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हल्द्वानी हिंसा :थाने से कारतूस तक लूट ले गए उपद्रवी,30 लोगो को अरेस्ट कर चुकी हैं पुलिस!:
हल्द्वानी में हुई हिंसा में उपद्रवी थाने से कारतूस तक भी लूट ले गए थे। पुलिसकर्मी से रिवॉल्वर भी छीन ले गए थे। पुलिस अब रिवॉल्वर और कारतूस को रिकवर करने की कोशिश कर रही है। इधर, 5वें दिन हल्द्वानी में हिंसाग्रस्त इलाके को छोड़कर बाकी जगह जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है।
हिंसा प्रभावित बनभूलपुरा को छोड़ बाकी शहर में आज से स्कूल खुल गए हैं। इंटरनेट सेवाएं बहाल की जा चुकी है। लेकिन बनभूलपुरा अभी भी सील है। और यहां कर्फ्यू जारी है। 2 पूर्व पार्षदों और सपा नेताओं समेत हिंसा में अभी तक 30 लोगों को पुलिस अरेस्ट कर चुकी है। हिंसा का मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक भी पुलिस हिरासत में है।
हिंसा ग्रस्त इलाके से रिश्तेदारों के यहां भागे लोग इस बीच, पुलिस ने अर्द्धसैनिक बलों के साथ मिलकर पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। डर के चलते मुस्लिम बाहुल्य इलाके में लोगों ने घर छोड़ दिया है। करीब 300 घरों पर ताले लगे हैं। इन स्थितियों का जायजा लेने जब हम बनभूलपुरा के मलिक का बगीचा इलाके में पहुंचे। तब यहां की गलियों में सन्नाटा पसरा दिखा। ज्यादातर लोग घरों पर ताला लगाकर दूसरी जगहों पर जा चुके हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया ये लोग यूपी के शहर और गांवों में चले गए हैं। इलाका सील होने के बावजूद लोग गलियों से बचते-बचाते परिवार समेत यहां से निकल रहे हैं। घरों पर ताले के सवाल पर नैनीताल के SSP प्रहलाद सिंह मीणा ने दैनिक भास्कर से कहा कि उपद्रव के दौरान और कर्फ्यू लागू होने के पहले कुछ लोग वहां से चले गए थे। उन्हीं घरों पर ताले लगे हैं। पुलिस मजिस्ट्रेट के आदेश पर घर-घर सर्च ऑपरेशन चला रही है। उपद्रव में शामिल लोग पकड़े जाने के डर से भी इधर-उधर भाग गए होंगे। कर्फ्यू लागू होने के बाद से जो जहां था, वहीं है।
पहले मौत देखी अब बच्चे खाने को तरसे:
बनभूलपुरा इलाके में रहने वाले निहाल कहते हैं कि उस दिन हमने अपनी आंखों के सामने मौत देखी थी। लगा नहीं था कि जिंदा बच पाएंगे। तब जैसे तैसे जान बची। अब बच्चे रोटी के निवाले को तरस गए हैं। हम खौफ के साए में सांस ले रहे हैं। ऊपर से घर में खाने पीने को भी कुछ नहीं बचा है। यह हाल सिर्फ निहाल का नहीं है। बल्कि हिंसाग्रस्त इलाकों में जो लोग रह गए हैं। उनको भी खाने पीने की दिक्कत हो रही है।
हल्द्वानी SDM पारितोष वर्मा ने दैनिक भास्कर से कहा, “हम कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र बनभूलपुरा में राहत सामग्री, दवाएं, फल और सब्जियां बंटवा रहे हैं। हालात पूरी तरह से नियंत्रण में हैं। लेकिन ये कहना अभी मुश्किल है कि बनभूलपुरा इलाके में कर्फ्यू में ढील कब से दी जा सकेगी। ये पूरी तरह यहां के हालात पर निर्भर करेगा। हम लगातार इसका आकलन कर रहे हैं।
लूटे गए 99 कारतूस पुलिस ने बरामद किए:
नैनीताल SSP प्रहलाद सिंह ने मीणा ने कहा कि हिंसा वाले दिन 8 फरवरी को उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाने में आगजनी करके वहां रखे कारतूस भी लूट लिए थे। एसएसपी ने लूटे गए कारतूसों की सटीक संख्या नहीं बताई। हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा कि जो कारतूस उपद्रवी ले गए थे उसमें से 99 कारतूस हमने अरेस्ट किए गए लोगो से रिकवर कर लिए हैं। ये लाइव राउंड हैं। इनमें 7.62 mm के 67 और 9 mm के 32 कारतूस हैं।
SSP ने हिंसा के दौरान मलिक का बगीचा क्षेत्र में एक पुलिस रिवाल्वर उपद्रवियों द्वारा छीने जाने की बात भी कबूल की है। उन्होंने कहा कि हम छीनी गई पुलिस रिवाल्वर को रिकवर करने की कोशिशों में लगे हैं। लूटे गए बाकी कारतूसों को रिकवर करने की कोशिश की जा रही है
केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने कहा-दंगाइयों से सख्ती से निपटेंगे:
केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट रविवार रात को हल्द्वानी पहुंचे। हल्द्वानी कोतवाली पहुंचकर उन्होंने घायल पुलिस कर्मियों से मुलाकात की। उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार उनके साथ है और दंगाइयों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। केंद्रीय मंत्री से मुलाकात के दौरान एक घायल पुलिस कर्मी गोविंदी फफक पड़ीं। बोलीं- बस किसी तरह जान बच गई। उस दिन लगने लगा था कि अब बच नहीं पाएंगे।
घायल पुलिस कर्मियों से मुलाकात के बाद केंद्रीय मंत्री ने कहा, “सरकार दंगाइयों से सख्ती से निपटेगी। पुलिस को एक्शन की छूट दी गई है। उन्होंने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर दंगाइयों के पास हथियार और पेट्रोल बम कैसे आए, इसकी भी जांच होगी।”
जमीयत ने कहा- पलायन रोके प्रशासन, बेकसूरों को परेशान न करे:
इधर, जमीयत उलेमा ए हिंद का एक प्रतिनिधि मंडल दिल्ली से हल्द्वानी पहुंचा। इस प्रतिनिधि मंडल से एसडीएम से करीब एक घंटे तक मुलाकात की। प्रतिनिधि मंडल की अगुवाई कर रहे जमीयत उलेमा ए हिंद दिल्ली के जनरल सेक्रेटरी अब्दुल राजिक ने मीडिया से बातचीत में कहा- हम मौलाना अरशद मदनी के निर्देश पर यहां आए हैं। हिंसा के बाद से मुस्लिम कम्युनिटी में खौफ का माहौल है। हजारों मुस्लिम लोग अपना घर छोड़कर हल्द्वानी से पलायन कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि हमने प्रशासन से अपील की है कि पलायन को रोका जाए। बेकसूरों को परेशान न किया जाए। जमीयत नेता ने कहा, मदरसा तोड़ने के लिए प्रशासन के पास कोर्ट का कोई आदेश नहीं था। मामले में सुनवाई के लिए 14 फरवरी की डेट लगी थी। उसमें जो भी डिसीजन आता उसके अनुरूप कार्रवाई होनी चाहिए थी। लेकिन कोर्ट में सुनवाई के पहले ही प्रशासन ने उसे गिरा दिया।
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