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लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले देश भर में लागू हुआ सीएए (CAA) कानून, जानिए क्या है? नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और सीएए कानून से जुड़ी अहम बातें!
आम लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले देश भर में सीएए कानून लागू हो गया है । CAA Law Facts नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) नियमों की अधिसूचना केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी कर दी गई है । आपको बता दे कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सोमवार (11 मार्च) को शाम छह बजे सीएए के नियमों को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है । लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) नियमों की अधिसूचना जारी होना केंद्र सरकार का बड़ा फैसला है।
लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) नियमों की अधिसूचना जारी कर दी गई है । आपको बता दे कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (CAA) 11 दिसंबर, 2019 को संसद में पारित किया गया था । जिसका उद्देश्य पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत आए हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाई अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देना है ।
इसमें मुसलमानों को शामिल नहीं किया गया है और यही विवाद की वजह भी है । विपक्ष का कहना रहा है कि यह कानून संविधान के आर्टिकल 14 का उल्लंघन है— जो समानता की बात करता है । अब नोटिफिकेशन जारी होने के बाद देश में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए लागू हो गया है।
आइए जानते है नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) से जुड़ी अहम बातें :
• सीएए का फुल फॉर्म नागरिकता संशोधन अधिनियम है । आपको बता दे कि नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 एक ऐसा कानून है, जिसके तहत दिसंबर 2014 से पहले तीन पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से दिसंबर 2014 से पहले से भारत में आने वाले छह धार्मिक अल्पसंख्यकों (हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन, पारसी और ईसाई) को नागरिकता दी जाएगी।
• पिछले दो वर्षों के दौरान नौ राज्यों के 30 से अधिक जिला मजिस्ट्रेटों और गृह सचिवों को नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करने की क्षमता दी गई । आपको बता दे कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) की आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन रहेगी और आवेदकों को बताना होगा कि वह भारत कब आए।
• भारतीय नागरिकता केवल उन्हें मिलेगी जो बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में शरण लिए हुए थे । इन तीन देशों के लोग ही नागरिकता के लिए आवेदन करने के योग्य होंगे ।
• गृह मंत्री अमित शाह ने 9 दिसंबर को इसे लोकसभा में पेश किया था । नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 (सीएए) संसद में 11 दिसंबर 2019 को पारित किया गया था । सीएए के पक्ष में 125 वोट पड़े थे और 105 वोट इसके खिलाफ गए थे । इसके बाद 12 दिसंबर 2019 को इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी।
• वर्ष 2016 में नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 (सीएए) पेश किया गया था । इसमें 1955 के कानून में बदलाव किया जाना था । जिसमें भारत के तीन पड़ोसी देश बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देना था । अगस्त 2016 में इसे संयुक्त संसदीय कमेटी को भेजा गया और कमेटी ने 7 जनवरी 2019 को इसकी रिपोर्ट सौंपी थी।
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर क्या बोले अमित शाह :
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सीएए का कार्यान्वयन कोई नहीं रोक सकता, क्योंकि यह देश का कानून है । वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे लेकर केंद्र सरकार पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया था।
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर क्या बोली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी :
केंद्र द्वारा आज सीएए नियमों की अधिसूचना जारी होने की संभावना को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पहले मुझे नियमों को देखने दीजिए । अधिसूचना अभी तक जारी नहीं की गई है । अगर लोगों को नियमों के तहत उनके अधिकारों से वंचित किया जाता है, तो हम इसके खिलाफ लड़ेंगे। यह चुनाव के लिए बीजेपी का प्रचार है और कुछ नहीं है।।
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