वे कृष्णा टंडन के साथ दांपत्य जीवन के बंधन में बंध गए थे । टंडन 12 साल की उम्र से ही संघ की शाखाओं में जान शुरू कर दिया था। संघ से जुड़ाव के चलते ही उनकी मुलाकात अटल बिहारी वाजपेयी से हो गयी थी ।
राजनीति में किये है काफी अहम प्रयोग , मायावती के साथ सरकार बनाने में भी थीलाल जी टंडन (Lal ji tandon) की अहम भूमिका:
90 के दशक में प्रदेश में भाजपा और बसपा गठबंधन की सरकार बनाने में भी लाल जी टंडन (Lal ji tandon) का अहम योगदान माना जाता है। बात दो जून साल 1995 की है। गेस्ट हाउस कांड के बाद मायावती ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह से किनारा करते हुए समर्थन वापसी की घोषणा कर दी थी।
इसकी वजह से मुलायम सिंह सरकार अल्पमत में आकर गिर गई थी। इसके बाद तीन जून साल 1995 को मायावती ने भाजपा के साथ मिलकर सत्ता की बागडोर संभाली थी। माना जाता है कि गेस्ट हाउस कांड में जब मायावती की जान खतरे में थी, तब लालजी टंडन की उन्हें बचाने में अहम भूमिका थी।
लाल जी टंडन (Lal ji tandon) को मायावती ने चांदी की राखी बांधी थी:
उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने लालजी टंडन को 22 अगस्त साल 2002 को राखी बाँधी थी । वह राखी कोई आम रखी नहीं थी। बल्कि मायावती ने लाल जी टंडन (Lal ji tandon) को चांदी की राखी बांधी थी। हालांकि इस रिश्ते की उम्र गठबंधन से ज्यादा नहीं रही थी। साल 2003 में मायावती की सरकार गिर गई थी। नतीजा ये हुआ कि अगली राखी पर लालजी टंडन इंतजार करते रहे गए थे लेकिन न तो मायावती आयी न तो उनकी कोई राखी आयी थी।
यूपी के वित्त मंत्री भी बने थे लाल जी टंडन (Lal ji tandon):
लाल जी टंडन (Lal ji tandon) अपने पूरे जीवन काल मे दो बार साल 1978 से लेकर 1984 तक और साल 1990 से लेकर साल 1996 तक उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य बने थे। इस दौरान साल 1991-92 की यूपी सरकार में वह वित्त मंत्री भी रहे थे। इसके बाद वह साल 1996 से साल 2009 तक लगातार तीन बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। 1997 में वह नगर विकास मंत्री भी थे। यूपी विधासभा में वह विपक्ष के नेता भी रहे थे।
अटल जी की सीट पर लड़ा था लाल जी टंडन (Lal ji tandon) ने चुनाव:
साल 2009 में जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी राजनीति से दूर हुए और उनकी लखनऊ लोकसभा सीट खाली हुई तो लाल जी टंडन (Lal ji tandon) को ही भाजपा ने उनका उत्तराधिकार सौंपा था। उन्होंने ये चुनाव आसानी से जीता और लोकसभा में पहुंचे थे।
लंबी बीमारी के चलते हो गया था लाल जी टंडन (Lal ji tandon) का निधन:
लंबी बीमारी से जूझने के बाद लखनऊ के मेदांता अस्पताल में 85 वर्ष के श्री लाल जी टंडन (Lal ji tandon) का 21 जुलाई 2020 को निधन हो गया है।20 जुलाई 2019 को टंडन को आनंदीबेन पटेल की जगह मध्य प्रदेश के 22 वें राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया था।YOU MAY ALSO READ :- Sumitra Mahajan birthday special: लगातार आठ बार सांसद रहने वाली सुमित्रा महाजन के जीवन से जुड़ी रोचक बातें जानें !