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सोमदेव देववर्मन जन्मदिन विशेष (Somdev Devvarman birthday special):
सोमदेव देववर्मन (Somdev Devvarman) एक पूर्व पेशेवर भारतीय टेनिस खिलाड़ी रह चुके हैं . उन्होंने एनसीएए में लगातार तीन फाइनल में जगह बनाने वाले एकमात्र कॉलेजिएट खिलाड़ी होने के कारण काफी सुर्खियां बटोरीं थी. वर्जीनिया विश्वविद्यालय में अपने जूनियर और सीनियर वर्षों में सोमदेव देववर्मन (Somdev Devvarman) बैक-टू-बैक फाइनल पूरे फाइनल जीते थे.
साल 1950 के बाद से केवल तीन अन्य खिलाड़ियों ने उस रिकॉर्ड की बराबरी करी है. साल 2008 में एनसीएए मेन्स टेनिस चैंपियनशिप में उन्होंने 44-1 की जीत-हार का ऐतिहासिक रिकॉर्ड बना लिया था .एटीपी वर्ल्ड टूर में भी सोमदेव की उल्लेखनीय उपलब्धि वाइल्ड कार्ड एंट्री के रूप में साल 2009 चेन्नई ओपन के अंतिम दौर में जगह पक्की करना थी। सोमदेव देववर्मन ने अपने पूरे खेल करियर में कई खिताब, पुरस्कार और उपलब्धियां हासिल करी हैं।
सोमदेव देववर्मन (Somdev Devvarman) का शुरूआती जीवन:
सोमदेव देववर्मन (Somdev Devvarman) का जन्म 13 फरवरी साल 1985 को भारत के असम के गुवाहाटी में हुआ था। इनका जन्म एक हिंदू परिवार में हुआ था। उनके पिता प्रवंजन देव वर्मन एक सेवानिवृत्त आयकर आयुक्त थे.इनकी माता का नाम रंजना देववर्मन था.
जब सोमदेव देववर्मन (Somdev Devvarman) 4 महीने के ही थे, तभी उनका परिवार कोलकाता चला गया था और 8 साल की उम्र तक वे वहीं रहे थे। उनके फिर उनके पिता के स्थानांतरण के कारण वे चेन्नई चले गये थे। टेनिस खिलाड़ी चेन्नई में पले-बढ़े और 9 साल की उम्र में उन्होंने टेनिस खेलना भी शुरू कर दिया था। सोमदेव ने अपनी स्कूली शिक्षा मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज हायर सेकेंडरी स्कूल से पूरी करी थी।
मात्र 17 साल की उम्र में ही सोमदेव ने साल 2002 में फ्यूचर टूर्नामेंट में भाग लेना शुरू कर दिया thae। शुरुआती समय के दौरान उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक साल 2004 में हुई थी जब उन्होंने कोलकाता मे F2 चैम्पियनशिप जीती थी। कोलकाता F2 चैंपियनशिप में अपनी जीत के बाद hi महत्वाकांक्षी टेनिस खिलाड़ी ने 666 की विश्व रैंकिंग हासिल कर ली थी। उस वर्ष के अंत में, सोमदेव अमेरिका चले गए थे।
जब वे कॉलेज में थे, तब सोमदेव देववर्मन (Somdev Devvarman) ने साल 2007 में जॉन इस्नर को हराकर एनसीएए एकल चैम्पियनशिप भी अर्जित करी थी। एक साल के बाद ही उन्होंने जे. पी. स्मिथ को हराया था और अपनी दूसरी एनसीएए एकल राष्ट्रीय चैम्पियनशिप भी जीत ली थी।
