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Kasturba Gandhi birth Anniversary: महात्मा गांधी की पत्नी कस्तूरबा गांधी के जन्मदिन पर जानें उनकी ये पांच रोचक बातें !
महात्मा गांधी की पत्नी कस्तूरबा गांधी (Kasturba Gandhi) हैं ,महात्मा गांधी का नाम भारत में ही नहीं विदेशों में भी प्रसिद्ध है। उन्हें देश का राष्ट्रपिता कहा जाता है। उनकी सीख, सत्य और अहिंसा के बारे में तो आप सब ने सुना तो होगा ही लेकिन मोहनदास करमचंद गांधी के महात्मा गांधी और राष्ट्रपिता फिर उसके बाद बापू बनने तक के पीछे एक महिला के त्याग का बहुत बड़ा रोल है।
अगर ये महिला न होती तो आज गांधी जी महात्मा न होते। यह महिला कोई और नहीं, बल्कि महात्मा गांधी की पत्नी कस्तूरबा गांधी (Kasturba Gandhi) हैं। एक संपन्न परिवार की बेटी ने जब गांधीजी को अपना जीवनसाथी माना तो पग-पग पर उनके साथ चलती रहीं। कस्तूरबा गांधी का जीवन कठिन संघर्षों में गुजरा। उन्होंने कभी गांधी जी से एक पति और पिता के कर्तव्यों को पूरा करने के लिए नहीं कहा। गांधी जी देश सेवा में जुट गए। साधारण सूती धोती पहन आश्रमों में रहे। सादा जीवन जिया लेकिन वह नाजों से पली कस्तूरबा ने इन सभी संघर्षों को बिना किसी शिकायत जिया था ।
कस्तूरबा गांधी (Kasturba Gandhi) का बचपन और गांधीजी से शादी:
कस्तूरबा गांधी (Kasturba Gandhi) का जन्म 11 अप्रैल 1869 में हुआ था। वह गुजरात के काठियावाड़ की रहने वाली थीं। कस्तूरबा गांधी (Kasturba Gandhi) के पिता व्यापारी थे। वह एक संपन्न परिवार की बेटी थीं, जिनकी मात्र 13 साल की उम्र में शादी कर दी गई। कस्तूरबा के पिता और गांधीजी के पिता दोनों करीबी मित्र थे।
ऐसे में जब कस्तूरबा गांधी (Kasturba Gandhi) सात साल की थीं तभी उनकी सगाई गांधीजी से कर दी गई और बाद में शादी। गांधीजी कस्तूरबा से एक साल छोटे थे। उन दिनों गांधीजी को शादी का मतलब भी नहीं पता था लेकिन बाद में वह बाल विवाह के विरोध में हो गए। कई पुस्तकों में कहा गया कि गांधी जी का शुरुआत में कस्तूरबा के प्रति रवैया अच्छा नहीं था।
कस्तूरबा गांधी (Kasturba Gandhi) की अधूरी शिक्षा:
शादी के बाद कस्तूरबा गांधी (Kasturba Gandhi) की स्कूली शिक्षा बंद हो गई। वह कभी स्कूल न जा सकीं, जबकि मोहनदास की शिक्षा जारी रही और पढ़ाई के लिए विदेश तक गए। हालांकि कस्तूरबा घर पर ही पढ़ती थीं और मोहनदास भी उन्हें पढ़ाते थे। एक प्रामाणिक लेख के हवाले से जारी रिपोर्ट में कहा गया कि मोहनदास जब इंग्लैंड में वकालत की पढ़ाई कर रहे थे, तब उनके लिए पैसे कस्तूरबा के गहने बेचकर पैसा जुटाया गया था।
कठिन परिस्थितियों में कस्तूरबा गांधी (Kasturba Gandhi) ने दिया पति का साथ:
कस्तूरबा गांधी (Kasturba Gandhi) ने जीवन भर गांधीजी का साथ दिया। गांधी जी स्वतंत्रता संग्राम के लिए जेल गए तो कस्तूरबा ने उनका साथ दिया। कस्तूरबा मोहनदास के साथ हर पल रहती थीं। गांधीजी उपवास रखते, धरना प्रदर्शन करते तो कस्तूरबा उनकी देखभाल करतीं। कस्तूरबा गंभीर ब्रोंकाइटिस रोग से पीड़ित थीं। लेकिन गांधी जी साथ स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष में उनका स्वास्थ्य बिगड़ने लगा।
स्वतंत्रता संग्राम में कस्तूरबा गांधी (Kasturba Gandhi) का योगदान:
एक दौर आ गया था । जब कस्तूरबा गांधी (Kasturba Gandhi) केवल गांधी जी की पत्नी मात्र नहीं रहीं थी । अब तक वह हर देशवासी की ‘बा’ भी बन गईं थी। यह उपाधि कस्तूरबा गांधी (Kasturba Gandhi) को उनके कामों की वजह से ही मिली थी। गांधीजी ने दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के साथ हो रहे सारे अत्याचार के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया था।
लेकिन इस ओर पहली बार ध्यान सिर्फ कस्तूरबा गांधी का ही गया था। उन्होंने आवाज उठाई तो तीन महीने के लिए कस्तूरबा को जेल की सजा हो गई। लेकिन भारतीय नारी तो बस देना जानती है। उन्होंने जेल में लोगों को प्रार्थना का महत्व सिखाया। कैदियों के दुख दर्द की साथी बनी। उनके इस भाव को देख लोग उन्हें बा कहने लगे।YOU MAY ALSO READ :- Shilpa rao birthday special: शंकर महादेवन के बुलने पर मुंबई आयी थी शिल्पा, आज है बॉलीवुड की बेहतरीन गायिका !