Sunday, September 22, 2024

आदित्य एल-1 मिशन :भारत ने अंतरिक्ष में रच दिया इतिहास, अपने लक्ष्य तक पहुंचा आदित्य एल-1, प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई

DIGITAL NEWS GURU SCIENCE AND TECHNOLOGY DESK :-

Aditya-L1 Mission:  अपने लक्ष्य तक पहुंचा आदित्य एल-1, प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई :

भारत ने शनिवार को अंतरिक्ष में नया इतिहास रच दिया है। भारत का सूर्य मिशन आदित्य एल-1 अपने लक्ष्य तक आज पहुंच गया है। इसरो की इस कामयाबी पर प्रधानमंत्री मोदी ने भी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को खूब बधाई दी है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने एक और उपलब्धि हासिल कर ली । भारत की पहली सौर वेधशाला आदित्य-एल1 अपने गंतव्य तक पहुंची।

उन्होंने कहा कि यह हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है।चंद्रमा  पर उतरने के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने हम  भारतीयों को  एक और बार फिर से गौरान्वित  कर दिया है । भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चंद्रयान 3 और उसके बाद आदित्य एल-1   दोनों  ने ही  एक के बाद एक  इतिहास रच कर विश्व भर मे इसरो और भारत की ताकत का डंका बज दिया है ।

अपने  सूर्य मिशन पर निकले   भारत की विश्व ख्याति प्राप्त संस्थानो मे से एक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के आदित्य एल-1 ने अपनी मंजिल {लैग्रेंज प्वाइंट-1 (एल1)} तक पहुच कर न सिर्फ एक  इतिहास रचा है बल्कि दुनिया की उन तमाम अंतिरक्ष अजेंसियों की मुश्किलए और बढ़ा दी  है। आपको बता  दे की एक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के आदित्य एल-1 ने अपनी मंजिल  लैग्रेंज प्वाइंट-1 (एल1) पर पहुंच कर एक कीर्तिमान हासिल किया है।

वही  आपको बताते चले की इसी के साथ ही  भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का  आदित्य-एल 1 अपनी  अंतिम कक्षा में भी स्थापित हो गया। आपको बता दे की अब यहां {लैग्रेंज प्वाइंट-1 (एल1)} पर  आदित्य-एल 1 दो वर्षों तक सूर्य का अध्ययन करेगा और  सूर्य  के अन्य  कई  महत्वपूर्ण आंकड़े जुटाएगा। भारत के इस पहले सूर्य अध्ययन अभियान को इसरो ने 2 सितंबर को लॉन्च किया था।

 

पीएम मोदी ने दी आदित्य एल-1  के लिए इसरो को बधाई :

 

पीएम मोदी ने कहा, मैं इस असाधारण उपलब्धि की सराहना करने में राष्ट्र के साथ शामिल हूं। उन्होंने कहा कि हम मानवता के लाभ के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे।

 

जितेंद्र सिंह ने भी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के काम को सराहा:

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की सफलता पर बधाई देते हुए कहा कि चांद से लेकर सूर्य तक हम। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत के लिए यह साल कितना शानदार रहा। हमारी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) टीम ने एक और सफलता की कहानी लिखी है। आदित्य एल-1 सूर्य के रहस्यों से पर्दा उठाने के लिए अपनी अंतिम कक्षा में पहुंच गया है।

 

आदित्य एल-1 मिशन की कब हुई थी शुरुआत?:

 

आपको बता दें कि एल-1 प्वाइंट के पास की कक्षा में रखे गए सेटेलाइट से सूर्य को बिना किसी छाया के लगातार देखा जा सकेगा। एल-1 का उपयोग करते हुए चार पेलोड सीधे सूर्य की ओर होंगे। शेष तीन पेलोड एल-1 पर ही क्षेत्रों का अध्ययन करेंगे। पांच साल के इस मिशन के दौरान आदित्य इसी जगह से सूर्य का अध्ययन करेगा।

आदित्य-एल-1 सूर्य का अध्ययन करने वाली अंतरिक्ष में स्थापित की जाने वाली पहली भारतीय वेधशाला है। पिछले साल दो सितंबर को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी57) ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से ‘आदित्य’ के साथ उड़ान भरी थी।

कैसे काम करेगा आदित्य एल-1:

जानकारी के अनुसार, आदित्य एल-1 का विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (वीईएलसी) पेलोड सीएमई की गतिशीलता का अध्ययन करेगाकरेगा और सोलर अल्ट्रावायलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (एसयूआइटी) फोटोस्फेयर और क्रोमोस्फेयर की तस्वीरें भी लेगा।

 

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