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Deepika Kumari birthday special : जाने तीरंदाजी विश्व कप में भारत का नाम रोशन करने वाली दीपिका कुमारी की संघर्ष भारी कहानी के बारे मे !
हाल ही में चीन के शंघाई में हुए तीरंदाजी के विश्व कप में रजत पदक जीतने वाली दुनिया की पूर्व नंबर वन तीरंदाज दीपिका कुमारी (Deepika Kumari) आज अपना 30 वा जन्मदिन मना रही है । आपको बता दे की दीपिका कुमारी (Deepika Kumari) को पेरिस ओलिंपिक से पहले टारगेट ओलिंपिक पोडियम स्कीम (TOPS) में फिर शामिल किया गया है।
वही वर्ष 2022 के दिसंबर माह के बाद से ( मां बनने के बाद ) पिछले साल पूरे सत्र में दीपिका कुमारी (Deepika Kumari) बाहर रही थी उन्होंने अभी हाल ही में वापसी की है। वह घरेलू के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा खेल रही है। तीन बार की ओलिंपियन रिकर्व तीरंदाज दीपिका ने इस साल एशिया कप में भी पदक जीता
हमारे देश भारत में कई ऐसी महिलाएं भी हैं, जो राष्ट्रीय स्तर हो या फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर दोनो ही तरह के खेलों में शानदार प्रदर्शन दिखा रही है। जिन्हें पुराने जमाने मे सिर्फ पुरुषों के खेल माने जाते थे, आज उन्ही खेल मे महिलाएं भी शामिल हो गयी हैं। भारतीय महिला क्रिकेट हो, या महिला हॉकी, घुड़सवारी हो या मुक्केबाजी, वेटलिफ्टिंग हो या तीरंदाजी, हर क्षेत्र में महिलाएं शानदार प्रदर्शन कर रही हैं।
कई भारतीय महिला एथलीट्स विश्व स्तर की महिला खिलाड़ियों की लिस्ट में टॉप 5 में शामिल हैं। भारतीय तीरंदाजी को पूरे विश्व स्तर पर एक ऊँचे मुकाम पर पहुंचने वाली हम सभी की पसंद भारतीय महिला तीरंदाज दीपिका कुमारी का आज 30 वा जन्मदिन है। दीपिका कुमारी ने तीरंदाजी मे पूरी दुनिया मे एक इतिहास रच दिया था। उनकी सफलता और उपलब्धि इसलिए भी खास है क्योंकि दीपिका कुमारी का जीवन संघर्ष और इस मुकाम तक पहुंचने का सफर बहुत रोचक रहा। चलिए जानते हैं महिला तीरंदाज दीपिका कुमारी के बारे में, उनका जीवन परिचय और उपलब्धि।
दीपिका कुमारी (Deepika Kumari) का जीवन परिचय:
महिला तीरंदाज दीपिका कुमारी (Deepika Kumari) का जन्म 13 जून साल 1994 को झारखंड की राजधानी रांची में हुआ था। दीपिका के पिता एक ऑटो चालक थे और दीपिका की माँ मेडिकल कॉलेज में एक नर्स रह चुकी हैं। सामान्य परिवार में जन्मी दीपिका को बचपन से तीरंदाजी का काफी शौक था। बचपन में वह पेड़ पर लटके आमों पर पत्थर मारकर उन्हें गिराया करती थीं।
तीरंदाजी की ट्रेनिंग:
दीपिका कुमारी (Deepika Kumari) के तीरंदाजी के हुनर को उनके माता पिता ने पहचान लिया था । उसके बाद दीपिका कुमारी के माता पिता ने दीपिका को अर्जुन मुंडा की तीरंदाजी अकादमी में दाखिला करवा दिया था। इसी जगह से दीपिका कुमारी की प्रोफेशनल ट्रेनिंग शुरू हो गयी थी । उन दिनों दीपिका कुमारी के पास अधिक पैसे नहीं रहते थे तो इसलिए दीपिका बांस से धनुष बनाकर अपनी प्रैक्टिस को किया करती थीं।
दीपिका कुमारी (Deepika Kumari) का तीरंदाजी करियर:
साल 2006 में दीपिका कुमारी (Deepika Kumari) का चयन टाटा तीरंदाजी अकादमी में हो गया था। फिर इसी साल यानी साल 2006 मे ही मेक्सिको में आयोजित एक विश्व चैंपियनशिप में दीपिका कुमारी को कंपाउड सिंगल स्पर्धा में पहला स्वर्ण पदक भी मिल गया था। अपने तीरंदाजी के करियर का पहला स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही दीपिका कुमारी ने अपने भारत देश का नाम भी काफी रोशन किया हुआ था ।
दीपिका कुमारी की उपलब्धि और अवार्ड:
यहां से दीपिका कुमारी (Deepika Kumari) के सफल करियर की शुरुआत हुई। दीपिका विश्व की टॉप तीरंदाजों में शामिल हो गईं। महज 15 साल की उम्र में दीपिका ने अमेरिका में हुई 11वीं यूथ तीरंदाजी चैंपियनशिप में जीत हासिल की। साल 2010 में एशियन गेम्स में दीपिका ने कांस्य पदक हासिल किया।
उसके बाद राष्ट्रमंडल खेल 2010 में व्यक्तिगत स्पर्धा में गोल्ड जीता और महिला रिकर्व टीम प्रतियोगिता में भी स्वर्ण जीता। इसी के साथ दीपिका कुमारी महिला तीरंदाजी में विश्व की नंबर वन तीरंदाज बन गईं। दीपिका को अर्जुन पुरस्कार के साथ ही स्पोर्ट्सपर्सन ऑफ द ईयर अवार्ड, भी मिल चुका है । उसके साथ ही दीपिका कुमारी को पद्म भूषण और यंग अचीवर्स अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है ।YOU MAY ALSO READ :- Disha Patani Birthday special : दिशा के 8 साल लंबे करियर में उनकी सिर्फ 4 मूवीज रहीं है हिट, कई सुपरहिट फिल्मों को भी कर चुकी है मना !