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जानिए इस आर्टिकल में कि वे कौन से मंदिर है जिन्हें चमत्कारी रहस्यमय और जगतकारी माना जाता है !
हम आपको बताएंगे कि ऐसे कौन से मंदिर हैं जिन्हें चमत्कारिक, रहस्यमय या जाग्रत माना जाता है और जहां जाकर आप अपनी मुराद पूरी कर सकते हैं।
उनमें से कुछ मंदिरों के बारे में वैज्ञानिक इनके चमत्कार और रहस्य को जानने का आज भी प्रयास कर रहे हैं।
• जगन्नाथ मंदिर (ओडिशा)
जगन्नाथ मंदिर विष्णु भगवान के 8वें अवतार भगवान श्री कृष्ण को पूरी तरह से समर्पित है। पुराणों में इसे धरती का वैकुंठ कहा गया है। यह भगवान विष्णु के 4 धामों में से माना जाता है। इसे जगह को श्रीक्षेत्र और श्रीपुरुषोत्तम क्षेत्र और शाक क्षेत्र और नीलांचल और नीलगिरी के साथ साथ श्री जगन्नाथ पुरी भी कहा जाता है।
•श्री बालाजी महाराज ( मेहंदीपुर )
दो उद्यमों के बीच बसा हुआ नागापुर में एक स्थान है,यहाँ पर बहुत बड़ी चट्टान है जिसमें हनुमानजी का मंदिर है: वहीं से उदय हुआ जिसे ‘थाने वाले लोग श्रीबालाजी महाराज’ कहते हैं। इसे हनुमानजी का बाल स्वरूप भी माना जाता है। तीसरे चरण में छोटी-सी कुंडी बनी हुई है जिसका जल कभी भी समाप्त नहीं होता है। यहां के हनुमानजी का विग्रह बहुत शक्तिशाली और चमत्कारिक माना जाता है।
- शनि शिंगणापुर (महाराष्ट्र)
महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव शिंगणापुर में स्थित है शनि भगवान का सबसे प्राचीन स्थान। शिंगणापुर गांव में शनिदेव का बहुत ज्यादा अद्भुत चमत्कार है। यहाँ पर रहने वाले सभी लोग कभी भी अपने घरों में कभी भी ताला नहीं लगाते हैं और आज तक के इतिहास में यहां किसी ने भी चोरी नहीं की है।
•अमरनाथ (जम्मू और कश्मीर)
हिमालय का पूरा कण-कण शिव-शंकर का ही स्थान है। अमरनाथ में प्राकृतिक रूप से बर्फ का शिवलिंग निर्मित होता है।शिवलिंग का निर्मित होना समझ में आता है, लेकिन इस पवित्र गुफा में एक हिम शिवलिंग के साथ ही एक भगवान गणेश पीठ और एक माता पार्वती पीठ भी हिम से ही प्राकृतिक रूप से निर्मित हो जाती है। पार्वती पीठ ही यहाँ पर एक शक्तिपीठ स्थल है। यहां माता सती के कंठ का निपात भी हुआ था। 51 शक्तिपीठों में से ये भी एक माना जाता है। इसके अलावा यहां पर अजर और अमरता प्राप्त कबूतर के जोड़े भी रहते हैं, जो किसी भाग्यशाली को ही कभी दिखाई देते हैं।
•कालभैरव (उज्जैन, मध्यप्रदेश)
भोले नाथ की तीर्थ नगरी उज्जैन में बाबा कालभैरव का अतिप्राचीन और एक चमत्कारिक मंदिर भी है । यहाँ पर कालभैरव की मूर्ति मदिरापान तक करती है। यहां आने से शनि की पीड़ा का तुरंत ही निदान हो जाता है ।
कालभैरव का यह मंदिर लगभग 6,000 साल पुराना माना जाता है। यह एक वाम मार्गी तांत्रिक मंदिर है। वाम मार्ग के मंदिरों में मांस, मदिरा, बलि, मुद्रा जैसे प्रसाद चढ़ाए जाते हैं। प्राचीन समय में यहां सिर्फ तांत्रिकों को ही आने की अनुमति थी।
•वैष्णोदेवी (जम्मू और कश्मीर)
माता का यह मंदिर जम्मू और कश्मीर राज्य के जम्मू में स्थित है। पवित्र त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित वैष्णोदेवी की पावन गुफा के दर्शनार्थ भक्त हमेशा आते हैं। यहाँ पर लोग दर्शन करके अपनी सारी मुरादे पूरी करते है।
•रामेश्वरम
चार धामों में से एक रामेश्वरम तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है। यहां पर स्थापित शिवलिंग बारह द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से भी एक माना जाता है। इस शिवलिंग को खुद भगवान राम ने स्थापित किया हुआ था। इस चमत्कारिक शिवलिंग के दर्शनमात्र से ही सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
•तिरुपति बालाजी मंदिर
तिरुमाला पर्वत पर स्थित भगवान बालाजी के मंदिर की महत्ता कौन नहीं जानता। हर साल करोड़ों लोग इस मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं।प्रभु वेंकटेश्वर या फिर बालाजी को ही यहाँ पर भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है।
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