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झारखंड मे sextortion करने वाले गिरोह का हुआ भांडा फोड़:
दुनिया आधुनिक टेक्नोलॉजी के मामले में जितनी तेजी से आगे बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से साइबर क्राइम (cyber crime) के मामले भी बढ़ रहे है।बीते कुछ सालों में सेक्सटॉर्शन (sextortion) के मामले तेजी से बढ़ रहें हैं औऱ लोग इसका शिकार भी बन रहे हैं, आपको बताएंगे कि आखिर ये सेक्सटॉर्शन (sextortion) रैकेट कैसे चलता है और आप इससे कैसे बच सकते हैं। पहला आपको बताते हैं कि कैसे पुलिस ने एक ऐसा ही सेक्सटॉर्शन (sextortion )रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है।
झारखंड में साइबर अपराधियों के खिलाफ पुलिस की मुहिम लगातार जारी है. साइबर ठगी के हॉट स्पॉट बन चुके इलाकों पर छापेमारी करके कई ठगों को गिरफ्तार किया जा चुका है । गिरिडीह में भी पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए छह ठगों को धर दबोचा है. इनके पास से बड़ी संख्या में एटीएम कार्ट, मोबाइल फोन और लाखों रुपए बरामद किए।
sextortion करने वाले ठगों के नाम व उनसे बरामद समान –
जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए ठगों में बेंगाबाद थाने के साठीबाद का पवन कुमार मंडल, सरिया थाना क्षेत्र के केशवारी का लव कुमार मंडल, डुमरी थाना क्षेत्र के नारंगी का सतीश मंडल, बेंगाबाद थाना क्षेत्र के फुरसोडीह का छोटी कुमार मंडल, डुमरी थाना क्षेत्र के नावाडीह का क्रिश कुमार मंडल और बिरनी थाना क्षेत्र के बराय गांव का रहने वाला सोनू कुमार मंडल शामिल है। इनके पास से 8.30 लाख रुपए, 12 फोन, 18 सिम कार्ड, 21 एटीएम कार्ड, 12 पासबुक, 6 चेकबुक, 4 पैन कार्ड और 2 आधार कार्ड बरामद किया गया है
पुलिस ने कैसे पकडा sextortion करने वाले ठगों को –
पुलिस की टीम जब सिविल ड्रेस में डुमरी थाना क्षेत्र के नावाडीह पहुंची तो यहां साइबर अपराधी नदी के किनारे बैठ कर अपराध कर रहे थे, जैसे ही उनकी नजर पुलिस जवानों पर पड़ी वो नदी में कूद कर भागने लगे। इसके बाद पुलिस जवानों ने खदेड़ कर सभी साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया।
sextortion करने का तरीका –
एसपी दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि आरोपी साइबर अपराधी ओकलुट लोकांटो और स्कोका ऐप के जरिए लोगों से को न्यूड वीडियो कॉल कर उसका स्क्रीनशॉट लेकर ठगी करने का काम करते थे, इसके अलावे पोषण ट्रैकर के माध्यम से गर्भवती महिलाओं के मोबाइल पर कॉल कर मातृत्व लाभ राशि दिलाने का झांसा देकर ठगी करते थे।छापेमारी दल में साइबर डीएसपी संदीप सुमन समदर्शी के अलावे प्रशिक्षु डीएसपी कैलाश प्रसाद, प्रशिक्षु डीएसपी नीलम कुजूर, साइबर थाना प्रभारी अजय कुमार, पुलिस निरीक्षक ज्ञान रंजन कुमार, पुअनि गौरव कुमार, सरोज कुमार मंडल, सुबल डे, संजय मुख्यार, आरक्षी सौरभ सुमन, जितेंद्र नाथ महतो आदि शामिल थे।
क्या है sextortion –
