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Buddha Purnima 2024: जानिए आज बुद्ध और वैशाख पूर्णिमा शुभ मुहूर्त, मंत्र और पूजा विधि और भेजें अपनी फैमली को बुद्ध पूर्णिमा पर कुछ खास संदेश:
Buddha Purnima 2024: वैसाख शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि को बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) का पावन व्रत बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। आज वैशाख शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि 23 मई 2024 दिन बृहस्पतिवार को मनाया जा रहा हैं। हालाकि पूर्णिमा तिथि का आरंभ कल 22 मई दिन बुधवार को दिन में 5:57 बजे से शुरू हो गया था, जो कि 23 मई दिन बृहस्पतिवार यानि कि आज सायं काल 6:41 बजे तक हैं, इसी कारण से उदयकालिक पूर्णिमा तिथि 23 मई को बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) का पावन पर्व मनाया जा रहा है।
देवगुरु बृहस्पति एवं दैत्य गुरु शुक्र सूर्य के साथ वृष राशि में गोचर करेंगे। बुध मेष राशि में। मंगल मीन राशि में। नशनि अपनी राशि लेख कुंभ में। केतु कन्या राशि में तथा राहु मीन राशि में गोचर करेंगे। दोनों गुरु अर्थात दैत्य गुरु शुक्र एवं देवगुरु बृहस्पति एक साथ वृष राशि में गोचर कर रहे हैं। अतः इस दिन के महत्व को बढ़ा देंगे।
बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) इतिहास :
शास्त्रों की माने तो भगवान बुद्ध का जन्म वैशाख शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि को हुआ था। साथ ही यह भी माना जाता है कि वैशाख शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि को ही ज्ञान की प्राप्ति तथा परिनिर्वाण हुआ था । इसी कारण से इस दिन पूजा पाठ यज्ञ हवन दान पुण्य का विशेष महत्व शास्त्रों में बताया गया है।
बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) दान:
शास्त्र में आज के दिन को लेकर बताया गया है कि किसी भी पवित्र नदी में या गंगा यमुना नदी में स्नान करके दान पुण्य का करने का विशेष महत्व है। इस दिन जल से भरे घड़े, घी, तिल तथा स्वर्ण का दान बहुत ही शुभ व फलदायक माना जाता है।
बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) 2024 पूजा विधि:
बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) के इस शुभ अवसर पर भगवान सत्यनारायण की पूजा तथा रात्रि में चंद्रमा को अर्घ देने की परंपरा है। इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से और पूजा करने से मानसिक शांति तथा घर में धन वैभव का सुख प्राप्त होता है। आज के दिन दान पुण्य, यज्ञ-हवन, पूजा, पाठ जप तप करने व गरीबों को भोजन कराने से तथा साथ ही साथ गौ और जानवरों को जल पिलाने से पित्र देव खुश होते हैं। भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। इसीलिए इस दिन सात्विकता का विशेष ध्यान देना चाहिए। इस दिन मांस मदिरा का त्याग कर देना चाहिए।
ब्रह्मचर्य अगला का पालन करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि भगवान बुद्ध ने बैसाख शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि को ही बोधगया में बौध वृक्ष के नाच बुद्धत्व ज्ञान को प्राप्त किया था। तभी से यह दिन बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त करने के बाद खीर पीकर ही अपना व्रत खोला था। इसी कारण से इस दिन भगवान बुद्ध को खीर का प्रसाद जरूर अर्पित करना चाहिए।
इस दिन सूर्योदय पूर्व जगकर घर की साफ सफाई करके स्वयं को स्नान आदि से पवित्र करके पूजा स्थल पर बैठ जाना चाहिए तथा भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी की विशेष पूजा करनी चाहिए । इसके लिए भगवान विष्णु एवं माता पार्वती को शुद्ध जल से स्नान क वस्त्र, हल्दी, चंदन, रोली, अक्षत, अबीर, गुलाल, पुष्प, फल, फूल, मिष्टान्न अर्पित करके धूप, दीप दिखाकर प्रार्थना करें तथा माता लक्ष्मी एवं भगवान विष्णु का आरती उतारे।
सुख समृद्धि के लिए तथा माता लक्ष्मी की कृपा के लिए बुद्ध पूर्णिमा के दिन जल से भरे कलश तथा जौ, गेहूं, घृत, तेल आदि का दान गरीबों अर्थात उन लोगों को करें जिनको इन वस्तुओं की अत्यधिक आवश्यकता है। जल से भरे घड़े के साथ-साथ यदि जीवो को जल पिलाते हैं तो भी उत्तम फल की प्राप्ति होती है।
साथ ही इस दिन सत्यनारायण व्रत की कथा करें और रात में माता लक्ष्मी को कमल का पुष्प अर्पित करें तथा माता लक्ष्मी की विशेष पूजा करें। इससे घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है। उसके बाद संपूर्ण दिन जल अथवा फल पर व्रत रहे। सात्विक रूप से दिनभर भगवान विष्णु नं अगला माता लक्ष्मी की आराधना करते रहें। मन मंत्रो का जाप करते रहें लेख शाम को प्रदोष काल में इसी विधि विधान के साथ पुनः पूजा अचन करें तथा चंद्रमा को अर्घ्य दें तथा प्रसाद ग्रहण करें।
बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) मंत्र:
भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी एवं चंद्रमा के किसी मंत्र का इस दिन जप जरूर करें। भगवान विष्णु का मंत्र है
(“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः”
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री कृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभभाय श्रीं श्रीं श्रीं “!
“ॐ श्री महालक्ष्मी नमः”
“ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसिद प्रसिद श्री ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै
नमः”!
ॐ सोम सोमाय नमः)
आप भी इन खूबसूरत संदेशों के जरिए अपनों को बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं दे सकते हैं…
•मोक्ष उस संपत्ति के बराबर है जिसका सुख कभी भी समाप्त नहीं होता।
बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं
•बुराई से बुराई कभी खत्म नहीं होती।
घृणा को तो सिर्फ प्रेम द्वारा ही समाप्त किया जा सकता है।
हैप्पी बुद्ध पूर्णिमा
•मन में श्रद्धा और चेहरे पर जिनके मुस्कान हो
ज्ञान की धारा बहती जिसके संग हो
वही बुद्ध हैं…मन ही बुद्ध है
हैप्पी बुद्ध पूर्णिमा
•सुख, शांति और ज्ञान
श्रद्धा और अहिंसा के दूत को
दिल से करो प्रणाम।
हैप्पी बुद्ध पूर्णिमा
•खुशी के दीपक जलाओ
मन में भगवान बुद्ध का नाम लाओ
बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएंक्रोध को प्यार से, बुराई को अच्छाई से
स्वार्थ को उदारता से और झूठे व्यक्ति को सच्चाई से जीतें
बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं।