Vande Bharat Express: 2024 मे राजस्थान को मिलेगी पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन, दिल्ली – मुंबई के बीच दौड़ेगी ये ट्रेन
Digital News Guru Rajasthan Desk: वंदे भारत ट्रेन के नए एसी स्लीपर मॉडल के लिए जोधपुर में सेंट्रलाइज मेंटेनेंस डिपो बनाया जा रहा है। इसके लिए करीब 166 करोड़ रुपए खर्च होंगे। देशभर में जितनी भी स्लीपर वंदे भारत ट्रेन चलेंगी उनका मेंटेनेंस यहीं होगा।
160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने वाली इस ट्रेन का स्लीपर मॉडल कैसा है, ट्रैन कौन-कौन से रूट पर कहां से कहां तक चलेगी, क्या खासियत होगी, कितना किराया होगा?
पढ़िए इस स्पेशल रिपोर्ट मे…
भारतीय रेलवे ने साल 2023 में राजस्थान को तीन वंदे भारत ट्रेन की सौगात दी थी। पहली ट्रेन अजमेर से दिल्ली के बीच शुरू हुई। इसके बाद जयपुर-उदयपुर और जोधपुर-साबरमती (गुजरात) के बीच ट्रेन चली थी। इस बीच रेल मंत्रालय की ओर से घोषणा की गई कि साल 2024 में AC स्लीपर वंदे भारत चलाई जाएगी।
ये घोषणा अब जल्द ही जोधपुर से साकार होगी। क्योंकि एसी स्लीपर वंदे भारत के लिए जोधपुर के भगत की कोठी स्टेशन पर मेंटेनेंस डिपो का काम शुरू हो चुका है। यहीं पर इन कोच को लाया जाएगा। इसके लिए पुणे से आई HYT इंजीनियरिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड सर्वे पूरा कर चुकी है।
राजस्थान से स्लीपर वंदे भारत की शुरुआत, दिल्ली-मुंबई के बीच दौड़ेगी ये ट्रेन
जानकारों के मुताबिक ये स्लीपर वंदे भारत फुली एयर कंडिशन्ड होगी। इसकी शुरुआत जोधपुर से दिल्ली और मुंबई के बीच की जाएगी। यह ट्रेन बांद्रा तक चलेगी।
ऐसा अनुमान है कि शुरुआती प्रोजेक्ट में तीन स्लीपर AC वंदे भारत ट्रेन मिल सकती हैं। इसमें दो ट्रेन 16-16 कोच और एक ट्रेन 24 कोच वाली होगी। इनके मेंटेनेंस के लिए यहां तीन लाइन बनाई गई हैं।
जोधपुर से दिल्ली-मुंबई और अन्य ट्रैक के इलेक्ट्रिफिकेशन का काम लगभग पूरा हो चुका है। कुछ स्टेशन के बीच डबलिंग का काम बाकी है, जो फरवरी-मार्च तक पूरा हो जाएगा। ऐसा माना जा रहा है कि मार्च महीने तक ये ट्रेन जोधपुर से शुरू हो सकती है।
जोधपुर से दिल्ली के बीच चलने वाली पहली स्लीपर वंदे भारत में करीब 823 बर्थ होंगी। इन 16 कोच में 11 एसी-3 टियर, 4 एसी 2 टियर होंगे और 1 फर्स्ट क्लास कोच होगी। इसके अलावा इसमें स्टाफ के लिए अलग से 34 बर्थ भी रिजर्व रहेगी।
• ये प्रीमियम लग्जरी ट्रेन पैसेंजर फ्रेंडली सुविधाओं के साथ एक्सीलेंट एंबिएंस देगी।
- हर कोच में चार के बजाए तीन टॉयलेट होंगे। इसके साथ ही एक मिनी पैंट्री भी होगी।
• मिनी पैंट्री में यात्री कोल्ड ड्रिंक्स, वाटर बोटल, नमकीन, बिस्किट, पैकेज्ड फूड, इंस्टेंट कॉफी जैसी चीजें कोच में ही ऑर्डर कर सकेंगे।
• इसमें आरामदायक स्लीपर सीट होंगी, यात्री सोते-सोते आराम से अपनी पूरी यात्रा कर सकेगा।
- मिनी पैंट्री में यात्री कोल्ड ड्रिंक्स, वाटर बोटल, नमकीन, बिस्किट, पैकेज्ड फूड, इंस्टेंट कॉफी जैसी चीजें कोच में ही ऑर्डर कर सकेंगे।
• इसमें आरामदायक स्लीपर सीट होंगी, यात्री सोते-सोते आराम से अपनी पूरी यात्रा कर सकेगा।
• सीटों के साथ क्लासिक वुडन यानी लकड़ी का डिजाइन है, कोच में फ्लोर लाइटिंग की डिजाइन इसे लुक को बढ़ा देती है।
• इसमें ऑटोमेटिक और इंटर कम्युनिकेशन दरवाजे होंगे और बर्थ पर चढ़ने के लिए पैसेंजर फ्रेंडली सीढ़ियां होंगी।
• इसकी अधिकतम स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटे की क्षमता वाली होगी।
कितना होगा AC स्लीपर का किराया?
