नेता जी सुभाष चंद्र बोस जयंती: सुभाष चंद्र बोस ने कैसे किया था आज़ाद हिंद फौज का गठन और आखिर बोस ने कांग्रेस से इस्तीफा क्यों दिया था?
Digital News Guru Delhi Desk: आज यानी 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म हुआ था। इसलिए हर साल 23 जनवरी को उनकी जयंती मनाई जाती है। इस दिवस को पराक्रम दिवस के तौर पर भी सेलिब्रेट किया जाता है। नेताजी ने देश सेवा में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था।
नेता जी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 में उड़ीसा में हुआ था। उनका जन्म एक माध्यमिक वर्गीय परिवार में हुआ था। उन्होंने गिने-चुने भारतीयों में से साल 1920 में आईपीएस परीक्षा में उत्तीर्ण आए थे। वह वर्ष 1921 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बने थे। उनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस और मां का नाम प्रभावती था, उनके पिताजी कटक शहर के मशहूर वकील थे।
सुभाष चंद्र बोस कुल मिलकर 14 भाई बहन थे।सुभाष चंद्र बोस एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। ‘तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा’ उन्होंने ने ही हमारे भारत को यह नारा दिया जिससे भारत के कई युवा वर्ग भारत से अंग्रेजों को बाहर निकालने की लड़ाई लड़ने के लिए प्रेरित हुये।
नेताजी सुभाषचन्द्र बोस न भारत की पहली सरकार का गठन किया था।
भारत पूर्ण स्वराज के साथ दुनिया से नजरें मिलाए यह सपना नेताजी सुभाषचन्द्र बोस का था। ऐसे कई मौके आए जब नेताजी ने भारत की गुलामी की जंजीरों को पिघलाने की कोशिश की। कभी जेल गए तो कभी ब्रिटिश हुकूमत को आसानी से चकमा देकर अपने सीक्रेट मिशन को पूरा करने में सफल रहे। वो जब तक रहे अंग्रेजी हुकूमत को चैन से सोने न दिया। भारत में आजादी का दिन 15 अगस्त 1947 के दिन के रूप में दर्ज है लेकिन आजादी के इस दिन से लगभग 4 साल पहले ही नेताजी सुभाषचन्द्र बोस ने हिन्दुस्तान की पहली सरकार का गठन कर दिया था।
21 अक्टूबर सन 1943 का दिन इतिहास कभी भी नही जायेगा, जब भारत पर अंग्रेजो कि पूरी हुकूमत थी और नेताजी ने सिंगापुर में आजाद हिंद फौज की स्थापना कर डाली थी। नेताजी का यह कदम अंग्रेजी सरकार को यह बतलाने के लिए पर्याप्त था कि भारत में उनकी सरकार का कोई अस्तित्व नहीं रह गया है भारतीय अपनी सरकार चलाने में सक्षम है।
आजाद हिंद फौज के सर्वोच्च सेनापति के तौर पर सुभाष चन्द्र बोस ने स्वतंत्र भारत की अस्थायी सरकार बनायी। जिसे 9 देशों ने मान्यता दी जिसमें जर्मनी, फिलीपींस, जापान जैसे देश शामिल थे। जापान के द्वारा अंडमान और निकोबार द्वीप आजाद हिंद सरकार को दे दिए गए जिनका सुभाषचन्द्र बोस ने नामकरण किया।
बोस ने कांग्रेस से इस्तीफा क्यों दिया था ?
जीबी पंत और सरदार पटेल जैसे बड़े नेताओं ने बोस से कार्य समिति गठित करने का आग्रह किया था, जिसमें गांधीजी द्वारा ही अनुमोदित सदस्य हों, लेकिन गांधीजी ने किसी भी नाम का सुझाव देने से साफ इनकार कर दिया था। जिस कारण बोस और महात्मा गांधी के बीच तनाव बढ़ गया जिसके कारण बोस ने 29 अप्रैल 1939 को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया।
पराक्रम दिवस के रूप में जयंती
बता दें कि साल 2021 तक 23 जनवरी का दिन नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के रूप में मनाया जाता था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लिए नेताजी के अतुलनीय योगदान को देखते हुए इसे पराक्रम दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। इसी दिन से 23 जनवरी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर हर साल पराक्रम दिवस मनाया जाता है। देश भर में इस मौके पर तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और सभी नेताजी के त्याग और बलिदान के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करते दिखाई देते हैं।
जानें नेताजी से जुड़ी बातें
- नेता जी का जन्म उड़ीसा के कटक में 23 जनवरी 1897 को हुआ था।
- उनके माता-पिता जानकी नाथ बोस और प्रभावती देवी थे।
- सन 1920 में होने सिविल सर्विस की परीक्षा पास की थी और इसमें उनकी चौथी रैंक आई थी। यह परीक्षा उन्होंने इंग्लैंड में पास की थी।
- देश का आजाद करने के लिए उन्होंने अपना सिविल सर्विस का पद त्याग दिया और आजादी के आंदोलन में कूद गए।
आजाद हिंद फौज की स्थापना नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने ही करी थी। - कहा जाता है कि 18 अगस्त 1945 को एक विमान हादसे में उनकी मृत्यु हो गई थी। हालांकि, इस बारे में अब तक कोई भी पुख्ता जानकारी या सबूत सामने नहीं आया है। इस साल सुभाष चंद्र बोस की 127वीं जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाई जा रही है।
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