Jackie Shroff Birthday special: बस स्टैंड के बाहर मूंगफली बेचते थे जैकी श्रॉफ, सुभाष घई की फिल्म ने बनाया ‘हीरो’!
Digital News Guru Birthday Special: जैकी श्रॉफ आज 67 साल के हो गए हैं। मुंबई की एक चॉल में जन्मे जैकी आज किसी भी पहचान के मोहताज नहीं हैं। गरीबी का वो आलम था कि एक 10 बाय 10 के कमरे में 4 लोग गुजारा करते थे और कमाई का जरिया था मूंगफली बेचना और सड़कों पर पोस्टर चिपकाना।
फिल्मों में आने के बाद भी जैकी ने अपना ठिकाना नहीं बदला। सेट पर जाने के लिए भी वो चॉल के बाथरूम में घंटों लाइन में खड़े रहते थे, जहां 30 लोगों के बीच सिर्फ 3 ही बाथरूम थे। बड़े-बड़े प्रोड्यूसर चॉल, तो कभी बाथरूम के बाहर खड़े उनका इंतजार करते थे।
चॉल में हुआ था जन्म
1 फरवरी साल 1957 को जैकी श्रॉफ का जन्म तीन बत्ती चॉल मुंबई में हुआ था। इसी चॉल में उनके माता और पिता रीटा और काकूभाई की प्रेम कहानी भी शुरू हुई थी। दरअसल, 1936 के आसपास कजाकिस्तान में हुए तख्तापलट के बीच 10 साल की रीटा 7 भाई-बहनों और मां के साथ, जान बचाकर पहले लाहौर फिर दिल्ली आ पहुंची थीं। कुछ समय बाद उनका परिवार दिल्ली से बॉम्बे आ पहुंचा। पैसे नहीं थे, तो पूरा परिवार तंगहाली में तीन बत्ती चॉल में ही आकर बस गया।
वहीं दूसरी तरफ रईस परिवार में जन्मे काकूभाई, शेयर मार्केट में पैसे डूबने से गरीबी की मार झेलकर चॉल में रहने आ गए। बस यही पर रीटा और काकूभाई की मुलाकात हुई थी और दोनों वही पर शादी भी कर ली थी। इस शादी से इन दोनों को दो बेटे हुए थे
10 साल की उम्र में भाई को खो दिया था
जैकी श्रॉफ के बड़े भाई उनसे 7 साल बड़े थे। तीन बत्ती इलाके में उनके नाम का सिक्का चलता था। जब भी किसी को कोई दिक्कत होती थी, तो वो सीधे जैकी के बड़े भाई के पास आकर शिकायत करता था और वो उनकी परेशानियां सॉल्व करते थे। आसपास के इलाके के लोग उन्हें दादा कहकर बुलाते थे।
1967 में उनके भाई को एक नौकरी मिल गई। परिवार को लगा ही था कि अब उनकी गरीबी दूर हो जाएगी, लेकिन एक हादसे से सब बर्बाद हो गया। दरअसल, जैकी के भाई अपने एक दोस्त को बचाने के लिए समुद्र में कूद गए थे, जबकि उन्हें खुद तैरना नहीं आता था। ये मंजर 10 साल के जैकी ने देखा था, जिससे वो बुरी तरह टूट गए थे। भाई की मौत के बाद वो खुद चॉल के जग्गू दादा बनकर लोगों की मदद करने लगे।
बस स्टैंड पर मिला था जैकी श्रॉफ को मॉडलिंग का ऑफर
बहुत दिनों से नौकरी की तलाश में भटकने के बाद एक दिन जैकी श्रॉफ बस स्टैंड खड़े हुए बस का इंतजार कर रहे थे, तभी वहां खड़े एक आदमी ने उनकी हाइट देखकर पूछा, ‘क्या आप मॉडलिंग करना चाहँगे और जवाब में तुरंत जैकी ने कहा, था ‘क्या आप पैसे देंगे? बस यहीं से जैकी श्रॉफ की अभिनय पारी शुरू हो गई।
जैकी ने साल 1973 में फिल्म हीरा पन्ना से इंडस्ट्री में कदम रखा था। इसमें उनका नेगेटिव रोल था। इसके बाद उनकी फिल्म ‘स्वामी दादा’ आई। लेकिन जैकी श्रॉफ की किस्मत बदली सुभाष घई की फिल्म के बाद। काफी संघर्षों के बाद जैकी श्रॉफ को सुभाष घई की फिल्म ‘हीरो’ में काम करने का मौका मिला। फिल्म जबर्दस्त हिट रही और इसके बाद जैकी श्रॉफ को पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ा।
जैकी श्रॉफ ने हीरो बनकर भी नहीं छोड़ा था चॉल
जैकी श्रॉफ काफी गरीबी और तंगहाली से उठकर फिल्मों की दुनिया कदम रखा था और वो इसकी कीमत बखूबी जानते थे। शायद यही वजह थी कि फिल्म ‘हीरो’ हिट होने के बाद भी जैकी ने चॉल में रहना नहीं छोड़ा था। वे सालों तक यही रहते रहे। उनकी कुछ फिल्मों को उसी चॉल में शूट किया गया था। जैकी श्रॉफ ने 1987 में आयशा से लव मैरिज की थी। उनके दो बच्चे टाइगर श्रॉफ और कृष्णा श्रॉफ है। वर्क फ्रंट की बात करें तो बीते दिनों जैकी श्रॉफ को ‘मस्त में रहने का’ में देखा गया था।
इस एक फिल्म में लगा दी जिंदगी भर की कमाई, नुकसान हुआ तो बेचना पड़ा था घर का फर्नीचर तक
साल 2003 की फिल्म बूम को जैकी श्रॉफ और उनकी पत्नी आएशा श्रॉफ ने प्रोड्यूस किया था। इस फिल्म में दोनों ने अपनी जिंदगी की सारी जमापूंजी भी लगा दी थी। ये कटरीना कैफ की पहली फिल्म थी वहीं इसमें अमिताभ बच्चन, गुलशन ग्रोवर, जीनत अमान जैसी बड़ी स्टारकास्ट थी। फिल्म के डिस्ट्रीब्यूटर्स ने आखिरी समय में बैकआउट कर दिया और सारा नुकसान जैकी को हुआ।
फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप हुई और जैकी के सारे पैसे डूब गए। गरीबी ऐसी आई कि घर का फर्नीचर, आर्टवर्क और पूरा घर तक बिक गया। टाइगर श्रॉफ ने उस समय अपनी मां से वादा किया था कि वो घर वापस खरीदेंगे। आज टाइगर ने मां के लिए घर खरीद लिया है।