Friday, November 29, 2024

Surekha Sikri Birth Anniversary : बालिका वधु की “दादी सा” को 3 बार मिल चुका था नेशनल अवार्ड, जाने “दादी सा” से जुड़े कुछ अनसुने किस्से !

Surekha Sikri Birth Anniversary : बालिका वधु की “दादी सा” को 3 बार मिल चुका था नेशनल अवार्ड, जाने “दादी सा” से जुड़े कुछ अनसुने किस्से !

बॉलीवुड में कई कलाकारों ने अपने ग्लैमर के अलावा अपनी कला के दम पर भी नाम कमाया है। इन्हीं में से एक हैं सुरेखा सीकरी (Surekha Sikri)। सुरेखा सीकरी (Surekha Sikri) हिंदी सिनेमा का जाना-माना नाम थीं। उन्होंने कई फिल्मों में काम किया, लेकिन उन्हें पहचान बालिका वधू में दादी का किरदार निभाकर मिली। सुरेखा सीकरी (Surekha Sikri) का जन्म 19 अप्रैल 1945 को नई दिल्ली में हुआ था। आज सुरेखा की दूसरी जयंती के मौके पर आइए नजर डालते हैं उनकी जिंदगी के कुछ दिलचस्प पहलुओं पर।

सुरेखा सीकरी (Surekha Sikri) बचपन से ही पढ़ाई में बहुत अच्छी हुआ करती थीं और वह एक बड़ी पत्रकार बनना चाहती थीं, लेकिन इनकी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। ऐसे में सुरेखा की बहन ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान अब्राहम अल्काजी साहब का नाटक देखा और वह इससे काफी प्रभावित हो गयी थी ।

इसके बाद उन्होंने सुरेखा से अपने लिए नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा का फॉर्म मांगा, हालांकि उन्होंने यह फॉर्म नहीं भरा। जब उनकी मां ने उनसे फॉर्म भरने को कहा तो सुरेखा पहले तो फॉर्म भरना नहीं चाहती थीं. बाद में सुरेखा के मन में न जाने क्या आया और उन्होंने वह फॉर्म भर दिया। यह उनकी किस्मत ही थी कि उनका चयन नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में हो गया। हालांकि सुरेखा की मां टीचर थीं और पिता एयरफोर्स में, लेकिन उन्होंने कभी भी सुरेखा को एक्टिंग से दूर नहीं किया।

 

सुरेखा सीकरी (Surekha Sikri) ने कई फिल्मों में काम किया, बालिका वधू से पहचान मिली:


सुरेखा सीकरी (Surekha Sikri) ने अपने करियर में कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया, लेकिन उन्हें घर-घर में पहचान सीरियल ‘बालिका वधू’ में दादी सा यानी कल्याणी देवी के किरदार से मिली। दादी बनकर वह डरावनी सास भी बनीं और प्यारी दादी भी, जिनका हर कोई फैन हो गया। इसके अलावा वह ‘एक था राजा एक थी रानी’ और ‘परदेस में है मेरा दिल’ जैसे सीरियल में भी नजर आईं।

 

सुरेखा सीकरी (Surekha Sikri) को तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार मिला:

सुरेखा सीकरी (Surekha Sikri) ने कई फिल्मों में भी काम किया। उन्हें 1988 की फिल्म ‘तमस’, 1995 की फिल्म ‘मम्मो’ और 2018 की फिल्म ‘बधाई हो’ के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला। वह ‘सरफरोश’, ‘नजर’, ‘तुमसा नहीं देखा’ जैसी कई सुपरहिट फिल्मों का भी हिस्सा रहीं।

 

दिल का दौरा पड़ने से हो गयी थी सुरेखा सीकरी (Surekha Sikri) के  पति की मृत्यु:

सुरेखा सीकरी (Surekha Sikri) की शादी हेमंत रागे से हुई थी। उनका एक बेटा राहुल सीकरी है। उनके पति हेमंत की 2009 में दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। उनका बेटा मुंबई में आर्टिस्ट के तौर पर काम करता है।

आखिरी वक्त में बेबस हो गए थी सुरेखा सीकरी (Surekha Sikri):

सुरेखा ने अपने काम से खूब नाम कमाया, लेकिन आखिरी वक्त पर उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हो गया था । आखिरी वक्त में पैसों की कमी के कारण सुरेखा का इलाज कराने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था । इस मुश्किल घड़ी में उनकी मदद के लिए सोनू सूद, आयुष्मान खुराना, गजराज राव और ‘बधाई हो’ डायरेक्टर अमित शर्मा आगे आए थे ।

सुरेखा सीकरी (Surekha Sikri) की अधूरी रह गई ये ख्वाहिश:

उन्होंने अपने 44 साल से भी ज्यादा साल के करियर में सबकुछ हासिल किया लेकिन उनकी एक ख्वाहिश अधूरी रह गई। बधाई हो फिल्म के प्रमोशन के दौरान सुरेखा सीकरी (Surekha Sikri) ने अपनी एक सबसे बड़ी तमन्ना के बारे में सभी को बताया था। उन्होंने कहा था कि वह हमेशा से एक बार अपने जीवन मे अमिताभ बच्चन के साथ काम करना चाहती हैं। लेकिन सुरेखा कि ये ख्वाहिश अधूरी ही रह गई है।YOU MAY ALSO READ :- Mukesh rishi birthday special :90’s का वो ख़ूंख़ार विलेन मुकेश ऋषि जो बुल्ला’ और ‘सलीम’ जैसे किरदारों से काफी मशहूर हुए थे ,आखिर अब कहां है मुकेश ऋषि?

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