Haji Mastan Birthday Special : एक मामूली कुली जो बन गया था देश का सबसे कुख्यात तस्कर और फिर कर लिया था पूरी मुंबई पर राज!
Digital News Guru Birthday Special: मुंबई में एक हाजी मस्तान (Haji Mastan) नाम का तस्कर किंग हुआ करता था, जो मुंबई का सबसे पहला अंडरवर्ल्ड डॉन कहलाया था। 1 मार्च साल 1926 में तमिलनाडु में जन्मा मस्तान अपने पिता हैदर मिर्जा के साथ साल 1934 में मुंबई आ गया था।
परिवार की माली हालत अच्छी न होने के चलते हैदर मिर्जा ने मुंबई आकर कई छोटे काम किये लेकिन हालात वैसे के वैसी कि वैसी ही रही थी। मस्तान अपने पिता के साथ काम मे लगा रहता था । लेकिन मस्तान के सपने काफी बड़े थे।
18 की उम्र मे किया कुली का काम
साल 1944 और मस्तान की उम्र अब 18 की पूरी हो गयी थी थी। उसने बम्बई डॉक में कुछ दिन कुली का भी काम किया था । इसी बीच मस्तान की मुलाकात गालिब शेख नाम के शख्स से हुई थी। गालिब ने बताया कि उसे एक खास सामान (सोने के बिस्किट और महंगी घड़ियां) को यहाँ से बाहर निकालना है। ऐसे में मस्तान इस काम के लिए राजी हो गया था । और मस्तान अपनी अकल से वो सामान बाहर ले निकाल लाया था । कई बार ऐसा करने के दौरान शेख और मस्तान की दोस्ती हो गई थी।
अपराध के आसमान पर नया पक्षी बन गया था मस्तान
कुली का काम करने में मस्तान का मन थोड़ा लग चुका था। उन दिनों विदेश से आने वाले लोग महंगी घड़ियां, सोना-चांदी व अन्य कीमती सामान लेकर मुंबई आया करते थे । लेकिन सामान पर लगने वाला ज्यादा टैक्स हमेशा ऐसा लोगों के लिए मुसीबत होता था। ऐसे में उन लोगों कि मदद मस्तान मिर्जा किया करता था और उसे इस काम के अच्छे खासे पैसे भी मिल जाते थे। नया बच्चा और कुली होने के चलते मस्तान पर कोई शक भी नहीं करता था और इस तरह उसने तस्करी के धंधे को ही अपना मुख्य उद्देश्य बना लिया था।
50 का दशक और नया दोस्त
साल 1950 के बाद मस्तान की दुनिया ही बदल चुकी थी। फिर साल आया 1956 और गुजरात का कुख्यात तस्कर सुकुर नारायण वो भी अब मस्तान का दोस्त बन चुका था। दोनों ने मिलकर तस्करी के धंधे में खूब सारा पैसा कमाया था और अब कुली मस्तान मिर्जा ने अपना नाम बदलकर माफिया मस्तान भाई रख लिया था।
पाई-पाई को मोहताज मस्तान अब बन चुका था तस्करी का किंग
70 के दशक में मस्तान के साथ वरदराजन का नाम भी मुंबई के बड़े तस्करों में लिया जाता था, लेकिन जब वरदराजन ‘वर्धा’ चेन्नई लौट गया तो मस्तान मिर्जा ही एकमात्र तस्करी के धंधे का किंग बन गया था। अब मस्तान शानदार डिजाइनर सूट पहने अपनी मर्सिडीज में सवार हो कर चलने लगा था। साल 1974 में मस्तान पहली बार गिरफ्तार हुआ था मस्तान को गिरफ्तार करके हवालात के बजाय उसे एक बड़े बंगले में नजरबंद कर दिया गया था।
18 महीने की जेल मे हुआ था मस्तान का ह्रदय परिवर्तन
देश में आपातकाल की घोषणा के बाद हाजी मस्तान को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया था। जेल के भीतर मस्तान की मुलाक़ात जयप्रकाश नारायण यानी जेपी से हुई थी और जब मस्तान 18 महीने बाद जेल से बाहर आया तो उसने अपराध की दुनिया को छोड़ने का इरादा कर लिया था।
हाजी मस्तान ने साल 1980 में अपराध की दुनिया को अलविदा कह दिया था । मस्तान ने साल 1984 में एक राजनीतिक पार्टी भी बनाई थी, जिसका नाम हाजी दलित-मुस्लिम सुरक्षा महासंघ रखा गया था। साल 1994 में हाजी मस्तान को दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई थी।