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राजस्थान के 3 गैंगस्टर्स को यूपी एटीएस ने अयोध्या से किया गिरफ्तार:
राजस्थान के 3 गैंगस्टर्स को यूपी एटीएस की टीम ने अयोध्या के संवेदनशील इलाके से गिरफ्तार किया। इसमें सीकर के शंकरलाल दुसाद, झुंझुनूं के अजीत कुमार शर्मा और प्रदीप पूनिया को देर रात अयोध्या से पकड़ा।एटीएस को तीनों पर खालिस्तानी संगठन से जुड़े होने का संदेह है।
इसके बाद देर रात 19 जनवरी को झुंझुनूं पुलिस को सूचना मिलने के बाद SP देवेंद्र विश्नोई पुलिस जवानों के साथ अजीत के गांव पहुंचे। यहां पर अजीत के घर पहुंच कर परिजनों से पूछताछ की। इसके बाद अजीत का पूरा रिकॉर्ड यूपी ATS को भिजवाया गया है। ATS की पूछताछ में पता चला कि बीकानेर जेल में बंद होने के बाद शंकरलाल की मुलाकात लखविंदर से हुई थी। इसके बाद विदेश में बैठे हरमिंदर सिंह (लांडा) ने उसे अयोध्या की रैकी करने के बाद वहाँ का नक्शा भेजने को कहा था।
अजीत के परिवार से पूछताछ जारी: SP देवेंद्र विश्नोई
SP देवेंद्र विश्नोई ने बताया कि यूपी ATS ने झुंझुनूं के अजाड़ी खुर्द गांव निवासी अजीत शर्मा को पकड़ा है। अजीत के खिलाफ सदर थाने में मामला दर्ज है। इसके बारे में परिजनों से पूछताछ कर अधिक जानकारी जुटाई जा रही है। UP ATS ने मुखबिर की सूचना पर यह कार्रवाई की।
इधर, जाजोद थानाधिकारी अशोक कुमार के अनुसार, अभी तक प्रदीप और शंकर के घर की तलाशी नहीं ली गई है, ना ही परिजनों से कोई पूछताछ की गई। जेल से बाहर आने के बाद शंकर ज्यादातर जयपुर ही रहता था। हालांकि, उसे पुलिस द्वारा चलाए गए कई अभियानों में पाबंद किया गया था। जबकि प्रदीप जयपुर में रहकर ही फाइनेंस का काम करता था।
खालिस्तानी नेटवर्क से जुड़े होने का संदेह :
इधर, यूपी ATS के मुताबिक ये तीनों किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए ये तीनों अयोध्या के संवेदशील इलाकों में रैकी कर रहे थे। आरोपियों पर खालिस्तानी नेटवर्क से जुड़ा होने का संदेह है। तीनों से पूछताछ जारी है। यूपी एटीएस के अनुसार 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा व मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम देखते हुए सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं। इस दौरान सूचना मिली थी कि एक गैंगस्टर अपने कुछ साथियों के साथ सड़क मार्ग से अयोध्या आ रहा है। सूचना पर एटीएस की टीम ने हरियाणा नंबर HR51BX3753 की सफेद स्कॉर्पियों में सवार व्यक्ति त्रिमूर्ति होटल अयोध्या में जाने लगे तो उनको पकड़ा गया।
जेल से खालिस्तानियों के संपर्क में आया शंकर:
यूपी ATS की पूछताछ में सामने आया – 2016 से लेकर मई 2023 तक शंकरलाल दुसाद बीकानेर जेल में बंद था। इसके बाद वह जमानत पर बाहर आया। जेल में रहने के दौरान इसकी मुलाकात लखविंदर से हुई
