Sunday, May 12, 2024

Mumtaz Mahal birth anniversary : प्यार की निशानी, और खूबसूरती का प्रतीक आगरा का ताजमहल जिस मुमताज की याद मे बना था, आज इन्ही मुमताज के बारे मे जाने कुछ रोचक बातें !

DIGITAL NEWS GURU HISTORICAL DESK :- 

Mumtaz Mahal birth anniversary : प्यार की निशानी, और खूबसूरती का प्रतीक आगरा का ताजमहल जिस मुमताज की याद मे बना था, आज इन्ही मुमताज के बारे मे जाने कुछ रोचक बातें !

मुमताज महल (Mumtaz Mahal) की याद मे बना आगरा के ताजमहल के बारे में हम सबने खूब सुना होगा। इसको लोग प्यार की निशानी भी कहते है इसके साथ ही, सातवां अजूबा, अद्भुत निर्माण शैली, खूबसूरती का प्रतीक और सबसे प्रसिद्ध मकबरा कहते है। ताजमहल को बनवाने वाले मुगल बादशाह शाहजहां के प्यार की मिसाल दी जाती है।

शाहजहां ने अपनी जिस बेगम की याद में ताजमहल का निर्माण कराया उनका भी नाम मशहूर है। मुमताज महल (Mumtaz Mahal) को लोग शाहजहां के कारण जानते हैं, ताजमहल के कारण उनके नाम को पहचानते हैं लेकिन क्या आपको मुमताज बेगम के बारे में और कुछ पता है।

ताजमहल से उनका संबंध होने के अलावा वो कौन थीं और क्या थीं? शाहजहां की प्रिय पत्नी होने से पहले मुमताज महल (Mumtaz Mahal) का जीवन कैसा हुआ करता था? अगर आप लोगों को ये सब नहीं पता तो मुगलों की सबसे मशहूर बेगमों में से एक मुमताज महल के बारे में हम आप को कुछ रोचक बातें बतायेंगे। आज ही के दिन यानी 27 अप्रैल को मुमताज महल (Mumtaz Mahal) का जन्म हुआ था।

 

शादी से पहले मुमताज महल (Mumtaz Mahal) का जीवन:

मुमताज महल (Mumtaz Mahal) का जन्म 27 अप्रैल सन् 1593 को आगरा में ही अब्दुल हसन असफ खान के घर पर हुआ था। मुमताज बेगम का असली नाम अर्जुमंद बानो बेगम हुआ करता था । इनके पिता मुगल सम्राट जहांगीर के वजीर हुआ करते थे। जहांगीर की मुख्य रानी नूरजहां के भाई भी थे।

इस रिश्ते से मुमताज महारानी नूरजहां की भतीजी थीं। बाद में जहांगीर के बेटे शाहजहां से मुमताज का निकाह कर दिया गया। उस समय उनकी उम्र 11 वर्ष थी। शादी के बाद ही अर्जुमंद बानो बेगम को ‘मुमताज महल’ की उपाधि दे दी गई थी और उनका यह नाम ही मशहूर हो गया था।

 

 

मुमताज महल (Mumtaz Mahal) और शाहजहां का प्रेम:

ऐसा कहा जाता है कि शाहजहां, को पहली नजर में ही मुमताज महल (Mumtaz Mahal) को पसंद कर लिया था। इन दोनों की कम उम्र में सगाई भी कर दी गई थी। लेकिन उनकी शादी पांच साल बाद करी गयी थी। हालांकि मुमताज से निकाह करने से पहले शाहजहां की दो और शादियां हो चुकी थी। लेकिन वह सबसे ज्यादा प्यार मुमताज महल से ही करते थे।

इतिहास में यह भी दर्ज है कि शाहजहां ने शादी के बाद मुमताज महल (Mumtaz Mahal) को अपना शाही तख्त ‘मुहर उजाह’ भी दे दिया था। दोनों शादी के बाद 19 साल साथ रहे। जिसमें मुमताज और शाहजहां के 14 बच्चे हुए। सात बच्चे किसी न किसी कारण से मर गए।

मुमताज महल (Mumtaz Mahal) की मौत:

जब मुमताज महल (Mumtaz Mahal) अपने 14वें व आखिरी बच्चे को जन्म देने जा रही थी, उसी दौरान मुमताज कि मौत हो गई थी। उनकी आखिरी संतान एक बेटी हुई थी, जिसका नाम गौहर आरा बेगम रखा गया था। मुमताज का निधन सन् 1631 में बुरहानपुर, डेक्कन में हुआ था।

वर्तमान में यह मध्य प्रदेश में है। मुमताज महल (Mumtaz Mahal) के आखिरी समय में उनकी बड़ी बेटी जहांआरा उनके साथ रहीं। वहीं मुमताज की मौत के बाद शाहजहां ने खुद को एक साल के लिए एकांत में रख लिया।

एक साल बाद उन्होंने मुमताज बेगम की याद में ताजमहल का निर्माण कराना शुरू किया जो कि 20 साल में बनकर तैयार हुआ। शाहजहां ने ताजमहल को मुमताज और उनके मकबरे के रूप में बनवाया था, जो की दोनों के प्यार की निशानी बन गया।YOU MAY ALSO READ :- लोकसभा इलेक्शन 26 अप्रैल 2024 के दूसरे चरण में 63% वोटिंग की गई दर्ज !

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