Sunday, September 22, 2024

Shivpal Yadav birthday special : शिवपाल यादव बचपन से ही थे काफी सामाजिक , लोगों की मदद करते-करते बन गए है नेता !

Shivpal Yadav birthday special : शिवपाल यादव बचपन से ही थे काफी सामाजिक , लोगों की मदद करते-करते बन गए है नेता !

शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) बचपन से ही काफी सामाजिक व्यक्ति हुआ थे। वह गरीब मरीजों को समय पर अस्‍पताल पहुंचाते थे और जिन भी लोगों की सुनवाई सरकारी दफ्तरों में नहीं होती थी तो उनके अटके हुए काम भी करवाते थे। इस दौरान आम लोगों के लिए थाना-कचहरी में चक्‍कर लगाना और उनको न्‍याय दिलाने के लिए धरना प्रदर्शन करना शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) का पसंदीदा काम था इस दौरान वह सोशलिस्‍ट पार्टी के कार्यक्रमों में और मंच पर भाग भी लेते थे।

शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) समाजवादी पार्टी के नेता हैं और सपा संस्‍थापक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई हैं। उत्‍तरप्रदेश की सियासत में सपा को मजबूती के साथ स्‍थापित करने में शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) का बहुत बड़ा योगदान रहा है। राजनीतिक जानकार तो यहां तक कहते हैं क‍ि सपा जब-जब सत्‍ता में रही उस दौरान जितने भी फैसले पार्टी की ओर से लिए जाते थे। इनमें सबसे बड़ी भूमिका शिवपाल यादव पर्दे के पीछे रहकर निभाते थे।

 

सैफई से तय किया लखनऊ  का सफर:

शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) का जन्‍म इटावा के सैफई में हुआ था । शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) का जन्म 6 अप्रैल साल 1955 को हुआ था। शिवपाल सिंह यादव कि शुरुआती शिक्षा गांव के स्‍कूल में ही हुई थी। यहां से उन्‍होंने दसवीं और बारहवीं की परीक्षा पास करी थी। साल 1976 में शिवपाल यादव ने ग्रेजुएशन की डिग्री केके कॉलेज से हासिल करी थी। इसके बाद वह लखनऊ आ गए थे। यहां उन्‍होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीपीएड की डिग्री ले ली थी ।

 

लोगों की मदद करते-करते बन गए नेता:

शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) बचपन से ही काफी सामाजिक हुआ करते थे। आम लोगों के लिए थाना-कचहरी के चक्‍कर लगाना हो या फिर उनको न्‍याय दिलाने के लिए धरना प्रदर्शन करना हो शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) का लोगों की मदद करना सबसे पसंदीदा काम था।

इस दौरान वह सोशलिस्‍ट पार्टी के कार्यक्रमों में और मंच पर भाग लेते रहते थे बता दें क‍ि बाबू कपिलदेव, चौधरी चरण सिंह और जनेश्‍वर मिश्र जैसे बड़े नेता जब इटावा आते तो उनकी सभा गांवों, नुक्‍कड़, कस्‍बों में आयोजित करवाने की जिम्‍मेदारी भी शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) की होती थी। इसके साथ ही वह चुनावी कार्यक्रम में पर्चे तक बांटते थे ताक‍ि लोगों को अधिक से अधिक जोड़ा जा सके। साल 1988 में व‍ह इटावा जिला सहकारी बैंक के अध्‍यक्ष चुने गए। बस यहीं से उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत हो गई।

सपा को मजबूत करने के लिए गांव-गांव घूमे पैदल:

शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) के लिए हमेशा ये कहा जाता है क‍ि उन्‍होंने सपा को उत्‍तरप्रदेश में स्‍थापित करने के लिए पूरे उत्तर प्रदेश को अपने कदमों से नाप दिया था। सपा पार्टी को लोगों तक पहुंचाने के लिए वह हर गांव में कई बार पैदल ही पहुँच जाते थे ।

90 के दशक में पहली बार शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) जसवंत नगर से विधायक बने थे । इसके बाद सपा में उनका कद बढ़ता ही चला गया था । साल 2007 में प्रदेश अध्‍यक्ष रामशरण दास जब बीमार हुए तो मेरठ अधिवेशन में शि‍वपाल यादव को सपा का कार्यवाहक अध्‍यक्ष बनाने का फैसला लिया गया था इसके बाद वह सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे थे ।

परिवार में अनबन होने के बाद बना ली थी अपनी अलग पार्टी:

अपने पारिवारिक मनमुटाव होने के चलते शिवपाल सिंह यादव ने अपनी एक अलग पार्टी बनाने का ऐलान कर डाला था । शिवपाल ने कहा क‍ि वह सपा को छोड़ रहे है। साल 2017 मे 31 जनवरी को उन्‍होंने घोषणा क‍रते हुए ये कहा था क‍ि वह साल 2017 विधानसभा चुनाव के बाद अपनी एक नई राजनीतिक पार्टी का गठन कर रहे है और साल 2018 में 28 सितंंबर को शिवपाल सिंह यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी नामक पार्टी का गठन कर दिया था।

24 अक्‍टूबर साल 2018 को उन्‍हें अधिकारिक तौर पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) नाम की पार्टी के लिए चुनाव आयोग की भी मंजूरी मिल गई थी। हालांक‍ि बाद में पारिवारिक मनमुटाव को दूर करते हुए शिवपाल वापस सपा पार्टी मे आ गए थे । मैनपुरी के उपचुनाव में उन्‍होंने अपनी बहु डिंपल यादव के लिए धुआंधार प्रचार भी किया था और उन्‍हें वहां से जीताकर सदन भी भेजा था ।

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