DIGITAL NEWS GURU POLITICAL DESK:
Uma bharti birthday special : एक साध्वी से मुख्यमंत्री कैसे बनी थी उमा भारती
उमा भारती आज 3 मई को अपना जन्मदिन मना रही हैं। आप को बता दें कि उमा भारती का जन्म मध्यप्रदेश में 3 मई साल 1959 को हुआ था। उमा अपने तीखे तेवर और बयानों को लेकर अक्सर चर्चाओं में बनी रहती हैं। उमा को मध्यप्रदेश की राजनीति का ऐसा चेहरा माना जाता है, जिसने राज्य में 10 साल तक काबिज कांग्रेस की सत्ता को जड़ से हटाया और राज्य में भाजपा की जड़ें जमाईं।
उमा भारती का यह प्रभाव है कि उन्होंने राज्य में भाजपा की ऐसी जड़ें जमाईं कि आज भी मध्य प्रदेश की सत्ता पर भाजपा का कब्जा है। आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर उमा भारती के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में।
आध्यात्म से लगाव
उमा ने सिर्फ छठवीं कक्षा तक पढ़ाई की है। उनको बचपन से ही हिंदू धर्मग्रंथों का शौक था। इसलिए उमा भारती ने बचपन से ही हिंदू धर्मग्रंथों का अध्ययन शुरू कर दिया था। वह अविवाहित हैं और उन्होंने अपना पूरा जीवन धर्म के प्रचार-प्रसार में लगा दिया। वहीं वह अब तक तीन किताबें भी लिख चुकी हैं।
राम जन्मभूमि आंदोलन
बता दें कि उमा भारती ने ग्वालियर की राजमाता विजयाराजे सिंधिया के सानिध्य में अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की थी। वहीं राम जन्मभूमित को बचाने के लिए उमा ने पार्टी से निलंबन के बाद भोपाल से अयोध्या तक कठिन पद-यात्रा की। फिर साध्वी ऋतंभरा के साथ उन्होंने एक आंदोलन शुरू किया। साल 2007 में उमा भारती ने रामसेतु को बचाने के लिए सेतु समुद्रम प्रोजेक्ट के विरोध में 5 दिन तक भूख हड़ताल भी की।
राजनीतिक सफर
साल 1984 में उमा भारती ने अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था। लेकिन इस दौरान उनको हार का सामना करना पड़ा था। साल 1989 में उन्होंने खुजराहो से दोबारा चुनाव लड़ा और इस बार उनको जीत हासिल हुई। फिर साल 1991, 1996 और 1998 में उमा ने इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रहा। इसके बाद साल 1999 में वह भोपाल सीट से सांसद निर्वाचित हुईं। इसके अलावा वह वाजपेयी सरकार में उमा भारती पर्यटन, युवा मामले एवं खेल, मानव संसाधन विकास और अंत में कोयला और खदान जैसे कई राज्य स्तरीय और कैबिनेट स्तर के पदों का कार्यभार संभाला।
MP की पहली महिला मुख्यमंत्री
साल 2003 में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव हुआ था। उस दौरान 10 साल से मध्य प्रदेश की सत्ता पर काबिज दिग्विजय सिंह को सत्ता से हटाने में उमा भारती ने अहम भूमिका निभाई। बता दें कि राज्य से कांग्रेस का सूपड़ा साफ करने के लिए भाजपा ने तत्कालीन कोयला मंत्री उमा भारती को प्रदेश बीजेपी का अध्यक्ष बनाया।
इसके बाद उमा भारती ने राज्य में भाजपा की ऐसी जड़ें जमाई, जिससे दिग्विजय सिंह की सत्ता का पत्ता पूरी तरह से साफ हो गया। राज्य में भाजपा की सरकार बनते ही पार्टी ने उमा भारती को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया। इस तरह से उमा राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री बनी थीं।
8 महीने बाद दिया इस्तीफा
उमा भारती सिर्फ 8 महीने मुख्यमंत्री पद पर रहीं, इसी दौरान साल 1994 में एक मामले में उनके खिलाफ वारंट जारी कर दिया गया। यह वारंट हुबली कोर्ट की तरफ से जारी किया गया था। जिसके बाद उनको सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा।