Saturday, November 23, 2024

Dhanraj Pillay birthday special : भारतीय हॉकी टीम के एक लेजेंड खिलाड़ीयो मे से एक थे धनराज पिल्लै, इनके नाम पर है कि बहुत सारे रिकॉर्ड्स !

DIGITAL NEWS GURU SPORTS DESK :- 

Dhanraj Pillay birthday special : भारतीय हॉकी टीम के एक लेजेंड खिलाड़ीयो मे से एक थे धनराज पिल्लै, इनके नाम पर है कि बहुत सारे रिकॉर्ड्स !

भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान और लेजेंड खिलाड़ी धनराज पिल्लै (Dhanraj Pillay) आज अपना 53 जन्मदिन मना रहे है ।धनराज पिल्लै का जन्म 16 जुलाई साल 1968 को हुआ था । साल 1989 में भारतीय टीम के लिए डेब्यू करने वाले पिल्लै ने 15 सालों तक भारतीय टीम को अपनी सेवाएं प्रदान की।

वैसे तो भारतीय हॉकी बोर्ड के पास धनराज पिल्लै (Dhanraj Pillay) द्वारा किए गोल्स की जानकारी नहीं है, लेकिन कुछ आंकड़े इकट्ठा करने वाली संस्थाओं के मुताबिक उन्होंने भारत के लिए 339 मुकाबलों में 170 गोल दागे थे।आइए उनकी उपलब्धियां जानें।

 

धनराज पिल्लै (Dhanraj Pillay) के नाम हैं कई रिकॉर्ड :

  1. धनराज पिल्लै (Dhanraj Pillay) ने अपने 15 साल के इंटरनेशनल करियर में अनेकों रिकॉर्ड बनाए थे।
  2. वह चार ओलंपिक, वर्ल्ड कप, चैंपियन्स ट्रॉफी और एशियन गेम्स खेलने वाले पहले हॉकी खिलाड़ी हैं।
  3. धनराज पिल्लै (Dhanraj Pillay) ने ओलंपिक साल 1992 से लेकर साल 2004 तक, इसके साथ ही वर्ल्ड कप साल 1990 से साल 2002 तक और एशियन खेल साल 1990 से साल 2002 गेम्स में पिल्लै ने चार बार भाग लिया हुआ था।
  4. चैंपियन्स ट्रॉफी में धनराज पिल्लै (Dhanraj Pillay) 1995, 1996, 2002 और 2003 में खेले थे। उनकी कप्तानी में भारत ने साल 1998 एशियन गेम्स में जीत हासिल की थी।

 

धनराज पिल्लै (Dhanraj Pillay) ने छोड़ी है भारतीय हॉकी पर एक बड़ी छाप :

भारत हॉकी सबसे मजबूत टीमों में से एक थी । लेकिन भारतीय हॉकी का इस समय प्रदर्शन थोड़ा खराब चल रहा है ।
धनराज पिल्लै (Dhanraj Pillay) अपने जमाने में भारतीय हॉकी टीम के सबसे बेहतरीन और सबसे ज़्यादा मशहूर खिलाड़ीयों मे एक हुआ करते थे।

 

कई बार विवादों में भी फंस चुके है धनराज पिल्लै (Dhanraj Pillay):

धनराज पिल्लै (Dhanraj Pillay) एकदम बेबाक किस्म के इंसान हैं और इसी के चलते वह कई बार विवादों में भी फंसे थे।साल 1998 में पाकिस्तान के खिलाफ एक सीरीज़ से पहले धनराज पिल्लै (Dhanraj Pillay) ने अपनी मैच फीस का भुगतान न करने के कारण भारतीय टीम मैनेजमेंट के खिलाफ खूब बयानबाजी करी हुई थी । इसके बाद ही बैंकाक में हुए एशियाड गेम्स मे पिल्लै और भी छह अन्य खिलाड़ियों को टीम में नहीं चुना गया था ।

 

पद्मश्री से नवाजित हो चुके हैं धनराज पिल्लै (Dhanraj Pillay):

साल 1999-2000 के लिए धनराज पिल्लै (Dhanraj Pillay) को भारत का खेल का सबसे बड़ा अवार्ड ‘राजीव गांधी खेल रत्न’ दिया गया था। इसके अलावा साल 2001 में भारतीय टीम के लिए उनकी सेवाओं को देखते हुए उन्हें पद्मश्री से नवाजित किया गया था।

धनराज पिल्लै (Dhanraj Pillay) ने रोते हुए किया था अपनी माँ को फोन:

साल 2000 में ऑस्ट्रेलिया में खेले गए ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने एक शानदार प्रदर्शन किया हुआ था, लेकिन ओलंपिक के अंतिम ग्रुप मुकाबले में पोलैंड ने भारत को 1-1 के ड्रॉ पर रोक दिया था।और इसकी वजह से ही साउथ कोरिया सेमीफाइनल में पहुंच गया था । इसे पिल्लै काफी दुखी हो गये थे ।

इसके बाद मैच खत्म होते ही पिल्लै ने अपनी मां को फोन लगाया और वह फोन पर ही रोने लगे थे ।रोते हुए पिल्लै अपनी माँ से कह रहे थे, “अम्मा मुझे माफ कर देना मैं मेडल नहीं ला सका

 

धनराज के जीवन पर छप चुकी है एक किताब:

भारत के सबसे बेहतरीन हॉकी लेखक सुदीप मिश्रा ने लगभग एक दशक तक भारतीय टीम को करीब से देखा और पिल्लै के जीवन से जुड़ी किताब लिखी। पिल्लै की किताब का नाम “Forgive Me Amma: The Life & Times of Dhanraj Pillay” है।

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