संसद मे हमला करने वाला सागर शर्मा लखनऊ मे रहकर चलाता है ई- रिक्शा, पिता है कारपेंटर
Digital News Guru Delhi Desk: संसद की विजिटर्स गैलरी में कूदने वाले 2 युवकों में से एक युवक सागर शर्मा लखनऊ का रहने वाला है। उसका आधार कार्ड भी सामने आया है। सागर शर्मा की फैमिली लखनऊ स्थित आलमबाग के रामनगर में किराए के घर में रहता है। लखनऊ पुलिस पूछताछ के लिए सागर के घर पहुंची हैं।
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सागर शर्मा की मां रानी शर्मा ने कहा कि बेटा धरना-प्रदर्शन करने की बात कहकर घर से गया था। वहीं, सागर की छोटी बहन ने कहा कि भाई चार दिन पहले दिल्ली गया था। ज्यादा कुछ नहीं बताया था। दो महीने पहले बेंगलुरु से लौटा था।
ई-रिक्शा चलाता है सागर शर्मा
पिछले 15 सालों से सागर का परिवार लखनऊ में रह रहा है। पिता रोशनलाल कारपेंटर का काम करते हैं। जबकि वह खुद लखनऊ में ई-रिक्शा चलाता है। 9वीं तक पढ़ा है। सागर की मां ने बताया, बेटा कभी किसी से लड़ाई झगड़ा नहीं करता था। घर में कुल मिलाकर चार लोग रहते हैं। एक बहन, माता-पिता और सागर खुद।
सागर की मां ने कहा, बेटा बहुत सीधा है, पता नहीं कैसे दिल्ली पहुंच गया। हमें बहुत जानकारी नहीं है। उधर, पड़ोसियों ने कहा कि हमें कभी इसकी जानकारी नहीं थी वो इन सब कामों में भी शामिल है। घर के पास ही नाना जगदीश, नानी उमा और मामा प्रदीप रहते हैं।
मामा प्रदीप ने बताया कि सागर रक्षाबंधन के बाद बेंगलुरु गया था। उसकी मौसी दिल्ली में रहती हैं, वहां सागर का आना-जाना लगा रहता था। प्रदीप ने बताया, सागर का परिवार मूलत: उन्नाव का रहने वाला है। 15 साल पहले लखनऊ आकर बस गया था।
6 लोगों की हुई गिरफ्तारी
बता दें कि जांच में ये बात सामने आई है कि इस साजिश में कुल 6 लोग शामिल थे। 2 लोगों ने अंदर हंगामा किया, तो 2 ने बाहर हंगामा किया। 2 लोग इस मामले में फरार हैं। संसद भवन की सुरक्षा तोड़ने वाले दोनों आरोपी युवकों के नाम सागर और मनोरंजन है। इनके साथ नीलम और अमोल शिंदे ने संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। बताया जा रहा है कि सागर शर्मा मैसूर से बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के अतिथि के रूप में दर्शक दीर्घा में आया था।
लोकसभा में बीजेपी सांसद खगेन मुर्मू अपनी बात रख रहे थे। तभी सागर और मनोरंजन सदन की बेंच पर कूदने लगे। दोनों ने जूते में कुछ स्प्रे छिपा रखा था । जिसे निकालकर स्प्रे किया तो पूरे सदन में पीला धुआं फैलने लगा।
पूरे सदन में अफरा-तफरी का माहौल था। इसके बाद सांसदों ने दोनों को पकड़ लिया। कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने बताया कि मैंने उसे सबसे पहले पकड़ा। कुछ ने दोनों की पिटाई भी की। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों को सौंप दिया गया। इसे देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दिया ।
मणिपुर को इंसाफ दिलाओ… का नारा लगाया
बताया जा रहा है कि सदन के बाहर एक महिला और पुरुष ने पीले रंग का धुआं छोड़ा। इनका नाम अमोल और नीलम है। इनके पास से कोई फोन या बैग बरामद नहीं हुआ। बाहर से गिरफ्तार हुए दोनों लोगों का दावा है कि खुद से संसद पहुंचे और उनका किसी संगठन से ताल्लुक नहीं है।
नीलम ने नारेबाजी की। कहा, ‘तानाशाही नहीं चलेगी। संविधान बचाओ । मणिपुर को इंसाफ दिलाओ। महिलाओं पर अत्याचार नहीं चलेगा। भारत माता की जय जय भीम, जय भारत। ‘
2001 में इसी दिन संसद पर हमला
13 दिसंबर 2001 को संसद में विंटर सेशन चल रहा था। महिला आरक्षण बिल पर हंगामे के बाद 11:02 पर सदन को स्थगित कर दिया गया। इसके बाद उस समय के पीएम अटल बिहारी बाजपेयी और विपक्ष की नेता सोनिया गांधी वहां से जा चुके थे।
करीब 11:30 बजे उपराष्ट्रपति के सिक्योरिटी गार्ड उनके बाहर आने का इंतजार कर रहे थे और तभी व्हाइट एंबेसडर में सवार 5 आतंकी गेट नंबर-12 से संसद के अंदर घुस गए। उस समय सुरक्षा गार्ड निहत्थे हुआ करते थे।
ये सब देखकर सिक्योरिटी गार्ड ने उस एंबेसडर कार के पीछे दौड़ लगा दी। तभी आतंकियों की कार उपराष्ट्रपति की कार से टकरा गई। घबराकर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। आतंकियों के पास एके-47 और हैंडग्रेनेड थे, जबकि सिक्योरिटी गार्ड निहत्थे थे।