Sunday, September 22, 2024

Smriti Mandhana birthday special : मात्र 9 साल की उम्र से स्मृति ने कर दी थी अपने क्रिकेट करियर की शुरूआत, अर्जुन पुरस्कार से भी हो चुकी है सम्मानित

DIGITAL NEWS GURU SPORTS DESK:

Smriti Mandhana birthday special : मात्र 9 साल की उम्र से स्मृति ने कर दी थी अपने क्रिकेट करियर की शुरूआत, अर्जुन पुरस्कार से भी हो चुकी है सम्मानित

हमारे देश में क्रिकेट प्रेमियों की एक बड़ी तादात है। क्रिकेट हमेशा से ही भारत का पसंदीदा खेल रहा है। इस तरह की अविश्वसनीय यात्रा शायद ही किसी और खेल के मैदान पर देखने को मिले। गौर करने वाली बात यह है कि पुरुष क्रिकेट टीमों के अलावा महिला क्रिकेट टीमों को भी काफी प्रोत्साहन मिल रहा है।

महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी अपने बेहतर प्रदर्शन के बल पर दर्शकों की स्थिति में जगह बना रही हैं। आज इस आर्टिकल के माध्यम से क्रिकेट जगत से जुड़े एक ऐसे ही खिलाड़ी के बारे में हम बात करने जा रहे हैं जिसके बारे में आज हर भारतीय जानना चाहता है। भारतीय महिला क्रिकेट की उस खिलाड़ी का नाम है स्मृति श्रीनिवास मंधाना जिन्हे पूरा विश्व स्मृति मंधाना के नाम से जानिए। तो आइए जानें, स्मृति मंधाना के जीवन से जुड़े कुछ रोचक बातों के बारे मे

स्मृति मंधाना का शुरूआती जीवन

स्मृति मंधाना का जन्म 18 जुलाई साल 1996 को महाराष्ट्र में हुआ था। ये मारवाडी समुदाय से संबंधित रचना है। इनके पिता का नाम श्रीनिवास मंधाना और मां का नाम स्मिता मंधाना है। स्मृति का एक भाई भी है जिसका नाम श्रवण मंधाना है। महज दो साल की छोटी उम्र में स्मृति अपने परिवार के साथ माधवनगर, सांगली, महाराष्ट्र में स्थानांतरित हो गई। स्मृति की नासिका सांगली में ही पूरी हुई। स्मृति की क्रिकेट में रुचि की वजह से उनके पिता और भाई भी थे। उनके पिता और भाई दोस्त ही स्टॉकहोम के खिलाड़ी रह चुके थे। स्मृति के भाई श्रवण ने महाराष्ट्र के अंडर 16 टूर्नामेंट के लिए भी खेला है।

क्रिकेट करियर की शुरूआत

स्मृति ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी मोहर नौ साल की उम्र से ही। इस दिशा में उन्हें पहली महत्वपूर्ण सफलता तब मिली जब 15 साल से कम उम्र में उनके चुनाव हुए। इसके बाद स्मृति ने कभी मुंह नहीं देखा। बल्लेबाजों में एक बेहतरीन मोड़ तब आया जब स्मृति को महाराष्ट्र की अंडर 19 की ओर से चुनौती का मौका मिला।

घरेलू क्रिकेट में शुरू से ही स्मृति का प्रदर्शन शानदार रहा है। साल 2013 स्मृति के लिए एक महत्वपूर्ण साल था क्योंकि इसी वर्ष उन्होंने महाराष्ट्र और गुजरात के बीच हो रहे मैच में केवल 154 गेंदों में 224 रन बनाये थे। अपने इस शानदार प्रदर्शन के कारण स्मृति के रिपब्लिकन में छाप छोड़ी गई। इस प्रकार स्मृति ने देश की पहली महिला क्रिकेटर बनने का गौरव प्राप्त किया, किसी एक दिव्य मैच में डबल शतक बनाया। इसके बाद भी मेमोरी का बेहतरीन गेम रिलीज हो रहा है।

साल 2016 भी स्मृति के कैरियर का एक महत्वपूर्ण वर्ष रहा जब उन्होंने ट्रॉफी में तीन खिलाड़ियों की टीम को चुनौती देते हुए अपनी जीत सुनिश्चित की। इस टूर्नामेंट में उन्होंने कुल मिलाकर 194 रन बनाये जिसके कारण वो इस टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ स्कोरर साबित हुए।

स्मृति मंधाना अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर

स्मृति का इंटरनेशनल क्रिकेट कैरियर उनके डोमेस्टिक क्रिकेट करियर से भी अधिक रोचक है। उनके अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट खिलाड़ी की शुरुआत साल 2014 में इंग्लैंड के वर्मस्ले पार्क में हुई थी। इस मैच की रिकॉर्डिंग इनिंग्स को मिलाकर स्मृति कुल 73 रन बनाए थे और इस तरह अपनी टीम की जीत पक्की थी। इससे पहले उन्होंने साल 2013 में बांग्लादेश के खिलाफ ओ वीडियो और टी20 गेम कर अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा था।

साल 2016 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने अपना पहला इंटरनेशनल शतक जमाया था। जापानी 109 ऑटोमोबाइल पर 102 रन बने थे। इसके बाद स्मृति एक फॉर्मर भारतीय बनी जिन्हे साल 2016 आईसीसी खिलाड़ी की जगह महिला टीम की ओर से दी गई थी। स्मृति की कई अहम उपलब्धियों में एक उपलब्धि ये भी है कि वो साल 2017 वर्ल्ड कप में उस महिला टीम की सदस्य थीं, जिन्होंने इंग्लैंड को टक्कर दी थी। इसके साथ ही मेमोरी ने इंटरनेशनल टी 20 साल 2019 में न्यूजीलैंड के खिलाफ सबसे तेज स्टेटस लगाने का रिकॉर्ड बनाया था।

स्मृति मंधाना पुरस्कार

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