Saturday, November 23, 2024

H. D. Deve Gowda birthday special : जाने भारत के 12वे प्रधानमंत्री एच. डी. देव गौड़ा से जुड़ी कुछ रोचक बाते !

DIGITAL NEWS GURU POLITICAL DESK :- 

H. D. Deve Gowda birthday special : जाने भारत के 12वे प्रधानमंत्री एच. डी. देव गौड़ा से जुड़ी कुछ रोचक बाते !

आज हम आप सभी लोग एच. डी देवेगौड़ा (H. D. Deve Gowda) का जीवन परिचय प्रस्तुत किया गया है। एच. डी देवेगौड़ा (H. D. Deve Gowda) जो हैं वो आज़ाद भारत के बारहवें प्रधानमंत्री रहे थे। इसके साथ ही एच. डी देवेगौड़ा (H. D. Deve Gowda) ने कर्नाटक राज्य के मुख्यमंत्री पद का कार्यभार भी शंभल चुके है

एच. डी देवेगौड़ा (H. D. Deve Gowda) ने सिविल इंजीनियर की डिग्री लेने के तुरंत बाद महज 20 साल की उम्र में राजनीति में प्रवेश ले लिया था। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी में भी प्रवेश लिया। इसके साथ ही देव भगवान ने किसानों, पूंजीपतियों और शोषित वर्ग के लोगों को अपना अधिकार हासिल करने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने अपने जीवन में राजनीति के क्षेत्र में अच्छी उपलब्धि हासिल की।

एच. डी देवेगौड़ा (H. D. Deve Gowda) का प्रारम्भिक जीवन और शिक्षा:

एच. डी देवेगौड़ा (H. D. Deve Gowda) का जन्म 18 मई 1933 को हॉलानसारिपिली तालुक के एक गांव में हुआ था, जो कि मैसूर के पूर्व साम्राज्य का एक वोक्कालिगा जाति का परिवार है। इसे अन्य फ़्लैट वर्ग के रूप में हमेशा के लिए नियुक्त किया गया था। इनके पिता का नाम दोदेव भगवान था और वे एक किसान थे।

एच. डी देवेगौड़ा (H. D. Deve Gowda) ने सिविल इंजीनियरिंग में काम किया था। डिग्री लेने के बाद कुछ समय तक उन्होंने अपने छात्र की सहायता की और कुछ समय तक अध्ययन के रूप में भी काम किया। देव भगवान ने साल 1954 में चेन्नम्मा से शादी की थी। देव भगवान के छह संत हैं।

एच. डी देवेगौड़ा (H. D. Deve Gowda) का राजनितिक जीवन:

वर्ष 1953 में एच. डी देवेगौड़ा (H. D. Deve Gowda) ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में प्रवेश किया था। इसके बाद साल 1962 तक वे सदस्य बने रहे। इस दौरान वे होलनसारिपुरा के अंजनेय एसोसिएट सोसायटी के अध्यक्ष भी रहे। और इसके बाद होलनरासिपुरा के तालुक विकास बोर्ड के सदस्य भी बन गये।

फिर वर्ष 1962 में वे कर्नाटक विधानसभा में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बने रहे और विधानसभा में भी चुने गए। वर्ष 1976 तक वे विधानसभा में नामांकन नेता के रूप में कार्यरत रहे। वर्ष 1975 में जब मराठवा इंदिरा गांधी इंटरसिटी का विमोचन किया गया था। तो उस समय एच. डी देवेगौड़ा (H. D. Deve Gowda) जी ने इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय फ्रैंकफर्ट का विरोध किया था। जिसके कारण उन्हें 18 महीने की सजा भी दी गई थी। वर्ष 1994 में वे जनता दल के राज्य इकाई के अध्यक्ष बने। इसके बाद दिसंबर में देव भगवान कर्नाटक के 14 वें मुख्यमंत्री भी बन गये थे।

साल 1996 में आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस के समर्थन से केंद्र में सरकार बनाने का निर्णय लिया गया, तब देवगौड़ा को सरकार का नेतृत्व करने के लिए चुना गया। इस तरह वे भारत के 11वें प्रधानमंत्री भी बने थे।

 

एच. डी देवेगौड़ा (H. D. Deve Gowda) का योगदान:

एच. डी देवेगौड़ा (H. D. Deve Gowda) ने राजनीति में भी देश के पीढ़ित लोगों की समस्याएं हमेशा के लिए सुलझा लीं, उन्होंने बाकी राजनीतिक नेताओं की तरह की बातें ही नहीं की बल्कि प्रत्यक्ष कृति से उन्होंने सब कुछ दिखाया।
एच. डी देवेगौड़ा (H. D. Deve Gowda) ने अपने पद के दौरान देश की निंदा जाति के अधिकारों की हमेशा मांग की।
एच. डी देवेगौड़ा (H. D. Deve Gowda) जैसे नेताओं की आज भी देश को सख्त जरूरत है।

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