Saturday, September 21, 2024

क्या ज्याादा प्रोटीन खाने से आप को हार्ट अटैक जैसी समस्या हो सकती है , ज्यादा प्रोटीन से फेल हो रही किडनी !

DIGITAL NEWS GURU HEALTH DESK :-

क्या ज्याादा प्रोटीन खाने से आप को हार्ट अटैक जैसी समस्या हो सकती है , ज्यादा प्रोटीन से फेल हो रही किडनी !

आज कल फिटनेस की दौड़ में शामिल होने के लिए लोग ज्यादा से ज्यादा एनर्जी प्रोटीन युक्त ही भोजन करना चाहते है ।ये एक आम धारणा है कि मोटापा और कार्बोहाइड्रेट जिनमे होता है ,अगर वो कार्बोहाइड्रेट युक्त खाना खाता है तो उसका वजन और बढ़ने लगता है।   कई लोग तो इसके लिए प्रोटीन पाउडर भी इस्तेमाल करते है, लेकिन मोटापे से बचने का यह तरीका उनकी जान को जोखिम में डाल सकता है।

मेडिकल जर्नल नेचर मेटाबॉलिज्म में पब्लिश हुई एक स्टडी के अनुसार ,रोजाना शारीरिक जरूरत की 22% से ज्यादा कैलोरी अगर प्रोटीन से ली जाएं तो यह इम्यून सेल्स को सक्रिय कर सकता है, शरीर में अमिनो एसिड बढ़ा सकता है। इससे आर्टरीज में ब्लॉकेज आने लगते हैं, जो हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।

क्या हाई प्रोटीन इन्टेक हमारी किडनी को फेल कर सकता है? कैसी होनी चाहिए बैलेंस्ड डाइट?

आजकल प्रोटीन फिटनेस फ्रीक लोगों का नया गुरु बनकर उभरा है। प्रोटीन लोगो कि लाइफस्टाइल में कोई बदलाव किए बिना खुद को फिट रखने का सबसे आसान रास्ता तैयार करके कर रही है

•हार्ट अटैक का जोखिम

•किडनी फेल्योर का डर

•कैंसर होने का खतरा

•स्किन होती फीलिंगलेस

•डिहाइड्रेशन का डर

डायरिया हो सकता है. फिटनेस की इसअंधी दौड़ में दिल ह जख्मी और सरपट भागती जिंदगी में फिटनेस को लेकर अलग तरह की ही सोच लगी पड़ी है लोगो कि। हर कोई इस समय फिट दिखना चाहता है, लेकिन अपनी लाइफस्टाइल से समझौता नहीं करना चाहता। इसके लिए कई फॉर्मूले भी निकाल लिए गए हैं।

फिटनेस ट्रेनर्स मसल्स को ज्यादा बढ़ाने के लिए और ज्यादा फिट दिखने के लिए लोगो को नाश्ते में हाई प्रोटीन इन्टेक की सलाह दे डालते है। उन लोगों के मुताबिक अगर नाश्ते में ढेर सारा प्रोटीन खा लिया जाए तो दिनभर खाने की इच्छा बहुत कम होती है। इससे कार्बोहाइड्रेट और फैट इन्टेक अपने आप कम होता जा रहा है। लोग इसे सही मानकर फॉलो भी कर रहे हैं। यही बाद में हार्ट अटैक और किडनी फेल्योर का कारण बनता है। ज्यादा प्रोटीन से फेल हो रही किडनी

मेडिकल जर्नल नेचर मोटाबॉलिज्म में पब्लिश हुई एक स्टडी के अनुसार शरीर में अगर प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होगी तो प्रोटीन अमिनो एसिड में बदल जाता है। अमिनो एसिड में नाइट्रोजन बहुत ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। जिसे शरीर से बाहर निकालने के लिए किडनी के फिल्टर्स पर काफी प्रेशर को डालना पड़ता है। प्रोटीन पचने के बाद निकले अपशिष्ट पदार्थों को भी बाहर करने में काफी समस्या आती है। इसके कारण किडनी के फिल्टर कमजोर होने लगते हैं। जो बाद में किडनी फेल्योर के रूप में सामने आता है।

बढ़ने लगता है वजन:

हाई प्रोटीन इन्टेक वजन घटाने में जरूर मददगार साबित हो रहे होगे , लेकिन वजन कम करने का यह तरीका काफी लंबे समय तक नहीं चलता पायेगा। मेडिकल जर्नल क्लिनिकल न्यूट्रीशन में पब्लिश हुई एक जानकारी के मुताबिक प्रोटीन की अधिकता शरीर में एक फैट की तरह स्टोर होती रहती है जो शरीर में अमीनो एसिड को भी बढ़ाने का काम करती है। इसके चलते ही वजन बढ़ने लगता है।

कैंसर का कारण बन सकता है:

JAMA नेटवर्क में एक स्टडी मे जानकारी के मुताबिक हाई प्रोटीन फूड्स अधिकतर कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं। खासकर प्रोटीन के लिए मांस पर आश्रित लोगों के लिए यह ज्यादा खतरनाक साबित होता है।

पेटसाइड नाम के जर्नल में प्रकाशित हुए एक अध्ययन के मुताबिक हाई प्रोटीन इन्टेक कब्ज की समस्या को काफी बढ़ा देता है। असल में जो लोग ज्यादा प्रोटीन ले रहे हैं, वे कार्बोहाइड्रेट युक्त खाना कम कर देते हैं। प्रोटीनयुक्त खाने में फाइबर बहुत कम होता है। इससे पाचन की समस्या बढ़ती है और कब्ज हो जाता है।

 

डायरिया हो सकता है:

हमारे खाने में हाई प्रोटीन प्रोडक्ट बढ़ने और फाइबर की कमी से दस्त हो सकते हैं। इसे समय पर ध्यान नहीं दिया गया तो गंभीर डायरिया का रूप ले सकता है। इससे बचने के लिए, खूब पानी पिएं, ज्यादा कॉफी पीने से बचें, ज्यादा तली-भुनी और चिकनाई वाली चीजें न खाएं और अपने फाइबरयुक्त खाने का का सेवन बढ़ाएं।

स्किन हो जाती है बेजान:

ऋषिकेष के एम्स में डाइटिशियन रह चुकीं डॉ. अनु अग्रवाल के मुताबिक जो लोग ज्यादा प्रोटीन खाते है उनके मसल्स पर भी एक नकारात्मक असर होता है। इससे मसल्स बहुत ज्यादा टाइट होते जाते हैं और स्किन की संवेदनशीलता भी कम हो जाती है।

कैसी हो बैलेंस्ड डाइट?:

हमारे शरीर को सामान्य तौर पर एक दिन में सिर्फ 2200 कैलोरी की ही जरूरत पड़ती है। इसका सबसे अधिक हिस्सा हमें कार्बोहाइड्रेट से पूरा करना होता है क्योंकि इसे शरीर सीधे इस्तेमाल कर लेता है। बाकी का हिस्सा फैट से और करीब 15 फीसदी हिस्सा प्रोटीन से पूरा होना करना होता है। इसी के आधार पर हमें अपने मील्स भी तैयार करने चाहिए।YOU MAY ALSO READ :- Adi Kailash yatra :धारचूला से आदि कैलाश की पूरी तीर्थ यात्रा, जानिए तीर्थ स्थल की गाइड लाइन!

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