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22 जनवरी यानी प्राण प्रतिष्ठा के दिन ही अयोध्या आएंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब 22 जनवरी यानी प्राण प्रतिष्ठा के दिन ही अयोध्या आएंगे। वह 4 घंटे रामनगरी में रुकेंगे। सुबह 10.30 बजे विमान से अयोध्या के महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरेंगे। 11 बजे राम मंदिर पहुंच जाएंगे। यहां 3 घंटे रुकेंगे। प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने से पहले PM राम मंदिर परिसर में लगी जटायु की प्रतिमा का इनॉगरेशन करके पूजा करेंगे।
प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 12.20 से 1 बजे तक होगा। PM के सामने रामलला की आंखों से पट्टी खोली जाएगी। वे रामलला को सोने की सलाई से काजल लगाकर उनको शीशा दिखाएंगे। इसके बाद मोदी, मोहन भागवत और ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास अपने विचार रखेंगे। इसके बाद दोपहर 3.30 बजे दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।
प्रशासनिक सूत्रों ने पीएम के कार्यक्रम को कंफर्म किया है। हालांकि, ऑफिशियली पीएम के कार्यक्रम की जानकारी नहीं दी गई है।
पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज आने का बन रहा था कार्यक्रम:
इससे पहले, पीएम का प्राण प्रतिष्ठा से एक दिन पहले यानी आज 21 जनवरी को अयोध्या पहुंचने का कार्यक्रम बन रहा था। मुहूर्त और मौसम को इसकी वजह बताया जा रहा था। यही नहीं, पीएम के सरयू स्नान, नागेश्वरनाथ महादेव मंदिर में जलाभिषेक करने की बात मंदिर ट्रस्ट के सूत्रों ने बताई थी। हालांकि, यह कार्यक्रम फाइनल नहीं हुआ है।
थेपला, कचौड़ी चखेंगे PM और मेहमान प्राण प्रतिष्ठा के बाद मेहमानों के भोजन के लिए भी खास व्यवस्था की गई है। इसमें बेसन और मेथी से बने थेपला, मटर की कचौड़ी, गाजर-मटर की सब्जी, बादाम की बर्फी और आम का अचार परोसा जाएगा। PM खास मेहमानों के साथ इसका स्वाद चखेंगे।
रामलला की मूर्ति को कर्नाटक के कलाकार योगीराज ने बनाई है :
रामलला की प्रतिमा तैयार करने वाले 37 साल के अरुण योगीराज कर्नाटक के रहने वाले हैं। वो मैसूर महल के कलाकारों के परिवार से आते हैं। उन्होंने 2008 में मैसूर विश्वविद्यालय से MBA किया। फिर एक निजी कंपनी के लिए काम किया। इसके बाद उन्होंने प्रतिमा बनाने का काम शुरू किया। उन्हें बचपन से प्रतिमाएं बनाने का शौक था।
अरुण योगीराज ने ही जगदगुरु शंकराचार्य की भव्य प्रतिमा का निर्माण किया था, जिसे केदारनाथ में स्थापित किया गया है। इंडिया गेट पर 2022 में स्थापित नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा भी अरुण ने ही बनाई है। PM मोदी भी उनके काम की तारीफ कर चुके हैं।
श्री राम लला की 3 प्रतिमाएं बनवाई गई थी :
अयोध्या के राम मंदिर के गर्भगृह के लिए रामलला की 3 प्रतिमाएं बनवाई गई थीं। तीनों की लंबाई 51-51 इंच है। तीनों प्रतिमाओं में कमल आसन पर विराजमान रामलला के पांच साल के बाल स्वरूप को दर्शाया गया है।
एक प्रतिमा गर्भगृह में स्थापित कर दी गई है। बाकी की दो प्रतिमाएं राम मंदिर के अलग-अलग फ्लोर पर स्थापित होंगी।
दो प्रतिमाएं काले पत्थर की और एक प्रतिमा संगमरमर की है:
दो प्रतिमाएं दक्षिण के कलाकारों (गणेश भट्ट और अरुण योगीराज) ने बनाईं, जबकि एक राजस्थान के सत्यनारायण पांडेय ने बनाई है। दक्षिण की मूर्तियां काले पत्थर की हैं।
यहां जानिए, मूर्ति में क्या विशेष है…
- रामलला की यह मूर्ति कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई है। इसकी खास बात यह है कि इसे एक ही पतथर से बनाया गया है, यानी कि पत्थर में कोई भी दूसरा पत्थर नहीं जोड़ा गया है।
- इस मूर्ति का वजन करीब 200 किलोग्राम है। मूर्ति की ऊंचाई 4.24 फीट और चौड़ाई तीन फीट है। इस मूर्ति में भगवान श्रीराम को पांच साल के बाल स्वरूप को दर्शाया गया है।
मूर्ति में विष्णु के कौन-से अवतार हैं?
मत्स्य कूर्म वराह नृसिंह वामन परशुराम कृष्ण बुद्ध कल्कि प्रतिमा के एक ओर हनुमान तो दूसरी ओर गरुड़ नजर आ रहे हैं।
सूर्य भगवान के अलावा ये हैं धार्मिक चिह्न:
रामलला की इस मूर्ति में मुकुट की साइड सूर्य भगवान, शंख, स्वस्तिक, चक्र और गदा नजर आएगा। मूर्ति में रामलला के बाएं हाथ को धनुष-बाण पकड़ने की मुद्रा में दिखाया गया है। हालांकि, प्रतिमा पर अभी धनुष-बाण नहीं लगाया गया है।
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