उसने ही शंकरलाल को कहा कि जेल से बाहर जाने के बाद मेरे भांजे पम्मा से मुलाकात कर लेना। जेल से छूटने के बाद शंकर पम्मा से मिला। जिसने उसे कनाडा में रह रहे खालिस्तान समर्थक गैंगस्टर सुखबिंदर गिल का नंबर दिया। दोनों के बीच व्हाट्सएप कॉल के जरिए बातचीत होने लगी।
बदला लेने को उकसाते थे :
पूछताछ में शंकर से पता चला कि सुखबिंदर कॉल शंकर को कहता था कि तुम्हारी गैंग के लोगों को और खालिस्तान समर्थकों को लॉरेंस बिश्नोई और उसके लोगों ने मारा है। तुम बदला लेने में हम लोगों की मदद करो। लेकिन 2023 में कनाडा में सुखविंदर की हत्या हो गई।
ATS की पूछताछ में सामने आया कि इसके बाद शंकर की बातचीत खालिस्तान समर्थक हरमिंदर से होना शुरू हुई। उसने शंकर को कहा कि गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा है कि अयोध्या जाकर वहां का नक्शा भेजो और अगले ऑर्डर के लिए इंतजार करो। इसलिए शंकर और उसके दोनों साथी अपनी गाड़ी पर भगवान श्री राम के झंडे लगाकर अयोध्या घूम रहे थे।
इन्वेस्टिगेशन में पता चला कि है कि शंकरलाल गैंगस्टर राजू ठेहट का करीबी रह चुका है। 2022 में राजू की मौत होने के बाद गैंग के ज्यादातर काम यही देखता था। जेल से छूटने के बाद इसने मेघालय में मीनिंग और राजस्थान में ट्रांसपोर्ट का काम भी शुरू किया। जेल से बाहर आने के बाद यह अपने गांव जाजोद और जयपुर में ज्यादा रहता था।
घटना में शामिल अन्य आरोपी प्रदीप पूनिया पुत्र राजेंद्र सिंह भी जाजोद थाना इलाके के ढालियावास गांव का रहने वाला है। और अजीत कुमार शर्मा झुंझुनू का। जेल से बाहर आने के बाद शंकर के साथ ज्यादातर अजीत और प्रदीप की रहते थे। ज्यादातर मामलों में गैंगस्टर शंकर की पैरवी करने वाले वकील रघुनाथराम सुला ने बताया कि आरोपी शंकर पर सात मामले दर्ज हैं। ज्यादातर मामलों में वह बरी हो चुका है। वर्तमान में उस पर बीकानेर में मर्डर के मामले चल रहे थे।
आपको बता दें कि इन तीनों के गिरफ्तार होने के बाद प्रतिबंधित संगठन सिक्ख फॉर जस्टिस के मुखिया गुरपतवंत ने एक ऑडियो भी जारी किया है। जिसमें तीनों को संगठन का सदस्य होना बताया है। फिलहाल इस पूरे मामले में जांच जारी है। एटीएस को शंकर के पास से दो फेक आईडी, धर्मवीर के नाम से फर्जी सिम कार्ड, फर्जी डॉक्यूमेंट की गाड़ी मिली है। जांच में सामने आया है कि उन्होंने अयोध्या में कई ऐसे एरिया में भी ट्रैवल किया जो संवेदनशील है।
इन मामलों में जा चुके हैं जेल:
झुंझुनूं जिले के अजाड़ी खुर्द गांव के अजीतकुमार शर्मा के खिलाफ वर्ष 2022 में अपहरण व मारपीट का मामला झुंझुनूं सदर थाने में दर्ज है। इसी तरह से दुसाद के खिलाफ सात मामले है। 2014 में बीकानेर सेंट्रल जेल में बलवीर बानूड़ा की हत्या की साजिश करने का मामला दर्ज है। बीकानेर में रामकृष्ण सिहाग की हत्या का मामला दर्ज है। वर्ष 2007 में थाना रींगस में मारपीट, वर्ष 2007 में थाना कोतवाली सीकर में फायरिंग करने, वर्ष 2008 में शराब तस्करी का मामला रानोली थाने, हवाला लूट का मामला थाना लाडनूं जिला नागौर में दर्ज है।
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