“खोजो और मारो” अभियान के तहत ‘ड्रोन, चॉपर, खोजी कुत्तों’ के साथ जंगल का चप्पा-चप्पा खंगाल रहे कमांडो।
Digital News Guru Jammu & Kashmir Desk: सेना के वाहनों पर 21 दिसंबर को हुए आतंकवादी हमले के बाद जम्मू कश्मीर में राजौरी सेक्टर के डेरा की गली में वन क्षेत्र में सुरक्षा बलों का तलाशी का अभियान जारी है। पूरे जंगल का चप्पा-चप्पा खंगाला जा रहा है।
राजौरी और पुंछ जिले में लगातार बढ़ती आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए कश्मीर में चलाए गए ऑपरेशनल ऑल आउट की तर्ज पर ही एक बड़ा आतंकरोधी अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान की रणनीति को सेना, पुलिस और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा अगले एक-दो दिन में अंतिम रूप दे दिया जाएगा। सजगता-समन्वय और संहार इस अभियान का मूल मंत्र होगा।
24 सुरक्षाकर्मी हुए हैं शहीद
नियंत्रण रेखा के साथ सटे जिले राजौरी और पुंछ में इस वर्ष अब तक विभिन्न आतंकी हमलों में 24 सुरक्षाकर्मी बलिदानी हुए हैं और सात नागरिक मारे गए हैं। सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में 28 आतंकी भी मारे गए हैं। गुरुवार को पुंछ में घात लगाकर किए गए आतंकी हमले से सभी सुरक्षा एजेंसियां सकते में हैं, क्योंकि बलिदानी जवानों में से दो बलिदानियों के पार्थिव शरीर के साथ आतंकियों द्वारा बर्बरता किए जाने की भी सूचना है।
आतंकियों के पारिस्थितिक तंत्र को किया जाएगा नष्ट
बीते तीन वर्ष के दौरान राजौरी-पुंछ में आतंकी वारदात एक नई चुनौती के रूप में उभरी है। इन जिलों में आतंकी नियमित अंतराल पर सुरक्षाबलों पर सनसनीखेज हमले कर उन्हें भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे सुरक्षाबलों की ट्रेनिंग और सुरक्षातंत्र की समर्थता के साथ-साथ आतंकियों के पारिस्थितिक तंत्र के नष्ट होने के सरकारी दावों पर भी सवाल उठने लगे हैं।
सुरनकोट में हुए हमले से उपजे हालात का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को पुलिस महानिदेशक आरआर स्वैन और सेना की 16 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल संदीप जैन भी मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने पुंछ में संबंधित सैन्य व पुलिस अधिकारियों के साथ भी एक बैठक की। इसके अलावा एनआइए और अन्य केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों ने भी घटनास्थल का जायजा लेते हुए स्थिति का आकलन किया है।
संबंधित सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृहमंत्रालय और केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने सुरनकोट हमले का कड़ा नोटिस लिया है। इस मामले में संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की गई है। उनसे सभी कारणों को स्पष्ट करने को कहा गया है। इसके साथ ही उन्हें पहले हो चुके आतंकी हमलों के आधार पर एक व्यापक रणनीति तैयार करने को भी कहा गया है ताकि भविष्य में ऐसे हमलों को रोका जा सके।
‘खोजो और मारो’ अभियान चलेगा
सूत्रों ने बताया कि राजौरी-पुंछ में सक्रिय आतंकियों और उनके पारिस्थितिक तंत्र को नष्ट करने के लिए कश्मीर घाटी में वर्ष 2016 में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद चलाए गए आपरेशन आलआउट की तर्ज पर एक बड़ा अभियान शुरू किया जा रहा है। इसके तहत जिला राजौरी-पुंछ के एलओसी के साथ सटे इलाकों से लेकर पीर पंजाल के साथ सटे गांवों, जंगलों और नालों में तलाशी अभियान चलाए जाएंगे। यह एक तरह से खोजो और मारो अभियान होगा, जिसमें डोन और खेाजी कुत्तों की मदद ली जाएगी।
आतंकियों के नए-पुराने ओवरग्राउंड वर्करों की तैयारी होगी सूची
आतंकियों के नए और पुराने ओवरग्राउंड वर्करों और गाइडों की सूची तैयार कर उन्हें पकड़ा जाएगा। इलेक्ट्रानिक सर्विलांस को बढ़ाने के साथ ही ह्यूमन इंटेलीजेंस को बढ़ाया जाएगा। निष्कि्रय हो चुके मुखबिरों को फिर से सक्रिय किया जाएगा। ग्रामीणों के साथ संवाद को बढ़ाया जाएगा और सभी सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों में सभी आवश्यक सूचनाओं का रियल टाइम आदान प्रदान सुनिश्चित करते हुए उन पर तत्काल कार्रवाई के लिए एक साझा तंत्र भी विकसित किया जाएगा।