उसके बाद सोमदेव देववर्मन ने स्नातक की पढ़ाई पूरी की और समाजशास्त्र में डिग्री भी हासिल कर ली। सोमदेव साल 2008 में एक पेशेवर खिलाड़ी बन गए थे। इसी साल उन्होंने रोचेस्टर, न्यूयॉर्क में आयोजित एक फ्यूचर्स टूर्नामेंट में अपना पहला खिताब अर्जित किया। उसके बाद में साल 2010 में, सोमदेव को तमिलनाडु टेनिस एसोसिएशन द्वारा चेन्नई में सम्मानित किया गया था।
एक रॉयल फैमली से आते हैं सोमदेव देववर्मन (Somdev Devvarman):
सोमदेव देववर्मन (Somdev Devvarman) का परिवार मूल रूप से त्रिपुरा का रहने वाला था। वह वहां के शाही परिवार से ताल्लुक रखते थे सोमदेव के दादा बिक्रमेंद्र किशोर देववर्मन त्रिपुरा के राजसी परिवार के सदस्य थे। लोग उन्हें बिदुर्कर्ता के नाम से भी जानते थे।
टेनिस खिलाड़ी होने के साथ ही सोमदेव देववर्मन (Somdev Devvarman) एक रॉकस्टार भी है:
टेनिस खिलाड़ी होने के साथ-साथ ही सोमदेव देववर्मन (Somdev Devvarman) एक रॉकस्टार भी हैं। उनके बैगेज में हमेशा एक गिटार जरूर रहता है। वर्जीनिया में यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान उन्होंने एक देव मैथ्यूज बैंड बनाया था। जो एक स्थानीय बार में शनिवार और सोमवार की रात को परफॉर्म भी करता था।
सोमदेव देववर्मन (Somdev Devvarman) की उपलब्धियां और पुरस्कार:
सोमदेव को एशियाई खेल मे उपलब्धिया
स्वर्ण: 2010, गुआंगज़ौ: पुरुष एकल
स्वर्ण: 2010, गुआंगज़ौ: पुरुष युगल
ब्राउन: 2010, गुआंगज़ौ: टीम
राष्ट्रमंडल खेल
स्वर्ण: 2010, दिल्ली: पुरुष एकल
सोमदेव देववर्मन (Somdev Devvarman) की ओलिंपिक खेलों मे उपलब्धिया:
1आर, 2012
ग्रैंड स्लैम एकल परिणाम
ऑस्ट्रेलियन ओपन: 2आर, 2013
फ़्रेंच ओपन: 2आर, 2013
विंबलडन: 2आर, 2011
यूएस ओपन: 2आर, 2009, 2013
ग्रैंड स्लैम के नतीजे दोगुने
ऑस्ट्रेलियन ओपन: 2आर, 2010
फ़्रेंच ओपन:1आर, 2011
विंबलडन: 2आर, 2011
यूएस ओपन: 3आर, 2011
डेविस कप: 1आर, 2010
सोमदेव को अब तक लॉन टेनिस के लिए अर्जुन पुरस्कार और उसके बाद उनको पद्म श्री
पुरस्कार भी मिल चुका है
सोमदेव देववर्मन (Somdev Devvarman) को लेकर विवाद:
सोमदेव देववर्मन तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने 2017 में अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा की। टेनिस खिलाड़ी ने ट्विटर के माध्यम से अपने टेनिस करियर को अलविदा कहा। ऐसी अफवाहें भी थीं कि वह भारत के डेविस कप कोच बनने में रुचि रखते थे।
देववर्मन टेनिस की फंडिंग प्रणाली को लेकर भी विवादों में रहे हैं। इसके अलावा, टेनिस खिलाड़ी ने तब सुर्खियां बटोरीं जब उन्होंने अंकिता रैना को TOPS से बाहर कर दिया। हालाँकि खिलाड़ी ने स्पष्टीकरण दिया और कहा, उन्होंने उसे बाहर कर दिया क्योंकि उसे लगा कि वह 2021 में टोक्यो ओलंपिक में जगह नहीं बना पाएगी।YOU MAY ALSO READ :- YouTuber Elvish Yadav: आखिर ऐसा क्या हुआ की रेस्टोरेंट से बाहर निकलते वक्त खाना खा रहे लड़के को एल्विश यादव ने जड़ा थप्पड़!