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हल्द्वानी हिंसा:
हल्द्वानी हिंसा के तीसरे दिन यानी कि आज शनिवार को भी कर्फ्यू लागू है। स्कूल-कॉलेज बंद होने के साथ, फेक अफवाहों को रोकने के लिए प्रशासन ने इंटरनेट सेवा को भी बंद करने का आदेश दिया है। हल्द्वानी के बाद रामनगर में भी धारा 144 लागू करके इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
इस बीच दंगाग्रस्त इलाके बनभूलपुरा को अर्द्धसैनिक बलों के हवाले कर दिया गया है। 2 किमी के इस दायरे में रहने वाली करीब 70 हजार की आबादी पूरी तरह से घरों में कैद हो गई है। पुलिस ने 18 लोगों को नामजद करते हुए 5000 उपद्रवियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। 10 से अधिक लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। स्थानीय प्रशासन ने दंगे में 5 लोगों की मौत की पुष्टि की है। एक युवक की मौत बरेली के निजी अस्पताल में होने की बात कही जा रही है। लेकिन प्रशासन इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बोले- हाईकोर्ट जज करें हल्द्वानी हिंसा की जांच :
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हल्द्वानी दौरे के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा भी हल्द्वानी पहुंचे। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि हल्द्वानी के दंगे स्थानीय प्रशासन और खुफिया तंत्र की नाकामी का नतीजा हैं। इसके लिए पूरी तरह प्रशासन ही जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा कि मलिक के बगीचे में सबंधित जमीन को नगर निगम ने लोगों से खाली करा लिया गया था। मदरसे को निगम ने सील भी कर दिया गया था। उस समय लोगों ने विरोध के बजाए प्रशासन का सहयोग किया था। मामले में सुनवाई के लिए 14 फरवरी की डेट लगी थी। फिर जल्दबाजी में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई क्यों की गई। माहरा ने पूरी हिंसा और इसके कारणों की हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जब भी इस तरह का दंगा हुआ है, हमेशा एक ही राजनीतिक पार्टी को इसका लाभ हुआ है। इसलिए इसकी जांच होनी चाहिए
दंगाग्रस्त इलाके से दूर इंदिरा नगर में मिली एक डेडबॉडी हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में हिंसा के बाद से अभी तक 5 डेडबॉडी मिल चुकी हैं। एक डेडबॉडी दंगाग्रस्त इलाके से काफी दूर इंदिरा नगर रेलवे फाटक के पास मिली। पुलिस ने अभी तक 5 लाशों का पोस्टमॉर्टम कराया है।
शुक्रवार को मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में जिन शवों के पोस्टमॉर्टम कराए गए उनमें फईम (26 साल) पुत्र मोहम्मद नासिर निवासी गांधी नगर हल्द्वानी, शहनवाज (20 साल) पुत्र शफीक अहमद निवासी आजाद नगर हल्द्वानी, अनस (16 साल) पुत्र जाहिद निवासी गफूर बस्ती हल्द्वानी, जाहिद (45 साल) पुत्र नूर मोहम्मद निवासी गफूर बस्ती हल्द्वानी और प्रकाश (23 साल) पुत्र श्याम देव निवासी शहना बाजपुर शामिल हैं।
इन सभी की मौत गोली लगने से बताई जा रही है। सूत्रों का कहना है कि आरिस नाम के युवक को भी सिर में गोली लगने के बाद बरेली रेफर किया गया था। बरेली के एक निजी अस्पताल में उसकी मौत की बात कही जा रही है, लेकिन स्थानीय प्रशासन इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है।
DGP ने कहा-
उपद्रवियों पर NSA लगाएंगे उत्तराखंड के डीजीपी अभिनव कुमार ने हल्द्वानी में मीडिया से कहा कि बनभूलपुरा हिंसा को जिस तरह अंजाम दिया गया है वो सोची समझी साजिश का हिस्सा लग रही है। इसमें शामिल उपद्रवियों के खिलाफ पुलिस एनएसए और यूएपीए के तहत कार्रवाई करेगी। इससे पहले उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और डीजीपी अभिनव कुमार ने दंगाग्रस्त इलाके बनभूलपुरा का दौरा किया।
आगजनी में 10 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हल्द्वानी के सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट का कहना है कि हिंसा में नगर निगम की करीब 5 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ है। उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाने को आग लगा दी थी। पुलिस के वाहनों में भी आग लगाई। पुलिस का भी करीब 2 करोड़ रुपये का नुकसान बताया जा रहा है। टोटल करीब 10 करोड़ रुपये की संपत्ति के नुकसान की बात कही जा रही है। सीएम पुष्कर सिंह धामी साफ कर चुके हैं कि इस नुकसान की भरपाई उपद्रवियों से की जाएगी।
इंटरनेट बंद, हल्द्वानी में नहीं होगा ग्रेजुएट एप्टीट्यूट टेस्ट हल्द्वानी में शनिवार और रविवार को तीन केंद्रों पर ग्रेजुएट एप्टीट्यूट टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट) की परीक्षा होनी थी। लेकिन इंटरनेट सेवा ठप होने के कारण अब इसके सेंटर बदल दिए गए हैं।
70 हजार की आबादी घरों में कैद, दूध-सब्जी को तरसे लोग:
हल्द्वानी के बनभूलपुरा थाना क्षेत्र में मलिक के बगीचे और आसपास के करीब 2 किमी एरिया को पुलिस ने सील कर दिया है। इस इलाके में कर्फ्यू लगा है और दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश हैं। ये पूरा मुस्लिम बहुल इलाका है। इस एरिया में करीब 70 हजार की आबादी रहती है।
गुरुवार शाम को हिंसा भड़कने के बाद से ही ये लोग घरों में कैद हैं। इस इलाके में प्रशासन की ओर से दूध, सब्जी और रोजमर्रा की जरूरत की चीजों की सप्लाई की भी कोई व्यवस्था अभी तक नहीं की गई है। इस इलाके में पुलिस के साथ ही अद्धसैनिक बल लगातार रूट मार्च कर रहे हैं। स्थानीय पुलिस-प्रशासन ने इस इलाके में मीडिया कवरेज पर भी रोक लगा रखी है।
दंगाइयों ने पहले महिलाओं को आगे किया फिर पेट्रोल बम चलाए:
चश्मदीद खालिद खान ने दैनिक भास्कर को बताया कि गुरुवार शाम करीब 4:30 बजे जैसे ही निगम की जेसीबी ने मदरसे को गिराना शुरू किया। स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। पहले महिलाएं आगे आईं। इसके बाद पुरुषों ने हमला कर दिया।
आस-पास के घरों से पथराव हुआ। छतों से पेट्रोल बम भी चलाए गए। देखते-देखते हिंसा भड़कती गई और भीड़ ने 50 बाइक, पुलिस की डायल 112 की गाड़ी और जेसीबी में आग लगा दी। इसके बाद करीब 2 किमी का इलाका पूरी तरह से हिंसा की चपेट में आ गया। डीएम का कहना है कि उपद्रवियों ने पथराव से शुरुआत की थी फिर उन्होंने गोली और पेट्रोल बम भी चलाए।
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