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जानिए क्यों मनाया जाता है 1अप्रैल को प्रैंक डे, जाने इसके पीछे का इतिहास
हम सभी बचपन से सुनते आ रहे हैं कि 1अप्रैल को फूल डे मनाया जाता है। बहुत सालों से हम इस दिन अपने करीबियों और दोस्तों के साथ मजाक करते आ रहे हैं । उन्हें बुद्धू बनाते हैं। लेकिन आपने सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? जानिए हर साल की तरह आज भी 1 अप्रैल के दिन पूरे विश्व में ‘अप्रैल फूल डे‘ सेलिब्रेट किया जा रहा है।
यह एक ऐसा दिन है ,जब दोस्तों और परिवार वालों के हाथ मिलकर लोग मज़ाक और हंसी उड़ाते हैं। और साथ ही एक-दूसरे को मज़ाक के अतिरिक्त मूर्खतापूर्ण चुटकुले भी सुनाते हैं। इस दिन को मस्ती भरे अंदाज में मनाया जाता हैं। और जब वो ऐसा करने में कामयाब हो जाते हैं ,तो अप्रैल फूल- अप्रैल फूल’ चिल्लाते हैं।
हर कोई इस दिन को अपने लोगों के साथ तरह-तरह से मनाता है। लेकिन कभी आपने सोचा है कि इसकी शुरुआत कैसे हुई होगी या फिर इसे क्यों मनाया जाता है? अगर नहीं तो हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं।
‘अप्रैल फूल डे’ का इतिहास
कई इतिहासकारों का मानना है कि 1582 में इसकी शुरुआत हुई थी, जब फ्रांस ग्रेगोरियन कैलेंडर से जूलियन कैलेंडर में बदल गया था। जूलियन कैलेंडर के अनुसार, नया साल 1 अप्रैल से शुरू होता है। इसलिए, कुछ लोग, जिन्हें कैलेंडर में चेंजमेंट की जानकारी देर से मिली थी, वे सभी मार्च के लास्ट में नए साल का जश्न मनाते रहे, इसके लिए उन सबका मजाक बना । नया साल 1 जनवरी तक चला गया था और जो इसे स्वीकार नहीं करते थे उन्हें ‘अप्रैल फूल’ कहा जाता था।
‘अप्रैल फूल डे’ का महत्व
यह विशेष दिन मस्ती, आनंद और खुशी से भरा होता है। यह केवल चुटकुले साझा करने और अपने दोस्तों और प्रियजनों को प्रैंक करने के बारे में नहीं है बल्कि खुशियां फैलाना के लिए होता है। चुटकुले और हँसी साझा करने से पूरे वातावरण में खुशी और आनंद फैल जाता है। इस अवसर को दुश्मनों को और दोस्तों को करीब लाने के रूप में भी देखा जाता हैं ।
•18वीं सदी में अप्रैल फूल डे ब्रिटेन पहुंचा
18वीं सदी में अप्रैल फूल डे ब्रिटेन में भी मनाया जानें लग गया। तब से स्कॉटलैंड में इसे दो दिनों मनाए जाने की परंपरा ही बन गई ।
•जब स्विस किसानों ने खेत में नूडल्स उगाए थे
बदलते समय के साथ अप्रैल फूल खूब फेमस होता चला गया और धीरे-धीरे पूरे विश्व में इसे सेलिब्रेट किया जाने लगा। मीडिया तक ने इसे मनाना शुरू कर दिया और इसी बहाने एक दिन लोग मनोरंजन करने लगे। यह सन् 1957 की बात है, जब बीबीसी ने एक बड़ा प्रैंक दुनिया भर के लोगों के साथ किया था। उस साल बीबीसी ने दुनिया में जानकारी दे दी, कि स्विस किसानों ने नूडल्स की खेती की है। अब भला नूडल्स की खेती किस प्रकार से हो सकती है।यह तो मैदे से बनता है। इसके बावजूद बीबीसी दफ्तर में हजारों लोगों ने फोन किए और नूडल्स उगाने वाले किसानों और उनकी फसल के बारे में पूछताछ भी की थी।
इसी प्रकार से सन् 1996 में फास्ट-फूड रेस्टोरेंट चेन टैको बेल ने एक अलाउसमेंट कर सबको बेवकूफ बनाया था. उसने दावा किया था, कि फिलाडेल्फिया की लिबर्टी बेल खरीद ली है। इसके साथ -साथ ही उसका नाम भी चेंज कर टैको लिबर्टी बेल रख दिया है। इस बात में गूगल जैसी कंपनी भी पीछे नहीं हटी। लोगों ने इस पर विश्वास करना शुरू किया, यह साफ कर दिया गया कि यह सब केवल प्रैंक था और लोगों को अप्रैल फूल बनाया जा रहा था।