कानपुर में चौकी इंचार्ज पर गिरी गाज ,दोषी पाए जाने पर डीसीपी साउथ ने किया निलंबित !
कानपुर पुलिस अपने कारनामों को लेकर एक बार फिर चर्चा में है। गैरजमानती वारंट में वांटेड आरोपी के ना मिलने पर उसके हमनाम शख्स को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। युवक बार-बार कहता रहा कि वह निर्दोष है। पर पुलिस ने एक न सुनी युवक ने जेल से छूटने के बाद कानपुर ज्वाइंट कमिश्नर से मिलकर मामले की शिकायत की थी, ज्वाइंट कमिश्नर ने मामले की जांच घाटमपुर एसीपी को सौंपी थी। जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने पर डीसीपी साउथ ने चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया है। मामले की जांच जारी है।
किसी और के वारंट में किसी और को जेल भेजने के मामले में कस्बा चौकी इंचार्ज निलंबित
घाटमपुर के कस्बा चौकी पुलिस ने एक माह में दो वारंट मामले में गलत लोगों को जेल भेजा था, एक को दस दिन बाद जेल से जमानत मिली तो दूसरे को जज ने कोर्ट से सम्मान रिहा किया है। पढ़े दोनो मामले जिसमे दोषी पाए गए घाटमपुर कस्बा चौकी इंचार्ज रवि दीक्षित
घाटमपुर नगर के बसंत विहार निवासी प्रमोद कुमार संखवार को पुलिस ने 2021 में तमंचे के साथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसे आर्म्स एक्ट में जेल भेज दिया। प्रमोद संखवार के पिता का नाम दुर्गा प्रसाद था, जिनकी मौत हो चुकी है। जेल जाने के कुछ महीनों बाद प्रमोद को जमानत मिल गई। इस बीच कोर्ट में पेशी के लिए सम्मन आता रहा।
लेकिन प्रमोद संखवार ने किसी भी सम्मन पर कोर्ट में पेश नहीं हुआ। जिस पर सिविल जज जूनियर डिवीजन ने 24 अगस्त 2023 को प्रमोद के खिलाफ 24 अगस्त 2023 को गैरजमानती वारंट जारी हुआ। घाटमपुर पुलिस ने वारंट को तामील कराने दरोगा शुभम सिंह और हेड कॉन्स्टेबल राजकिशोर को प्रमोद संखवार के घर गए, लेकिन वह नहीं मिला। 12 सितंबर को सब्जी का थोक व्यापार करने वाले प्रमोद कुमार साहू को पकड़ लिया।
प्रमोद साहू के पिता का नाम पिता दुर्गा साहू है। प्रमोद कुमार साहू ने दरोगा को समझाने की कोशिश की कि वह आरोपी नहीं है। उसने अपना आधार कार्ड भी दिखाया। इस पर दरोगा शुभम सिंह ने उससे 50 हजार रुपए मांगे। नहीं देने पर सीधे जेल भेज दिया। 22 सितंबर प्रमोद को जमानत मिली।
10 दिन बाद जेल से बाहर आने पर प्रमोद किस आरोप में सजा हुई:
इसकी पड़ताल की तो पता चला आर्म्स एक्ट में उसे जेल भेजा गया था। लेकिन ये केस उसके नाम के दूसरे व्यक्ति पर दर्ज था। उसके बाद पीड़ित पुलिस कमिश्नर के पास पहुंचा और शिकायत दर्ज कराई थी। ज्वाइंट कमिश्नर आनद प्रकाश तिवारी ने मामले में जांच के आदेश दिए थे।
बीते वर्ष 2016 में घाटमपुर के कूष्मांडा नगर मोहल्ले में पुलिस के साथ मारपीट की घटना हुई थी। पुलिस ने मारपीट के मामले में मोहल्ले में रहने वाले राजेश कुमार पुत्र शिवप्रसाद जेल भेजा था। जमानत से बाहर आने के बाद से वह कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ। जिसके चलते बीते अगस्त माह में कोर्ट से राजेश कुमार के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ था। पुलिस ने राजेश की काफी खोजबीन की पर वारंटी नहीं मिला।
जिसपर घाटमपुर पुलिस ने थाना क्षेत्र के रतनपुर गांव निवासी अशोक बाजपेई उर्फ राजेश को गिरफ्तार कर लिया। अशोक बाजपेई ने पुलिस को बताया की उसके खिलाफ कोई मुकदमा नहीं है। और वह राजेश नही है, पर पुलिस ने उसकी एक न सुनी। जिसके बाद जज ने अशोक बाजपेई की बात सुनी और उन्हें ससम्मान रिहा किया और पुलिस को फटकार भी लगाई।
कानपुर ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने मामले में कानपुर डीसीपी साउथ रविंद्र कुमार को जांच करवाकर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे, डीसीपी साउथ ने घाटमपुर एसीपी दिनेश कुमार शुक्ला को मामले की जांच सौंपी थी। घाटमपुर एसीपी दिनेश कुमार शुक्ला की जांच रिपोर्ट में चौकी इंचार्ज दोषी पाए गए। जिसपर कानपुर डीसीपी साउथ रविंद्र कुमार ने घाटमपुर कस्बा चौकी इंचार्ज रवि दीक्षित को निलंबित कर दिया। मामले की जांच जारी है।
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