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Prakash Padukone birthday special: भारतीय बैडमिंटन के पथ प्रदर्शक रहे हैं प्रकाश पादुकोण
Prakash Padukone birthday: पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी ऑल इंग्लैंड ओपन जीतने वाले और बैडमिंटन में दुनिया में पहले पायदान पर पहुंचने वाले पहले भारतीय प्रकाश पादुकोण (Prakash Padukone) हैं। प्रकाश पादुकोण (Prakash Padukone) 10 जून को 66 साल के हो गए हैं। निस्संदेह वह भारतीय इतिहास के महानतम एथलीटों में से एक हैं। वो 1970 और 80 के दशक में भारतीय बैडमिंटन के पथ प्रदर्शक रहे और उन्होंने कई बड़े मुकाबलों में जीत हासिल की।
उन्हें बैडमिंटन खेल से परिचय उनके पिता रमेश पादुकोण (Ramesh Padukone) ने कराया था, जो मैसूर बैडमिंटन एसोसिएशन के सचिव थे। साल 1972 में भारतीय राष्ट्रीय जूनियर खिताब जीतकर पादुकोण ने पहली बार सफलता का स्वाद चखा हुआ था।
प्रकाश पादुकोण (Prakash Padukone) दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक के रूप में विकसित हुए और भारत को बैडमिंटन के नक्शे पर ला खड़ा किया। उनके जन्मदिन के अवसर पर हम भारत के लिए उनके द्वारा हासिल की गई कुछ उपलब्धियों पर एक नज़र डालते हैं.
ऑल इंग्लैंड ओपन में जीत हासिल की प्रकाश पादुकोण (Prakash Padukone) ने
प्रकाश पादुकोण (Prakash Padukone) 1980 में ऑल इंग्लैंड ओपन जीतने वाले पहले भारतीय हैं। इस टूर्नामेंट को टेनिस के प्रख्यात विंबलडन आयोजन के समकक्ष माना जाता है। उनका दबदबा ऐसा था कि उन्होंने राउंड 16 में इंडोनेशिया के **लुलुक हदियांतो (Luluk Hadiyanto)**को 15-0, 15-0 से हराया। क्वार्टर फाइनल में भी उनकी शानदार फॉर्म जारी रही और उन्होंने पूर्व ऑल इंग्लैंड चैंपियन **स्वेन्द प्री (Svend Pri)**को 15-4, 15-4 से हरा दिया।
सेमीफाइनल में उनका सामना डेनमार्क के फ्रॉस्ट हैनसेन (Frost Hansen) से हुआ और पादुकोण ने सीधे गेम (15-8, 15-10) में आराम से मैच जीत लिया। फाइनल में प्रकाश पादुकोण (Prakash Padukone)का मुकाबला इंडोनेशिया के दिग्गज लीम स्वी किंग (Liem Swie King) से था। भारतीय मे प्रकाश उनको संभालने के लिए ही काफी थे। प्रकाश पादुकोण ने अपना पहला गेम 15-3 से जीत लिया था और फिर उसके बाद में 15-10 से जीतकर ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप पर अपना कब्जा कर लिया था ।
दुनिया में पहले पायदान पर पहुंचे प्रकाश पादुकोण (Prakash Padukone)
1980 में पादुकोण दुनिया में शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी बन गए। उस साल वो बेहतरीन फॉर्म में थे। उन्होंने डेनिश और ऑल इंग्लैंड खिताब के अलावा स्वीडिश ओपन सहित ग्रैंड प्रिक्स खिताब की हैट्रिक लगाई थी। उन्होंने स्वीडिश ओपन के फाइनल में पहली बार इंडोनेशिया के अपने आदर्श रूडी हार्टोनो (Rudi Hartono) को हराया। यह स्मृति उनके लिए सबसे प्रिय है।
उनके अलावा साइना नेहवाल (Saina Nehwal) विश्व रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचने वाली दूसरी भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। लंदन 2012 की कांस्य पदक विजेता नेहवाल अप्रैल, 2015 में नंबर 1 पर पहुंची थीं।विश्व चैम्पियनशिप 1983 पादुकोण ने क्वार्टर फाइनल में लुआन जिन (Luan Jin) को 15-3, 15-9 से हराकर अंतिम चार में जगह बनाई थी। हालांकि, सेमीफाइनल में उन्होंने इंडोनेशिया के इकुक सुगियार्तो (Icuk Sugiarto) से मुकाबला किया था।
सुगियार्तो ने पादुकोण के खिलाफ भी अपना विजयी फॉर्म को जारी रखते हुए 9-15, 15-7, 15-1 से जीत हासिल की। हालांकि, सेमीफाइनल में पहुंचना पादुकोण के लिए कांस्य पदक जीतने और विश्व चैम्पियनशिप पदक जीतने वाले पहले भारतीय बनने के लिए काफी था।
विश्व कप 1980
पादुकोण ने 1980 के विश्व कप में सेमीफाइनल में हार के बाद कांस्य पदक जीता था। हालांकि, एक साल बाद उन्होंने अपने प्रदर्शन में सुधार किया और स्वर्ण पदक हासिल किया। उन्होंने सेमीफाइनल में चीन के चेन कांगजी (Chen Changjie) को 15-6, 15-8 से हराया और फिर फाइनल में हान जियान (Han Jian) को 15-0, 18-16 से मात दी।
प्रकाश पादुकोण (Prakash Padukone) ने डेनमार्क ओपन जीता
पादुकोण ने फाइनल में स्थानीय युवा और प्रशंसकों के पसंदीदा मोर्टन फ्रॉस्ट (Morten Frost) को हराकर 1980 में डेनमार्क ओपन जीता। डेनमार्क ओपन खेल के पुराने टूर्नामेंटों में से एक है और यह पहली बार 1935 में खेला गया था।
भारतीय ने पहला गेम 15-7 से जीता, लेकिन दूसरे गेम में फ्रॉस्ट ने अपने प्रतिद्वंद्वी को कड़ी टक्कर दी। हालांकि, लम्बे मुकाबले के बाद पादुकोण, फ्रॉस्ट को 18-13 से हराकर प्रतिष्ठित डेनमार्क ओपन खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बने।