Saturday, September 21, 2024

कोटा मे छात्रा ने दोस्तों संग मिलकर रचा खुद की ही किड्नैपिंग का षडयंत्र, आइए जानते है पूरा मामला!

 

DIGITAL NEWS GURU RAJASTHAN DESK :- 

कोटा मे छात्रा ने दोस्तों संग मिलकर रचा खुद की ही किड्नैपिंग का षडयंत्र, आइए जानते है पूरा मामला!

Kota Student Kidnapping Case: पुलिस ने किया बड़ा खुलासा, कहा- छात्रा और उसका साथी विदेश जाना चाहते थेशिवपुरी  के स्कूल संचालक की कोटा में पढ़ने वाली बेटी की किडनैपिंग की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। पुलिस की तफ्तीश में किडनैपिंग की ये पूरी घटना झूठी निकली है और इसकी मास्टर माइंड स्कूल संचालक की बेटी ही निकली है।जिसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर खुद के अपहरण की झूठी साजिश रची थी और पापा को मैसेज कर 30 लाख रूपए की फिरौती भी मंगवाई थी। बता दें कि छात्रा की किडनैपिंग के इस मामले से मध्यप्रदेश के साथ ही राजस्थान में भी हड़कंप मच गया था। खुद केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने फोन कर राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा से बात की थी और उनसे कहा था कि पुलिस की सहायता से बेटी को सुरक्षित वापस उसके घर लाना है।

कोटा में छात्रा के किडनैपिंग मामले में बुधवार को पुलिस को बड़ा सुराग हाथ लगा था। एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें वह अपने दोस्त के साथ  छात्रा ने खुद अपने दोस्तों के साथ किडनैपिंग की साजिश रची थी। अब सामने आया है कि छात्रा इंदौर दिख रही है। पुलिस छात्रा और उसके दोस्त की तलाश कर रही है।

यह है पूरा मामला:

Kota kidnap case: Girl plans own abduction to get ₹30 lakh ransom to get settled abroad with boyfriend, says police | Mint

दरअसल शिवपुरी में एक स्कूल के संचालक रघुवीर धाकड़ ने गत दिवस अपनी 20 वर्षीय बेटी काव्या की कोटा (राजस्थान) से अपहरण कर लिए जाने की शिकायत दर्ज करवाई थी। उन्होंने पुलिस को बताया कि अपहरणकर्ताओं ने वाट्सएप पर बेटी के हाथ-पैर व मुंह बंधा फोटो भेज कर 30 लाख रुपये मांगे हैं। इसके बाद मध्य प्रदेश और राजस्थान पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।

मोबाइल लोकेशन खंगालने पर वह इंदौर की मिली।बता दें कि इससे पहले छात्रा को जयपुर के दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन पर देखा गया था। पुलिस के हाथ लगे सीसीटीवी फुटेज में छात्रा दो लड़कों के साथ जाते हुए दिख रही थी। सीसीटीवी के आधार पर युवती की तलाश की जा रही है। बता दें कि छात्रा के अपहरण को लेकर राजस्थान सरकार ने घोषणा की थी कि युवती की सूचना देने वाले को 20 हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा। लेकिन अब इस मामले में खुलासा हो गया है।

कोटा पुलिस अधीक्षक डा. अमृता दुहन के अनुसार छात्रा काव्या तीन अगस्त को उसकी मां के साथ कोटा आई थी। यहां उसने एक कोचिंग पंजीयन का फार्म लिया था और एक हास्टल में रहने का तय करके उसकी मां उसी दिन लौट गई थी। इसके बाद छात्रा पांच अगस्त तक कोटा में रही और फिर इंदौर चली गई। पुलिस ने जांच की तो यह स्पष्ट हो गया था कि छात्रा के साथ कोई अपराध नहीं हुआ है।

झूठी निकली पूरी कहानी :

