DIGITAL NEWS GURU NATIONAL DESK :-
साइबर क्राइम :
आजकल के दौर पे सब कुछ डिजिटली होता जा रहा है । हर व्यक्ति इंटरनेट पर निर्भर हो चुका ऐसे साइबर क्राइम की संख्या दिन ब दिन बदती चली जा रही है । जहा एक ओर बिना इनटरनेट के किसी का गुजरा नामुमकिन स होता जा रहा है तो वही हम सभी की सोशल लाइफ से लेकर बैंकिंग लाइफ तक सब कुछ आज कल इंटरनेट पर निर्भर हो चुका है ।
इंटरनेट की दुनिया मे आज लाखों वेबसाईट और उनके अरबों उपयोगकर्ताओं का एक विशाल समुदाय बन चुका है है। इसके अलावा,आज कल लोग इसे खरीदारी, फिल्मों, संगीत, वीडियो गेम, लेनदेन और ई-कॉमर्स आदि जैसे विभिन्न उपयोगों के लिए उपयोग करते हैं। वही आपको बता दें, पिछले 5 वर्षों में 6000 से अधिक मामले तो केवल भारत के महाराष्ट्र में दर्ज किए गए। वहीं, उत्तर प्रदेश में 5000 मामले दूसरे स्थान पर है और तीसरे स्थान पर 3500 मामलों से अधिक कर्नाटक राज्य मे दर्ज कीये गए है।
ऐसे मे सबसर ज्यादा जरूरी है की पासवर्ड को मज़बूत और सुरक्षित रखें साथ ही हर 1-2 महीन पर बदलते रहें. टू-फैक्टर सेटिंग authentification लगा दें। किसी भी अनजान लिंक पर भूलकर भी क्लिक ना करें।
जैसा की हम सब जानते है इंटरनेट का बढ़ता इस्तेमाल क्राइम गतिविधियों को भी बढ़ाता जा रहा है । शॉपिंग हो या खाना ऑर्डर करना , पढ़ाई हो या सोशल लाइफ , बैंकिंग हो या कोई वित्तीय लेनदेन सब कुछ सब कुछ एक क्लिक पर घर बैठे संभव है ज़िंदगी वाकई में बहुत ही सरल हो चुकी है. हालांकि, इतना सब होने के बावजूद भी हम सेफ नहीं हैं। आज भी देश मे सभी को साइबर सिक्योरिटी का डर सताता रहता है । अगर हम जरा स भी चूक जाते है तो या सही से ध्यान नहीं दे पते है तो बिना कुछ किए ही हमारे अकाउंट से पैसे गायब हो जाते हैं।
आइए जानते है की साइबर फ्रॉड का शिकार होने से कैसे बचे:-
1. किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक ना करें.
2. पासवर्ड को सुरक्षित रखना बहुत ही ज़्यादा ज़रूरी है. पासवर्ड को मज़बूत रखें. हर 1-2 महीने पर बदलते रहें। पासवर्ड को alphnumeric फॉर्म मे ही लिखे ।
3. अपना otp किसी से शेयर न करे । किसी भी व्यक्ति को अपना पिन नंबर cvv ना दे ।
4. डिजिटल पेमेंट एप्लिकेशन को सुरक्षित रखें।डिजिटल पेमेंट एप्लिकेशन को सुरक्षित पासवर्ड से जोड़ें. इसका पासकोड अलग रखें।
6. भरोसेमंद लिंक या क्यूआर कोड पर पैसे ट्रांसफर करें। किसी भी अनजान लिंक को भूल से क्लिक ना करें।
7. किसी भी तरह के संदिग्ध फोन या मैसेज का जवाब न दें और उन्हें ब्लॉक कर दें।
8. किसी अनजान व्यक्ति से दोस्ती ना करे। और ना ही अपनी प्राइवेट तस्वीरे शेयर करे ।
आजकल साइबर ठग लोगों को क्रेडिट कार्ड की लिमिट के बहाने या लाखों र रुपये की लॉटरी जीतने का लालच देते हैं और फिर लॉटरी का अमाउंट ट्रांसफर करने के नाम पर लोगों के बैंक खाते की सीक्रेट डिटेल्स जैसे- कार्ड नंबर, सीवीवी कोड, ओटीपी आदि हासिल करके उनके बैंक खाते में मौजूद सारे पैसे उड़ा देते हैं। इनसे सतर्क रहे ।
ठगी का शिकार होने वाले लोगों के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हेल्पलाईन नम्बर 1930 जारी किया है. इस नंबर पर शिकायत दर्ज करवाने के तुरंत बाद साइबर क्राइम करने वाले पर कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
क्या है साइबर क्राइम एक्ट :
साइबर क्राइम किसी भी देश के सबसे अहम चुनौतियों में से होता है। इसलिए भारतीय दंड संहिता में साइबर क्राइम एक्ट एंव प्रावधानों को जोड़ा गया है। आपको बता दें की , ‘सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000’ के तहत ऐसा ही एक साइबर अपराधों से निपटने के लिए प्रावधान है, जिसके अंतर्गत 43A,43, 66B, 66, 66C, 66D, 66E, 66F, 67, 67A, 67B, 70, 72, 72A एवं 74 धाराएं सम्मिलित की गई हैं।
YOU MAY ALSO READ :- अजब गजब : जाने दुनिया के 9 सबसे अजीबोगरीब रेस्टोरेंट के बारे मे !