Saturday, September 21, 2024

आखिर शिवलिंग पूजा में बेलपत्र का क्या महत्व है ? बहुत ही प्रिय है महादेव को बेलपत्र

DIGITAL NEWS GURU RELIGIOUS DESK:

आखिर शिवलिंग पूजा में बेलपत्र का क्या महत्व है ? बहुत ही प्रिय है महादेव को बेलपत्र

महादेव के इस पावन माह सावन के अवसर और महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव जी की पूजा की जाती है। हर रोज महादेव के करोड़ों भक्त उनकी पूजा अर्चना करते है परंतु इन दिनों भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा होती है।

धर्म और शास्त्रों में ऐसा माना गया है कि भगवान शिव की पूजा में उनकी प्रिय चीजों को अर्पित करने से वह प्रसन्न हो जाते हैं। वैसे तो भगवान शिव की पूजा में बहुत सारी चीजें चढ़ाई जाती हैं लेकिन सबसे ज्यादा महत्व और उनकी प्रिय बेलपत्र को माना गया है।

ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद शास्त्री बताते हैं, ‘कि शिवलिंग की पूजा में बहुत सारी चीजें चढ़ाई जाती हैं, लेकिन बेलपत्र भगवान शिव को अति प्रिय है। बेल के पेड़ की पत्तियों का शिव पूजन में बहुत ही अधिक महत्व है। इस पेड़ की पत्तियां एक साथ 3 की संख्या में जुड़ी होती हैं और इसे 1 ही पत्ती माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि बिना बेलपत्र के शिव जी की उपासना पूरी नहीं होती है।’शास्त्रों में भगवान शिव को बेलपत्र आर्पित करने की एक विधि होती है। चलिए जानते हैं कि शिवलिंग पूजा में किस विधि से बेलपत्र चढ़ाया जाना चाहिए।

 बेलपत्र का महत्व 

बिल्वाष्टक और शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव को बेलपत्र अत्यंत प्रिय है। वहीं स्कंदपुराण में बल पत्र के महत्व के बारे में बताया गया है। ऐसा कहा गया है कि यदि बेलपत्र के साथ शिवलिंग की पूजा की जाए तो सभी पापों का नाश होता है।’ एक कथा के अनुसार एक बार माता पार्वती को बहुत पसीना आ रहा था।

तब उन्होंने अपनी उंगलियों से माथे के पसीने को साफ किया। इससे पसीने की कुछ बूंदे मदार पर्वत पर जा गिरी और उन्हीं बूंदों से बेल का पेड़ उत्पन्न हुआ। बेलपत्र का महत्व यही खत्म नहीं होता है। ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री बताते हैं।

‘ बेलपत्र को हिंदू धर्म में काफी पवित्र माना गया है। इसमें मां पार्वती यानि की गौरा जी के कई रूपों का वास होता है। बेलपत्र के वृक्ष की जड़ों में (माँ गिरिजा, तने में मां महेश्वरी और इसकी शाखाओं में मांं दक्षयायनी व इसकी पत्तियों में माँ पार्वती और साथ ही इसके फूलों में मांं गौरी तथा बेल पत्र के फलों में माँ कात्यायनी आदि रूप निवास करते हैं। इतना ही नही बल्कि इसमें मां लक्ष्मी का भी वास होता है।)

यदि आप अपने घर के आंगन या किसी भी पवित्र स्थान में बेल का पेड़ लगाती हैं तो माता स्वयं उस घर में निवास करती हैं और बहुत ही प्रसन्न होती हैं और घर में वैभव सुख शांति और समृद्धि आती है।’।

 शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने के होते हैं कई लाभ 

1.भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाने से आपके जीवन और घर के कलेश और दरिद्रता दूर हो जाती है और धन-धान्य में बढ़ोतरी होती है।

2.जो कुंवारी लड़कियां भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र चढ़ाती हैं, उन्हे उन्हें महचाहा वर प्राप्त होता हैं और महिलाओं को अखंड सौभाग्य पप्राप्त होता है।

3.यदि भगवान शिव से आपकी कोई मनोकामना है, तो बेलपत्र पर चंदन से राम या फिर ओम नमः शिवाय लिखकर भोलेनाथ को अर्पित करें।

4.शिव जी को बेलपत्र चढ़ाने से शिव की कृपा बनी रहती हैं।

शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने के नियम

1.यदि आप भगवान शिव को तीन मुखी वाला बेलपत्र अर्पित करते हैं, तो ध्यान रखें उसमें कोई दाग धब्बा या फिर कटा नहीं होना चाहिए।

2.सूखे बेलपत्र को कभी शिवलिंग पर अर्पित न करें ।

3.बेलपत्र को साफ पानी से धोकर ही चढ़ाए,फिर उसके चिकने हिस्से को शिवलिंग पर अर्पित करें।

4.बेलपत्र बासी या फिर मुरझाया हुआ नहीं होना चाहिए।

5.महादेव को कम से कम 1 बेलपत्र तो जरूर चढ़ाएं, वैसे बेलपत्र 11, 21 की संख्या पर चढ़ाया जाता है।

 किन नियमों को ध्यान में रखकर बेलपत्र तोड़े 

  • यदि आप बेलपत्र तोड़ने जा रहे हैं, तो भगवान शिव का नाम अवश्य लें।
  • बेलपत्र को पूरी टहनी सहित नहीं तोड़ना चाहिए।
  • बेलपत्र को चतुर्थी, नवमी तिथि ,शिवरात्रि, अमावस्या और सोमवार के दिन तो बिल्कुल न तोड़ें।
  • सूर्यास्त होने के बाद बेलपत्र क्या किसी की पौधे को नहीं तोड़ना चाहिए।

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