पुलिस ने सभी पहलुओं की जांच करने के बाद बुधवार को खुलासा किया है। पुलिस ने बताया कि छात्रा के साथ किसी तरह की कोई वारदात नहीं हुई है। छात्रा विदेश जाना चाहती है। इसलिए उसने दोस्तों के साथ मिलकर खुद के अपहरण की साजिश रची थी। छात्रा और उसका एक दोस्त पुलिस को नहीं मिला है। पुलिस ने उनसे अपील की है कि वह जहां भी हो नजदीकी पुलिस से संपर्क करे।बता दें कि इससे पहले छात्रा को जयपुर के दुर्गापुरा रेलवे स्टेशन पर देखा गया था। पुलिस के हाथ लगे सीसीटीवी फुटेज में छात्रा दो लड़कों के साथ जाते हुए दिख रही थी। सीसीटीवी के आधार पर युवती की तलाश की जा रही है। बता दें कि छात्रा के अपहरण को लेकर राजस्थान सरकार ने घोषणा की थी कि युवती की सूचना देने वाले को 20 हजार रुपये का इनाम दिया जाएगा। लेकिन अब इस मामले में खुलासा हो गया है।

इंदौर के फ्लैट की किचन से भेजी तस्वीरें:

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पुलिस के अनुसार अपहरणकर्ता बनकर जो तस्वीरें काव्या के पिता को भेजी गई हैं वह उसकी युवक के फ्लैट की हैं जो पुलिस की मदद कर रहा है। पुलिस को जो फोटोग्राफ्स मिले थे जिसमें रस्सी एवं अन्य सामग्री नजर आ रही थी और छात्रा के हाथ पैर बंधे हुए जो फोटो खींचे गए थे, वह इंदौर में ही छात्र के दोस्त के कमरे के किचन के हैं|

इसकी पुष्टि कोटा पुलिस ने इंदौर पहुंचकर कर ली है, छात्रा के दूसरे साथी जिसको पुलिस ने डिटेन किया है वह पुलिस को छानबीन में सहयोग कर रहा है |  कोटा पुलिस की एक टीम इंदौर और एक टीम अब भी जयपुर में मौजूद है। पुलिस को छात्रा के पिता ने जो घटनास्थल बताया था वहां भी पुलिस ने जांच की, लेकिन कुछ नहीं मिला। पुलिस अधीक्षक डा. दुहन ने अपील है कि काव्या और उसका दोस्त जहां भी हैं वे अपने परिवारजन से संपर्क कर लें या फिर निकटतम थाने में चले जाएं। उनकी सुरक्षा सबसे अहम है।

छात्रा ने किसी इंस्टिट्यूट मे दाखिला लिया ही नहीं था फर्जी बताया था इंस्टिट्यूट का नाम:

इस पूरे मामले पर कोटा शहर एसपी अमृता दुहन ने कहा है कि पुलिस की शुरुआती जांच में जो तथ्य सामने आए हैं उसके मुताबिक छात्र का कोटा में किसी कोचिंग संस्थान में दाखिला नहीं था और ना ही वह कोटा में किसी हॉस्टल या पीजी में रह रही थी. इसका भी रिकॉर्ड पुलिस को शुरुआती जांच में नहीं मिला है. हालांकि पुलिस की ओर से अनुसंधान लगातार जारी है. पुलिस की माने तो फिलहाल यह भी स्पष्ट नहीं हो सका है कि छात्रा का अपहरण कोटा से हुआ है या किसी और जगह से.

छात्रा के बारे में सूचना देने वालों को ₹20,000 का  ईनाम:

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सिटी एसपी ने आमजन से ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार कर छात्रा को तलाश करने में मदद करने की अपील की है. हालांकि छात्रा के बारे में सूचना देने वालों को ₹20,000 के ईनाम देने की घोषणा पहले ही कर दी थी. लेकिन फिलहाल छात्रा को दस्तयाब नही किया जा सका।

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