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वनों के महत्व
जैसे ही हम वनों का नाम सुनते है वैसे ही हम लोग को ,हरियाली फल ,फूलों ,पेड़ ,पौधे और भी बहुत सारी चीज़े हम लोगों को ध्यान आने लगती है। साथ ही वनों मे बहुत सारे जीवों के घर भी होते है। और साथ ही छोटे कीड़े हो गए या बड़े जीव जंतु सब उसी वनों मे रहते है। दुनिया भर मे जमीन का 30% हिस्से मे सिर्फ जंगल है। जंगल जो प्रकृति चीजों से भरा हुआ है वो हम इंसानो को बहुत बहुत सारी जरूरत वाली चीज़े देती है।
वनों से हम इंसानो को पेड़ पौधे जड़ी बूटी आदि मिलती है। पेड़ हमेशा प्रदूषण को दूर कर के पर्यावरण को शुद्ध करने का काम करता है। साथ ही सबसे बड़ी चीज पेड़ों से हम लोगो को ऑक्सीजन मिलती है, जिससे हम सांस ले पाते है। पेड़ों से मिल रही ऑक्सीजन से हम इंसान और जीव जंतु सब लोग जीवित रह पाते है।
जंगल एक तरह से कई लोगों के लिए रोजगार का साधन भी है। कई लोग लकड़ी के उत्पादन से अपना जीवन यापन कर रहे है। कई लोगों के लिए वनों का धार्मिक महत्व भी है। कई लोग जंगल और पेड़ पौधों की पूजा करते है और उसे पवित्र खाचा भी कहते है।
वनों की कटाई के हानिकारक प्रभाव:-
मानव जीवन या कई प्राकृतिक कारण हो सकते है जिनके कारण पेड़ों की कटाई की जा रही है। जिस कारण वन कम होते जा रहे है। अगर बात करे नये शहर बसाने के लिए पेड़ों का काटना भी एक प्रमुख कारण है। जिस कारण वन कम हो रहा है। और शहरीकरण की गतिविधियाँ बढ़ रही है ।
वनों का कटना हमारे पर्यावरण के लिए बहुत बड़ा खतरा है। लेकिन फिर भी लोग जंगल को काट के नई गतिविधियाँ कर रहे है। इसके अलावा पारिस्थितिक असंतुलन पैदा हो रहा है। इस असंतुलन का सबसे बड़ा कारण है की जो जीव जंतु गायब हो रहे है पौधे कम हो रहे है। मानव जाति अपने हित के लिए दूसरी चीजों का नुकसान कर रहे है।
और अपनी जेबे भर रहे है। लेकिन सरकार ने अब पर्यावरण से होने वाले नुकसान को रोकने के उपाय कर रही है। आज कल लोग अपने भविष्य की चिंता नही करता है। और एक लालची इंसान की तरह बस उधोग और अपने रहने के लिए बिल्डिंग आदि बनाने के लिए वह लोग पेड़ों की कटाई कर देते है।
इस प्रकार जंगल धीरे धीरे कम हो रहा है। हाल ही मे एक अध्ययन से पता चला है की यदि वनों की कटाई ऐसे ही चलती रही तो अब से 50 साल बाद इसमें 35 % की ज्यादा वृद्धि हो जायेगी। इसका मतलब ये है की वन का जलना और कटना और बढ़ जायेगा।
पेड़ों की कटाई से जलवायु परिवर्तन हो जाता है। साथ ही पेड़ कटने से वायु प्रदूषण भी बहुत होता है। जब हम लोग पेड़ काटते है तो जंगल कम हो जाते है और इसी कारण जीव जंतु भी धीरे धीरे कर के गायब हो रहे है।पेड़ कम होने से कई जगह भूस्खलन जैसी समस्या हो जाती है मिट्टी से जो पेड़ बंधे होते है जब उनको काट दिया जाता है।
जिससे हवा और पानी मिट्टी की उपरी परत को उड़ा ले जाती है। जिससे भूस्खलन जैसी आपदा आ जाती है। और कई लोगों की जान भी चली जाती है।पेड़ कटने से ग्लोबल वॉर्मिंग का खतरा भी बढ़ता है। हर मौसम का देरी से आना इस साल मैदानी इलाकों मे पारा 50 डिग्री के उपर था। इसके अलावा ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण हिमालय का ग्लेशियर पिघल रहा है।
इसके कारण पहाड़ी क्षेत्रों मे बाढ़ की समस्या हो रही है। इसके अलावा कई जगह पर पीने वाला पानी भी नही मिल रहा है।पेड़ कटने से वर्षा भी कम हो रही है जिसके कारण पानी की दर कम हो रही है। और वर्षा कम होती है जिससे कृषि प्रभावित होती है और अच्छी फसल नही होती ।
वनों की कटाई को कैसे रोके :
वनों की कटाई के लिए हमको बहुत सारे उपाय करने चाहिए। सबसे पहले हम सब को मिलकर पौधारोपण करना चाहिए। साथ ही जंगल मे पेड़ों को नही काटना चाहिये। साथ ही हर जगह पेड़ों को लगाना चाहिए। अपने घर मे छोटे छोटे पेड़ लगाने चाहिए। पेड़ कम होने से कई जीव विलुप्त हो गए है क्यों की उनको उनका भोजन नही मिलता था।
पेड़ ज्यादा से ज्यादा लगाने से हमारा वातावरण भी शुद्ध होगा । पेड़ एक प्राकृतिक प्यूरीफायर का काम करता है। पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड गैस को अवशोषित करके हम लोगों को शुद्ध ऑक्सीजन प्रदान करती है। इसी कारण हम सभी को मिलकर पेड़ों को लगाना चाहिए। साथ ही उनको कटने से भी रोकना चाहिए।
” पेड़ लगाओ – वातावरण को स्वच्छ बनाओ “
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