आजकल साइबर ठग लोगों से सेक्सुअल ब्लैकमेलिंग यानी सेक्सटॉर्शन से वसूली कर रहे हैं. वेबकैम, मोबाइल या वीडियो कॉल के जरिए किसी की सेक्स गतिविधियों या न्यूड तस्वीरों को रिकॉर्ड करके उसके जरिए ब्लैकमेल करने को सेक्सटॉर्शन कहते हैं. अब भारत में भी इसके मामले बढ़ रहे हैं. स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वाले युवा, बिजनेसमैन, पॉलिटिक्स से जुड़े लोगों को आमतौर पर इस रैकेट का शिकार बनाया जाता है। साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक सेक्सटॉर्शन वर्चुअल सेक्स और फिर होने वाली उगाही से मिलकर बना है. इसमें साइबर ठग फेक आईडी बनाकर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं. फेंडली माहौल बनाने के बाद अश्लील बातें की जाती हैं. कुछ देर या दिन बाद यह बातें वीडियो कॉल शुरू हो जाती हैं. फिर इन्ही रिकॉर्डेड विडियो के जरिए ब्लैकमेलिंग की जाती है।
साइबर सुरक्षा टिप्स – सेक्सटॉर्शन से बचाव कैसे करें:
- सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से फ्रेंडशिप रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट न करें और अनजान लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट न भेजें।
- अपने सोशल मीडिया अकाउंट को सुरक्षित रखने के लिए प्राइवेसी और सिक्योरिटी फीचर का इस्तेमाल करें।
- फेसबुक जैसे ऐप्स पर अपनी प्रोफाइल को लॉक करें।
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साइबर अपराध की घटनाओं की रिपोर्ट करने के लिए “रिपोर्ट यूजर” विकल्प का उपयोग करें, जैसे फेसबुक और ट्विटर में उपलब्ध है।
- अपने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और वेब कैमरों को उनके इस्तेमाल के समय बंद करें।
- अपने सोशल मीडिया अकाउंट के लिए मजबूत और अलग पासवर्ड का उपयोग करें और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें। अपने पासवर्ड को नियमित अंतराल पर बदलें।
- यदि कोई ब्लैकमेल करता है तो इसकी बेझिझक साइबर पुलिस से शिकायत करें
- लाल रंग से ताले के निशान कटे होने वाली वेबसाइट को खोलने से बचें
- समझें कि आप जो कुछ भी ऑनलाइन साझा करते हैं—चाहे वह चित्र, वीडियो, टेक्स्ट संदेश या पोस्ट हों—साझा और प्रचारित किया जा सकता है। इसके अलावा, आपके द्वारा कुछ भेजने के बाद, यह नियंत्रित करने का कोई तरीका नहीं है कि वह कहां जाता है।
- मदद मांगने से न कतराएं. जिम्मेदार वयस्क, माता-पिता, प्रशासक, करीबी दोस्त और अधिकारी अक्सर आपकी बात सुनने को तैयार रहते हैं और आपकी मदद करने में सक्षम हो सकते हैं। किसी को बताना महत्वपूर्ण है, न केवल हमले को रोकने या अगले को रोकने के लिए बल्कि अधिकारियों को सचेत करने के लिए भी ताकि वे जांच कर सकें और दूसरों की रक्षा कर सकें।
शामिल हो सकती है पूरी गैंग
इस तरह के फ्रॉड में महिला और पुरुष दोनों शामिल हो सकते हैं. कभी-कभी एक आरोपी एक व्यक्ति न होकर पूरी गैंग हो सकती है. गैंग में हैकर्स भी होते हैं. जो हैकिंग के जरिए ब्लैकमेलिंग करते हैं. इस तरह के मामलों के बड़े घरों के बच्चे भी ज्यादा शिकार होते हैं. क्योंकि वे घबराकर इन अपराधियों के जाल में फंसते चले जाते हैं. उन्हें पोल खुलने का ज्यादा डर होता है साथ ही उनके पास पैसे भी होते हैं. ऐसे में ज्यादातर लोग घबराकर पैसे दे देते हैं.
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