जोधपुर-साबरमती-अहमदाबाद वंदे भारत ट्रेन का सामान्य चेयरकार का किराया 995 रुपये, एग्जीक्यूटिव क्लास का 1975 रुपए है। कैटरिंग के साथ सामान्य चेयरकार में यात्री को 1115 रुपए और एग्जीक्यूटिव क्लास में 2130 रुपये खर्च होते हैं। स्लीपर का किराया इससे कुछ प्रतिशत अधिक हो सकता है।
एक अनुमान के मुताबिक जोधपुर से दिल्ली तक का किराया 1200 रुपए से लेकर 2 हजार रुपए तक हो सकता है।
प्री-इंजीनियरिंग तकनीक से 7 दिन में तैयार होगा डिपो, रूस की कंपनी देखेगी काम
कंपनी के सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर सुमन बॉस ने बताया कि अगले सात दिनों में मेंटेनेंस डिपो का काम शुरू हो जाएगा। पूरी बिल्डिंग प्री-इंजीनियरिंग बिल्डिंग टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी। यानी बने बनाए कल पुर्जे फिट कर इस बिल्डिंग को बनाया जाएगा।
इस टेक्नोलॉजी के तहत बिल्डिंग नुमा लोहे के ढांचे पहले से बनकर आएंगे, जिन्हें यहां पर असेंबल किया जाएगा। अभी लोडिंग और डिपो के लिए पॉइल व सॉइल टेस्ट पूरा हो चुका है।
इसके अलावा 20 अलग-अलग डिपार्टमेंट की अप्रूवल भी मिल चुकी है। प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि इसका पूरा मेंटेनेंस रेलवे विकास निगम लिमिटेड के साथ रूस की एक कंपनी देखेगी।
जोधपुर में ही होगी वर्कशॉप और ट्रेनिंग सेंटर
नई वंदे भारत के लिए सेंट्रलाइज वर्कशॉप और ट्रेनिंग सेंटर भी यहीं पर बनेगा। प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि यहां इस ट्रेन से जुड़े स्टाफ और इंजीनियर को ट्रेनिंग दी जाएगी। देश में चलने वाली सभी स्लीपर वंदे भारत के स्टाफ को ट्रेनिंग यहीं से दी जाएगी। इसके अलावा यहां रैक के मेंटेनेंस भी यहीं पर होगा। हाई वैल्यू की मशीनरी को हैंडल करने के लिए अलग से स्टाफ होगा।
अभी तक 40 प्रतिशत सीटें खाली
वर्तमान में जोधपुर से साबरमती, अजमेर से दिल्ली व उदयपुर जयपुर के बीच वंदे भारत चल रही है। जोधपुर से बड़ी संख्या में लोग अहमदाबाद की ओर हेल्थ सर्विस के लिए जाते हैं। ऐसे में राजस्थान से गुजरात जाने वाले मरीजों को इसका फायदा होगा।
वहीं अभी चल रही वंदे भारत में करीब 40 प्रतिशत तक सीट खाली रहती हैं। ऐसा भी दावा किया जा रहा है कि स्लीपर वंदे भारत शुरू होने के बाद सामान्य वंदे भारत ट्रेन की स्पीड को बढ़ाया जाएगा। ताकि यात्रियों को समय बच सके।
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