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Heat Wave: एक तरफ भीषण गर्मी और दूसरी तरफ बिजली कटौती बनी आफत, इंसानों से लेकर पशु-पक्षी सबकी जान की आफत बनी ये गर्मी :
Heat Wave: झुलसती भीषण गर्मी (Heat) के बीच अघोषित बिजली कटौती लोगों के लिए परेशानी बनी हुई है। कठुआ जिले में अब तक का सबसे अधिक अधिकतम तापमान 46.6 डिग्री रहा था। हल्की बूंदाबांदी और बादल छाने से अधिकतम तापमान में चार डिग्री सेल्सियस कमी आने से कुछ राहत मिलती दिखी लेकिन उसके साथ रात अब तक की सबसे गर्म 32.9 डिग्री तापमान के साथ बीती।
जिले में पड़ रही झुलसा देने वाली गर्मी
जिले में पड़ रही झुलसा देने वाली गर्मी (Heat) से लोगों को अभी राहत मिलती नहीं दिख रही है। शुक्रवार जिले में अधिकतम तापमान फिर 46.6 डिग्री के पास पहुंच गया,जबकि न्यूनतम में 3 डिग्री कमी आने से 29.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। प्रचंड गर्मी (Heat) से घरों में लगे बिजली के उपकरण कोई राहत नहीं दे पा रहे हैं। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग सुबह दस बजे के बाद बरगद व अन्य छायेदार पेड़ों के नीचे शरण लेते हैं जिससे वह गर्मी से बच सके।
बिजली की अघोषित कटौती बनी आफत
बढ़ती गर्मी में लोगों को न दिन में सुकून मिला रहा है और न ही रात में चैन से सो पा रहे हैं। ऊपर से रही सही कसर बिजली की घोषित व अघोषित कटौती पूरी कर देती है। इतने अधिक तापमान में इंसान तो क्या पशु-पक्षियों की जान पर भी बन आई है।
बुधवार को भी जिले में अब तक का सबसे अधिक अधिकतम तापमान 46.6 डिग्री रहा था। गुरुवार को हल्की बूंदाबांदी और बादल छाने से अधिकतम तापमान में चार डिग्री सेल्सियस कमी आने से कुछ राहत मिलती दिखी लेकिन उसके साथ रात अब तक की सबसे गर्म 32.9 डिग्री तापमान के साथ बीती। प्रचंड गर्मी के बीच अधिकतम तापमान अब दोबारा 46.6 डिग्री पहुंच गया है ,जिससे लोगों की जीवनचर्या प्रभावित होने लगी हैं।
गर्मी को देखते हुए बंद कर दिए गए हैं स्कूल
शिक्षा विभाग ने भी अभिभावकों की बार बार मांग करने पर स्कूल बंद कर दिए हैं जो स्कूली बच्चों के साथ अभिभावकों और शिक्षकों के लिए बड़ी राहत है। वहीं दूसरी ओर जरूरी कार्यालयों के लिए घरों से बाहर निकलने वाले लोगों का गर्मी ने जीना मुहाल कर रखा है। गर्मी से बेहाल लोगों को कहीं से भी राहत मिलती नहीं दिख रही है। हालांकि कुछ लोग शहर के बीचोबीच बहने वाली नहर में कुछ पल नहाकर राहत पाने का प्रयास करते हैं लेकिन ऐसे लोगों की संख्या एक प्रतिशत रहती है। इसके कारण शहर की सड़कें दिन में सुनसान होती हैं।
एक तरफ निर्माण कार्यों में लगे मजदूर वर्ग भी काफी परेशान है। इसके अलावा पशु, पक्षियों के लिए भी दिक्कत बन गई है। जिले के ट्यूबवेलों में भी गर्मी के चलते जलस्तर नीचे चले जाने से अधिकांश क्षेत्र में पेयजल संकट भी बना है। मौसम विभाग के अनुसार , फिलाल अगले कुछ दिनों तक गर्मी से अभी बिल्कुल भी राहत की उम्मीद नहीं दिख रही है।
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