उत्तरकाशी टनल हादसा –
उत्तरकाशी टनल हादसे को तकरीबन 10 दिन हो गए है। लेकिन अभी तक उनके बाहर आने की कोई उम्मीद नज़र नही आ रही है। मजदूरों तक ऑक्सीजन और समय समय पर पानी खाना और दवा पहुॅचाई जा रही है।
9 वे दिन मिली थोड़ी सफलता:
उत्तरकाशी मे 10 दिन से सुरंग मे फँसे मजदूरों को निकालने के काम मे सोमवार को थोड़ी सफलता मिली है। रेस्क्यू टीम के द्वारा सिलक्यार् टनल मे 6 इंच का पाइप लाइन डाल दिया गया है। पाइप का एक सिरा मजदूरों तक पहुँचाया गया है। यह पाइप डालने से लोगो मे, वापस से विश्वास जाग गया है की हमारी रेस्क्यू टीम अंदर फँसे मजदूरों को निकालने मे सफल होगी। ये पाइप पड़ने से अब मजदूरों को पुरा खाना अच्छे से भेजा जा सकेगा। अभी तक उनको सिर्फ फल और सुख मेवे भेजे जा रहे थे।
सुरंग मे फँसे मजदूरों का वीडियो आया सामने:
रेस्क्यू टीम द्वारा एक कैमरा सुरंग के अंदर भेजा गया था । कैमरे मे दिखाई दे रहा है की सभी मजदूर सेफ्टी हेलमेट पहने हुए है। और सभी मजदूरों से वॉकी-टॉकी के द्वारा बात की गयी और पूछा गया सब कैसे है और ये भी कहा गया की सभी मजदूर लाइन से आके ये बतायेगे की वो कैसे है। सभी 41 मजदूर एक- एक करके कैमरे के सामने आये सबने कुछ न कुछ बोला और साथ ही सब ने ये भी कहा की वो सब लोग ठीक है और उन्हे उम्मीद है की उन्हे जल्दी बहार निकाल लिया जायेगा।
इतने दिन बाद खाया गरम खाना:
10 दिन से फँसे मजदूरों को खाने मे अभी तक फल सूखे मेवे आदि भेजा जा रहा था। लेकिन कल 6 इंच का पाइप पड़ने से मजदूरों को गरम गरम खिचड़ी बना के भेजी गयी। 10 वे दिन सभी मजदूरों को सॉलिड फूड पहॅुचाया गया है।
रेस्क्यू के लिए बनाई नई रणनीति, अमेरिकन एक्सपर्ट भी करेगे इस रेस्क्यू मे काम:
रेस्क्यू टीम ने इस रेस्क्यू के लिए अब तक बहुत सारी रणनीति तैयार की थी लेकिन कोई भी सफल नही हो पायी। लेकिन अब रेस्क्यू टीम मे नई रणनीति बनाई है इसके तहत 8 एजेंसिया काम मे लग गयी है। इसमें NHIDCL, ONGC, THDCIL, RVNL, BRO, NDRF, SDRF, PWD, ITBP ये सभी मिलकर अब 5 तरफ से ड्रिल करके मजदूरों को बाहर निकाल लिया जायेगा।
साथ ही अमेरिकन मूल के इंटरनेशनल टनल के एक्सपर्ट ओनल्ड डिक्स ने रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया। डिक्स ने कहा की हम जल्द इस ऑपरेशन को सफल करेगे। और सभी को सुरक्षित बाहर निकाल के लायेंगे।प्रोफेसर डिक्स इंटरनेशनल टनलिँग अंडरग्राउंड स्पेस के पेसिडेंट है। वह दुनिया भर मे टनल सेफ्टी एक्सपर्ट के रूप मे प्रसिद्ध है।
प्रोफेसर डिक्स ने रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लेने के बाद बाबा बौखनाथ मन्दिर के दर्शन किये।
टनल को कैसे काटा जाए:
नये प्लान के तहत रेस्क्यू टीम ये सोच रही है की ड्रिल मशीन को टनल के उपर ले जा कर नीचे की तरफ छेद किया जायेगा। मशीन को टनल के बाई ओर से उपर ले के जाया जा सकता है। उपर की तरफ टनल मे हल्का सा घुमाव है जिसको C पॉइंट कहते है। एक्सपर्ट्स ने मिलकर यही से ड्रिल करने का प्लान कर लिया है। मशीन को कम से कम 130 मीटर ड्रिल करना होगा। ड्रिल टनल के मुख्य द्वार से 280 से 300 मीटर अंदर की तरफ की जायेगी।। उसके बाद ही अंदर फँसे मजदूरों को एक एक करके एयरलिफ्ट किया जायेगा।
आखिर इतनी देरी क्यों हो रही है :
10 दिन हो गए है लेकिन रेस्क्यू का काम अभी तक नही हो पा रहा है। नार्वे , थाईलैंड और मलेशिया के एक्सपर्ट सब इस रेस्क्यू के काम मे दिन रात लगे हुए है। लेकिन अभी तक कोई सफलता हाथ नही लगी है। क्यों की मशीन जब भी ड्रिलिंग का काम शुरू करती है तो मलबा गिरने लगता है। या कभी चट्टान का कोई हिस्सा बीच मे आ जाता है। तो कभी भूस्खलन आने के कारण रेस्क्यू मे देरी हो रही है। बीच मे दो बार मशीन भी खराब होने से काम बाधित हो गया था।
टनल के अंदर ठंड ना होने से राहत मे है मजदूर :
परिवहन मंत्रालय के मंत्री ने अनुराग जैन ने बताया की अभी मौसम हमारा साथ दे रहा है। क्यों की टनल की के अंदर ज्यादा ठंड नही पड़ रही है। क्यों की अगर टनल के अंदर ठंड होती तो अंदर फँसे मजदूरों को दिक्कत हो सकती थी। साथ ही उन्होंने कहा की मजदूरों के बाहर आने के बाद उनकी कॉउंसलिंग करवाई जायेगी।
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