Saturday, November 23, 2024

आज 9 अगस्त को देश भर में मनाया जा रहा है नाग पंचमी का पर्व, आखिरकार क्यों मनाया जाता है नाग पंचमी का त्यौहार ?

DIGITAL NEWS GURU RELIGIOUS DESK :- 

आज 9 अगस्त को देश भर में मनाया जा रहा है नाग पंचमी का पर्व, आखिरकार क्यों मनाया जाता है नाग पंचमी का त्यौहार ?

आज 9 अगस्त को देशभर में नाग पंचमी का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है ।इसके साथ ही उज्जैन में स्थित नाग चंद्रेश्वर मंदिर के कपाट अगले 24 घंटे के लिए खोल दिए गए हैं। आपको बता दें कि, हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन नागों की पूजा करने के साथ-साथ उन्हें दूध पिलाने का विधान है।

मान्यता है कि इस दिन नागों की पूजा करने से काल सर्प दोष से मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल नाग पंचमी पर काफी शुभ योग बन रहे हैं । हिंदू पंचांग के मुताबिक ,सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की आज आरंभ 9 अगस्त 2024 को सुबह 12:37 मिनट पर हो रहा है और ये अगले दिन यानी 10 अगस्त को सुबह 3: 14 बजे पर समाप्त होगा।

इस लिए उदयाथित के अनुसार, नागपंचमी का पर्व आज ही के दिन मनाया जायेगा । इस दिन पूजा का विशेष शुभ मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 13 मिनट पर आरंभ होगा, जो अगले दोपहर 3: 14 बजे पर समाप्त होगा। इस दिन प्रदोष काल में नाग देवता की पूजा का बड़ा महत्व है।

‘ नाग पंचमी ‘ कथा :

प्राचीन काल में एक सेठजी और उनके सात पुत्र थे। उनके सातों पुत्र विवाहित थे। इन सातों में से सबसे छोटे बेटे की पत्नी बहुत ही चरित्रवान और गुड़वान थी। मगर उसकी पत्नी का कोई भी भाई नहीं था। एक दिन सेठजी की सबसे बड़ी बहू ने घर लीपने के लिए पीली मिट्टी लाने को सभी बहुओं को साथ चलने के लिए कहा, तो सभी बहुएं धलिया और खुरपी लेकर मिट्टी खोदने लगीं।

तभी वहां एक सांप निकला। बड़ी बहू ने जैसे ही उस सांप को देखा, तो वह उसे खुरपी से मारने की कोशिश करने लगी। ऐसे में छोटी बहू ने तुरंत ही उसे उस सांप को मारने से रोका तब ऐसे में बड़ी बहू ने सांप को नहीं मारा। ऐसे में सांप उस स्थान से हटकर एक दूसरी ओर जाकर बैठ गया।

नाग पंचमी की आरती :

श्रीनागदेव आरती पंचमी की कीजै ।

तन मन धन सब अर्पण कीजै ।

नेत्र लाल भिरकुटी विशाला ।

चले बिन पैर सुने बिन काना ।

उनको अपना सर्वस्व दीजे।।

पाताल लोक में तेरा वासा ।

शंकर विघन विनायक नासा ।

भगतों का सर्व कष्ट हर लिजै।।

शीश मणि मुख विषम ज्वाला ।

दुष्ट जनों का करे निवाला ।

भगत तेरो अमृत रस पिजे।।

वेद पुराण सब महिमा गावें ।

नारद शारद शीश निवावें ।

सावल सा से वर तुम दीजे।।

नोंवी के दिन ज्योत जगावे ।

खीर चूरमे का भोग लगावे ।

रामनिवास तन मन धन सब कुछ अर्पण कीजै ।

आरती श्री नागदेव जी कीजै ।।

नाग पंचमी 2024 सामग्री :

यदि आप भी इस दिन व्रत रख रहे हैं, तो पहले से ही पूजा सामग्री तैयार कर लें। इसके लिए नाग देवता की मूर्ति या फोटो,दूध, फूल, पंच फल, पंच मेवा और पूजा के बर्तन, दही, घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, इत्र, मौली जनेऊ, पंच मिठाई, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ, तुलसी दल, मंदार के पुष्प , गन्ने का रस, कपूर, धूप दीपक,सफेद चंदन, ।

क्यों मनाया जाता है नाग पंचमी का पर्व ?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन आस्तिक नामक ब्राह्मण सर्प यज्ञ रोककर नागों की रक्षा की थी। इस कारण हर साल इस पर्व को मनाया जाता है। इस पौराणिक कथा के अलावा नगा पंचमी मनाने के पीछे कई कथाएं प्रचलित है।

नाग पंचमी के दिन करें ये उपाय :

नाग पंचमी के दिन राशि के अनुसार कुछ उपायों को करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन हर राशि के जातकों को नाग देवता की विधिवत पूजा करने के साथ एक नारियल बहते जल में प्रवाहित करना चाहिए। इसके साथ ही शिव स्तुति अवश्य करना चाहिए। इससे जीवन में सुख और खुशियां आती है।

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