विश्व हिंदी दिवस: साल मे 2 बार क्यों मनाया जाता है हिन्दी दिवस? जानिए राष्ट्रीय और विश्व हिंदी दिवस में क्या है अंतर
Digital News Guru Delhi Desk: हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा व राजभाषा दोनों है उत्तर भारत के कई राज्यों में हिंदी भाषा प्रमुख है हिंदी भारत के अलावा भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका में भी बोली जाती है। इसके अलावा दुनिया के कई देशों में यह भाषा लोकप्रिय है और मॉरीशस जैसे देशों में भी बोली जाती है।
हर साल 2 बार हिंदी दिवस मनाया जाता है ऐसे में अक्सर लोगों के मन मे यह सवाल उठता है कि यह दिवस साल में दो बार क्यों मनाया जाता है। चलिये पता करते है कि इसके पीछे की क्या कहानी है।
जन-जन की भाषा हिंदी भाषा के रूप में जानी जाती है और हिंदी भाषा को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए हिंदी दिवस के उपलक्ष पर बहुत से समारोह का आयोजन किया जाता है। हर साल 2 बार हिंदी दिवस मनाया जाता है ऐसे में अक्सर लोगों के मन मे यह सवाल उठता है कि यह दिवस साल में दो बार क्यों मनाया जाता है। चलिये पता करते है कि इसके पीछे की क्या कहानी है।
हिन्दी दिवस साल मे 2 बार मनाया जाता है
हर साल 10 जनवरी और 14 सितंबर को हिंदी दिवस के अवसर पर देश दुनिया में कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल हमेशा उठता है कि यह साल में 2 बार क्यों मनाया जाता है और दोनों दिनों के आयोजन में अलग क्या है। तो चलिये अब आगे देखते है कि हिन्दी दिवस साल मे दो बार क्यों मनाया जाता है…
हिंदी दिवस 14 सितंबर को क्यों मनाया जाता है?
भारत में हिंदी भाषा का अपना अलग ही महत्व है। हिंदी भाषा को मान्यता देते हुए 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया था। हिंदी भाषा देश के अधिकतर क्षेत्रों में बोली जाती जिस कारण हिंदी को राजभाषा बनाने का निर्णय लिया गया।
देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने खुद हिंदी के लिए 14 तारीख का चयन किया था तब से 14 सितंबर को पूरे देश में हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। साल 1918 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हिन्दी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी भाषा को राजभाषा बनाने पर जोर दिया था और इसे जनमानस की भाषा भी कहा था।
10 जनवरी को क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस?
10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस प्रतिवर्ष पूरी दुनिया में मनाया जाता है इसको मनाने का उद्देश्य हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए लोगों के मन में जागरूकता पैदा करना और वैश्विक स्तर पर इसे एक अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में प्रदर्शित करना है। इस अवसर पर दुनिया भर के भारत दूतावासों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किये जाते है।
वैश्विक स्तर पर हिंदी को लेकर पहला आयोजन 10 जनवरी 1974 को महाराष्ट्र के नागपुर में किया गया था। इस सम्मेलन में 30 देशों के 122 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने प्रथम विश्व हिंदी समारोह का उद्घाटन किया था, 2006 में भारतीय प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।
विश्व हिंदी दिवस और राष्ट्रीय हिंदी दिवस में क्या है अंतर?
अब दोनों दिनों के बीच का अंतर समझते है। दरअसल, दोनों दिनों (10 जनवरी और 14 सितम्बर) के हिंदी का मुख्य उद्देश्य हिंदी का प्रचार-प्रसार करना ही है। 14 सितम्बर को को पूरे देश में राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है। वहीं हर साल 10 जनवरी को पूरी दुनिया में विश्न हिंदी दिवस मनाया जाता जाता है।
हिंदी दिवस की शुभकामनाएं
- हिंदी भाषा नहीं भावों की अभिव्यक्ति है,
यह मातृभूमि पर मर मिटने की भक्ति है। - आओ कुछ ऐसा करें बढ़े हिंदी की शान दिल से करें अपनी मातृभाषा का सम्मान।
- आज फिर से कह दो कि यही है अपनी पहचान हिंदी है हम और हिंदी भाषा है हमारी शान।
- भाषा अच्छी है चाहे हो मराठी बंगाली या सिंधी, जिसमें बसता है भारत वह है हमारी प्यारी हिंदी।
हिंदी भाषा का महत्व
वर्ल्ड लैंग्वेज डेटाबेस के मुताबिक, हिंदी भाषा वर्तमान समय में 61 करोड़ लोगों द्वारा बोली जाती है। हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर अखिल भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलनों का आयोजन किया जाता है। विश्व हिन्दी सचिवालय मॉरीसस में स्थित है, यह सचिवालय भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए 11 फरवरी 2008 से कार्यरत है।
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