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श्री कृष्ण जन्माष्टमी के उत्सव के दिन अपनों को दें कुछ इस अंदाज से शुभकामनाएं , जानिए और भी बहुत कुछ !
आज श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पवित्र उत्सव मनाया जा रहा है पूरे देश में श्री कृष्ण के जन्म उत्सव का हर्ष और उल्लास चारों ओर छाया हुआ है। आज देश में भगवान श्रीकृष्ण का 5251 वां जन्म उत्सव मनाया जा रहा है। जन्माष्टमी हर साल भादो की अष्टमी के दिन मनाई जाती है इसी दिन श्री कृष्ण ने कंस के कारावास में देवकी मां की गर्व से जन्म लिया था।
भगवान श्री कृष्ण को लगाएं ये भोग :
खीर- दूध,चावल, ड्राई फ्रूट्स, इलायची और चीनी से बनी खीर , पंजीरी ,पंचामित, माखन मिश्री आदि व्यंजनों से श्री कृष्ण को भोग लगाए । जैसा कि आप सभी जानते ही होंगे कि श्री कृष्ण को माखन अत्यधिक प्रिय है इसे इस दिन विशेष रूप से तैयार किया जाता है और इसकी मिठास भगवान कृष्ण की दिव्यता को दर्शाती है।
लड्डू का भी लगाए भोग :-
भगवान कृष्ण को लड्डू गोपाल भी कहा जाता है, क्योंकि उन्हें लड्डू बहुत पसन्द है। इसलिए इस दिन बेसन, घी और चीनी से बने लड्डू, को जन्माष्टमी पर विशेष रूप से बनाया जाता है, और यह स्वादिष्ट भोग भगवान कृष्ण को अर्पित किया जाता है।
इसके साथ ही इस महापर्व की बधाइयों का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। आप श्री कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों को भगवान के जन्मोत्सव के बधाई संदेश के जरिए भेजकर भी खुशी जाहिर कर सकते हैं। ऐसे में आप भी इस खास मौके पर अपने करीबी लोगों को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दे सकते हैं।
पढ़े जन्माष्टमी के अवसर पर दी जाने वाली बधाइयां ….
सांवला रंग,नटखटपन,बांसुरी का मधुर धुन,
मां यशोदा का लाला,मुरली बजाए तो सबका मन मोह ले,
मुरलीधर गोपाला ।। जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
मुरली मनोहर ब्रज के धरोहर,
वह नंदलाल गोपाला है,
बंसी की धुन पर सब दुख हरनेवाला,
वो मुरली मनोहर आने वाला है।। जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
ब्रज के दुलारे यशोदा मैया की आंखों के तारे,
राधा और गोपियां उन्हें सखा कहकर पुकारे
ऐसे मनमोहक हैं श्रीकृष्ण हमारे।। लड्डू गोपाल के जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं ।
जन्मदिन है आज उस नटखट का
नंदलाला, गोपाला जिसे सभी बुलाएं
मुरली ऐसी मधुर बजाए, श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिकशुभकामनाएं।
पलके झुकें और नमन हो जाए,
मस्तक झुके और वंदन हो जाए,
ऐसी नजर कहां से लाऊ, मेरे कन्हैया
कि आपको याद करूं और दर्शन हो जाएं।। जन्माष्टमी की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।।
कब ,कहां और कैसे और किस उद्देश्य के कारण लिया था श्री कृष्ण ने जन्म :
हालांकि आप सभी को श्री कृष्ण के जन्म के बारे में बहुत अच्छी तरीके से पता होगा लेकिन फिर भी हम आपको आज जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर कुछ रोचक तरीके से श्री कृष्णा के जन्म के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं…. जब उनके मामा कंस ने अपनी मौत के डर से बहन देवकी और जीजा वासुदेव को कारागार में डाल दिया था।
दरअसल, कंस को पता था कि उसकी प्यारी बहन देवकी का पुत्र ही उसकी मृत्यु का कारण बनेगा। इसी डर से उसने ऐसा कदम उठाया था। देवकी की सात संतानों को कंस मौत के घाट उतार चुका था, लेकिन जब आठवीं संतान का जन्म हुआ, तो चमत्कार हो गया।
जेल में मौजूद सभी सैनिक निद्रा की अवस्था में चले गए। जेल के दरवाजे अपने आप खुल गए। और वासुदेव अपने बालक को मित्र नंदराजा और उनकी पत्नी यशोदा के घर छोड़ आए।
यशोदा ने भी उसी रात एक बच्ची का जन्म दिया था। उन्होंने वासुदेव को उस पुत्री को सौंप दिया, जिसे वासुदेव अपने साथ कारागृह में ले आए। जब कंस ने देखा कि देवकी की आठवीं संतान पुत्री है, तो उसे यकीन नहीं हुआ। उसने जैसे ही इसे जमीन पर पटका, एक देवी प्रकट हुई और उसने बताया कि कंस को मारने वाले बालक का जन्म हो चुका है। युवावस्था में उसी बालक यानि भगवान कृष्ण ने कंस को मौत के घाट उतार दिया था।
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