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अमेरिका में भी बजेगा श्री राम नाम का डंका ,न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर होगा प्राण प्रतिष्ठा समारोह का लाइव टेलीकास्ट :
22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का लाइव स्क्रीनिंग अमेरिका के न्यूयॉर्क में स्थित प्रसिद्ध टाइम्स स्क्वायर पर भी देखने को मिलेगा । यह टाइम स्क्वायर पर किसी भारतीय प्रोग्राम की पहली लाइव स्क्रीनिंग होगी। इससे पहले टाइम्स स्क्वायर पर भारत के 7 अहम इवेंट हो चुके हैं, इसमें एक इवेंट राम मंदिर का भी था।
इसके अलावा दुनियाभर के भारतीय दूतावासों में भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह की लाइव स्ट्रीमिंग होगी…
161 फीट ऊंचे राम मंदिर पर लहराएगा 44 फीट ऊंचा ध्वज :
अहमदाबाद से 44 फीट ऊंचा ध्वज अयोध्या लाया गया है। यह 161 फीट ऊंचे राम मंदिर पर लहराएगा। इस हिसाब से मंदिर और ध्वज की कुल ऊंचाई 205 फीट होगी।
अंबिका इंजीनियर्स कंपनी ने इस ध्वज को 7 महीने में तैयार किया है। 5 जनवरी को गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अहमदाबाद से ध्वज को रवाना किया था। ट्रक से 5 लोग ध्वज लेकर 3 दिनों में राम जन्मभूमि पहुंचे।
यहां सोमवार सुबह श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों को दंड और ध्वज सौंपा गया। प्राण-प्रतिष्ठा यानी 22 जनवरी को पीएम नरेंद्र मोदी दंड में ध्वज लगाएंगे। हालांकि अभी यह क्लियर नहीं है कि मंदिर बनने तक ध्वज कहां स्थापित किया जाएगा?
राम लला की मूर्ति पर दूध-जल का कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा:
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक, 3 शिल्पकारों ने प्रभु श्रीराम की 3 मूर्तियां बनाई हैं। इसमें से प्राण प्रतिष्ठा के लिए श्यामल मूर्ति का चयन किया गया है। यह मूर्ति बेहद खास पत्थर से बनी है। इस मूर्ति पर जल और दूध का आचमन करने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
अब भगवान श्री राम के ललाट पर हर साल चैत्र रामनवमी के दिन दोपहर 12:00 बजे सूर्य की किरणें पड़ेगी।
चंपत राय ने बताया- भगवान को हर दिन सरयू के जल से स्नान कराने की परंपरा है। उनके स्नान यानी अभिषेक का जल, प्रसाद के रूप में भक्तों को दर्शन के दौरान दिया जाता है। श्यामल मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बाद हर दिन सरयू के जल से राम लला को स्नान करवाया जाएगा। स्नान के जल को भक्तों को प्रसाद के रूप में दिया जाएगा।
रामलला 5 साल के विष्णु के अवतार हैं। प्रतिमा पैर की उंगली से ललाट तक 51 इंच ऊंची है। मूर्ति का वजन डेढ़ टन यानी 1500 किलो है।
18 जनवरी को गर्भगृह में श्रीराम स्थापित होंगे:
चंपत राय ने बताया- राम लला की प्रतिष्ठा पूजा विधि को 16 जनवरी से प्रारंभ कर दिया जाएगा। इसके अलावा 18 जनवरी को गर्भगृह में राम लला को आसन पर स्थापित कर दिया जाएगा। राम मंदिर परिसर में ही महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषाद राज, माता शबरी और देवी अहिल्या का भी मंदिर बनाया जाएगा। इसके अलावा जटायु की प्रतिमा को पहले से ही स्थापित कर दिया गया है।
उत्तर भारत में ऐसा कोई मंदिर नहीं:
चंपत राय ने बताया कि श्री राम का मंदिर बहुत ही अद्भुत होगा क्योंकि दक्षिण भारत में ऐसे मंदिर तो हैं लेकिन उत्तर भारत में गुजरे 300 वर्ष में कोई भी ऐसा मंदिर निर्माता नहीं हुआ है मंदिर निर्माण करने वाले इंजीनियर भी यही मानते हैं।पत्थर की आयु एक हजार साल होती है। जमीन के संपर्क में होने के बाद भी पत्थर नमी नहीं सोख पाएगा, क्योंकि उसके नीचे ग्रेनाइट लगाया गया है।
इस प्रकार की रचना की गई है कि जैसे-जैसे मंदिर की आयु बढ़ेगी, जमीन के नीचे एक बहुत ताकतवर चट्टान तैयार हो जाएगी। जमीन के ऊपर किसी भी प्रकार के कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं किया गया है, क्योंकि कंक्रीट की आयु 150 साल से ज्यादा नहीं होती।”
सबको कराएंगे दर्शन, चाहे रात के 12 बज जाएं:
चंपत राय ने कहा- 22 जनवरी को दिन में देशभर के 5 लाख मंदिरों में भव्य पूजन-अर्चन के साथ ही उल्लास मनाया जाएगा। शाम के समय हर सनातनी अपने-अपने घर के बाहर कम से कम 5 दीपक अवश्य जलाएं। 26 जनवरी के बाद लोग मंदिर में दर्शन के लिए आ सकते हैं। जब तक सभी लोग दर्शन नहीं कर लेंगे, तब तक मंदिर के कपाट खुले रहेंगे, फिर चाहे रात के 12 ही क्यों न बज जाएं।
1 घंटे चलेगा प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम:
प्राण-प्रतिष्ठा का मुख्य कार्यक्रम 1 घंटे चलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे आयोजन में मौजूद रहेंगे। ट्रस्ट की तरफ से भेजे गए निमंत्रण कार्ड में प्राण प्रतिष्ठा का वक्त 11:30 से 12:30 दिया गया है। शुभ मुहूर्त 12:20 बजे का है। 12 बजकर 29 मिनट पर पीएम रामलला को दर्पण दिखाएंगे। कार्यक्रम में आने वाले अतिथियों को आमंत्रण पत्र के साथ आधार कार्ड भी दिखाना होगा। उनका सामान, मोबाइल और बैग रखने के लिए 12 हजार लॉकर भी बनाए गए हैं।
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