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Vinod Dua Birthday special: प्रसिद्ध भारतीय टेलीविजन पत्रकार विनोद दुआ के जन्मदिन पर जानें इनके जीवन की कुछ अनसुनी कहानी!
विनोद दुआ (Vinod Dua) एक प्रसिद्ध भारतीय समाचार वक्ता, हिंदी टेलीविजन पत्रकार एवं कार्यक्रम निर्देशक हुआ करते थे। वे दूरदर्शन तथा नई दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड के समाचार चैनल (एन.डी.टी.वी इंडिया) के प्रमुख प्रस्तुतकर्ता तथा वाचक भी थे। विनोद दुआ (Vinod Dua) को साल 2008 में भारत सरकार द्वारा पत्रकारिता के लिए ‘पद्म श्री’ पुरुस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
विनोद दुआ (Vinod Dua) का जीवन परिचय:
विनोद दुआ (Vinod Dua) का जन्म 11 मार्च साल 1954 को नई दिल्ली में हुआ था। उनका बचपन दिल्ली के शरणार्थी शिविरों में ही बीता था। विनोद दुआ (Vinod Dua) का परिवार साल 1947 में भारत की आजादी के बाद डेरा इस्माइल खान से स्थानांतरित हो गया था। उन्होंने हंसराज कॉलेज से अंग्रेज़ी साहित्य में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और दिल्ली विश्वविद्यालय से साहित्य में अपनी मास्टर डिग्री प्राप्त की। इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता में अपना कॅरियर शुरू किया।
विनोद दुआ (Vinod Dua) ने एनडीटीवी पर ‘ख़बरदार इंडिया’ जैसा एक शो किया था। इसके साथ ही विनोद ‘विनोद दुआ लाइव’ जैसे अहम कार्यक्रम भी किया करते थे। एनडीटीवी पर ‘ज़ायका इंडिया का’ चर्चित कार्यक्रम रहा। उन्होंने दूरदर्शन पर ‘जनवाणी’ से पहचान बनाई। दूरदर्शन पर चुनाव विश्लेषण के लिए भी वह जाने गए। विनोद दुआ की दो बेटियां मल्लिका दुआ और बकुल दुआ हैं। मल्लिका एक हास्य अभिनेत्री जबकि बाकुल साइकोलॉजिस्ट हैं। एनटीडीवी से विनोद दुआ का काफी पुराना रिश्ता था ।
विनोद दुआ (Vinod Dua) के अंदर आलोचना करने का था साहस :
सरकार नियंत्रित दूरदर्शन में यदि कोई ऐंकर किसी शक्तिशाली मंत्री को ये कहे कह दे कि उनके कामकाज के आधार पर वे दस में से केवल तीन अंक देते हैं तो ये उस नेता के लिए बहुत ही शर्मनाक बात होती थी। मगर विनोद दुआ (Vinod Dua) में ऐसा करने का पूरा साहस था। और वे इसे बार बार कर रहे थे।
इसीलिए मंत्रियों ने प्रधानमंत्री से इसकी शिकायत करके कार्यक्रम को बंद करने के लिए दबाव भी बनाया था, मगर वे कामयाब नहीं हुआ था। विनोद दुआ ने अपना इस अंदाज़ कभी भी नहीं छोड़ा था। आज के दौर में जब अधिकांश पत्रकार और ऐंकर सत्ता की चाटुकारिता करने में गौरवान्वित होते नज़र आते हैं, विनोद दुआ नाम का ये शख्स सत्ता से टकराने में भी कभी नहीं घबराया था।
उन्होंने कभी इस बात की भी परवाह नहीं करी थी कि सत्ता उनके साथ क्या करेगी। सत्तारूढ़ दल ने उनको राजद्रोह के मामले में फँसाने की कोशिश की, मगर उन्होंने ल़ड़ाई लड़ी और उच्चतम न्यायालय से जीत भी हासिल कर ली थी। उनका मुकदमा मीडिया के लिए भी एक राहत साबित हुआ था। हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं पर विनोद दुआ साहब की पकड़ बहुत मजबूत थी।
विनोद दुआ (Vinod Dua) की मृत्यु :
विनोद दुआ (Vinod Dua) की तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उनकी बेटी मल्लिका दुआ ने विनोद दुआ की हालत गंभीर होने की जानकारी मीडिया को दि थी। मल्लिका ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंटाग्राम पर भावुक पोस्ट लिखते हुए कहा था कि उनके पिता की हालत गंभीर है, उनके लिए दुआ करें कि उन्हें कम से कम तकलीफ हो।
विनोद दुआ (Vinod Dua) का निधन 4 दिसम्बर, 2021 को नई दिल्ली में हुआ। कोरोना की दूसरी लहर में विनोद दुआ और उनकी पत्नी संक्रमित हो गए थे। दोनों की तबीयत काफी बिगड़ गई थी। इसके बाद दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। विनोद दुआ 7 जून, 2021 को घर लौट आए थे हालांकि, उनकी पत्नी का 12 जून को निधन हो गया था।YOU MAY ALSO READ :- Captain Amarinder Singh Birthday special: अमरिंदर सिंह ने ऐसे तय किया है सेना से लेकर एक सीएम बनने तक का सफर!