गंगा बैराज हादसे में गवाह रामजी और उसके परिवार पर दबंगों ने ढाया कहर! अगवा कर साथ ले जाने का भी किया प्रयास!
Digital News Guru Kanpur Desk: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी हमेशा से कहते आ रहे कि बदमाश या तो बदमाशी छोड़ दे या यूपी छोड़ दे। लेकिन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे कानपुर में दबंगों की दबंगई रुकने का नाम ही नही ले रही है।यहां दबंगों ने गंगा बैराज में हुए हादसे की गवाही देने वाले शख्स को दिन दहाड़े अगवाह करने का प्रयास किया ।
जी हां 26 अक्टूबर को गंगा बैराज में हुए हादसे में डॉक्टर के नाबालिग बेटे ने 2 किशोरों को कुचल दिया था, रामजी ने इस हादसे को अपनी आंखो से देखा था और वो इस बात के गवाह भी थे कि उन्होंने ड्राइविंग सीट से एक नाबालिग को उतरते हुए देखा है जो की डॉक्टर का नाबालिग बेटा है।
रामजी और उनके परिवार ने डिजिटल न्यूज गुरु के कैमरा के सामने इस बात का दावा भी किया था कि कार नाबालिग ही चला रहा था लेकिन ये गवाही देना रामजी और उनके परिवार पर भारी पड़ गया ।
आपको बता दे कि रविवार शाम कुछ दबंग उनके घर आए और गाली गलौज करने लगे। जब रामजी के परिवार ने इसका विरोध किया तो उसे और उसकी मां बहन को पीटने लगे। साथ ही रामजी को जबरन कार में बिठा के अपने साथ ले जाने लगे । लेकिन गांव वालो को आता देख रामजी को छोड़ कर और धमकी देकर चले गए। पीड़ितो ने पुलिस को फोन करने की कोशिश की लेकिन दबंगों ने फोन छीनकर तोड़ दिया।
पीड़ित परिवार के अनुसार इलाके का ही एक वकील 8-10 लोगो को अपने साथ लाया था। वही पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कराने की बात कही है। डीसीपी प्रमोद कुमार ने कहा कि घटना की जानकारी नहीं न ही शिकायत मिली है। जांच एडीसीपी सेंट्रल आरती सिंह कर रही है।
क्या था पूरा मामला
गंगा बैराज मैगी प्वाइंट पर 26 अक्टूबर रात 9 बजे करीब उन्नाव की ओर से चली आ रहे पोलो कार ने आशीष और सागर को रौंद दिया था। हादसे के समय मौजूद लोगो ने कार चला रहे डॉक्टर के बेटे और 3 अन्य नाबालिगों को पुलिस के हवाले कर दिया था। लेकिन पुलिस ने 2 दिन बाद आरोपी बच्चो को यह कहकर छोड़ दिया था कि कार कोई 5वा युवक चला रहा था जो की हादसा होने के बाद वहा से फरार हो गया था।
मृतक आशीष के परिजनों ने भी बदले अपने बयान
डिजिटल न्यूज गुरु की खबर का स्वत: संज्ञान लेते हुए पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर जब मृतक आशीष के घर पहुंचे और उनसे 1 लाख 90 हजार रूपए आपको मिले या नहीं ये पूछा तो आशीष के पिता ने इससे साफ इंकार कर दिया जबकि डिजिटल न्यूज गुरु के कैमरा के सामने आशीष के परिजनों ने इस बात को कबूला था की उन्हें सागर के फुफेरे भाई आजाद ने 2 लाख दिलाए थे जिसमे से आजाद 10 हजार रूपए कमीशनरखोरी के भी लेकर गया था। लेकिन पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर के सामने मृतक के पिता अपने दिए गए बयानों से मुकरते हुए नजर आए है।
पहले रामजी के परिवार पर हमला और फिर आशीष के परिजनों का अपने बयान से मुकरना, इन दोनो बातो के बीच क्या कनेक्शन है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।