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दिल टूटने पर आखिर दर्द क्यूँ होता है ? क्या दिल टूटना जानलेवा हो सकता है ?जानिए दिल टूटने पर क्या करे!
दिल टूटने से इतना दर्द क्यों होता है? क्यों कुछ लोग इससे जल्दी ठीक हो जाते हैं, जबकि अन्य इसके कारण मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार हो जाते हैं। शोध से पता चलता है कि टूटे हुए दिल का दर्द सिर्फ दिमाग को प्रभावित नहीं करता है। इस बात से कुछ लोग नाराज होते हैं और कुछ खुश भी होते हैं। दुनिया में अक्सर हर किसी का दिल टूटा ही होता है। जब इंसान ब्रेकअप के बाद रोता है तब आपने भी कभी न कभी अपने सीने में दर्द को महसूस किया होगा।
आपको बता दें कि कभी ब्रेकअप होने पर तो कभी प्यार में, भरोसा टूटने पर दिल भी टूट जाता है। यह समय ऐसा होता है जब दिल पर बहुत गहरा असर पड़ता है। ज्यादातर लोगों का प्यार में दिल टूटता है और फिर एक लंबे सदमें में खोए-खोए से रहने लगते है। लोग इसमें अजीबोगरीब हरकत भी करते हैं।
कभी-कभी अपनी प्यार की यादों को याद करके हंसने लगते है तो कभी रोने लगते है अगर आपका दिल भी टूटा है तो फिर आप इस दर्द को समझ सकते है। लोग इसे इमोशनल पेन का नाम भी दे देते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि प्यार में टूटा हुआ ये दिल कितना खतरनाक हो सकता है। इसे ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम करते हैं। यह एक ऐसी गंभीर स्थिति है, जो किसी को भी हो सकती है। तो आइए जानते हैं क्या होता है ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम और इसके क्या लक्षण हैं।
दिल टूटने पर कौन सा harmone रिलीज होता है ?:
एक्सपर्ट बताते हैं कि जब आप प्यार में पड़ते हैं तो कडल हार्मोन ‘ऑक्सीटोसिन’ और फील-गुड हार्मोन ‘डोपामीन’ रिलीज़ होता है और जब आप अचानक प्यार से दूर हो जाते हैं या आपका दिल टूट जाता है तो इन हार्मोन का स्तर नीचे गिर जाता है और जिससे स्ट्रेस हार्मोन ‘कोर्टिसोल’ बढ़ने लगता है जो वज़न बढ़ने, चिंता और हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनता है. रिपोर्ट के अनुसार, कुछ मामलों में दिल टूटने की वजह से होने वाला दर्द “ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम” नाम की एक मेडिकल कंडीशन हो सकती है जो थोड़े समय के लिए ही रहती है.
क्या है ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम ?:
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम दिल की एक तनाव भरी अवस्था है। इस बीमारी में दिल की मांसपेशियां कुछ देर के लिए शिथिल पड़ जाती हैं । ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम एक दुर्लभ स्थिति है। यह आमतौर पर तीव्र भावनात्मक या शारीरिक तनाव के कारण होने वाली एक अल्पकालिक हृदय स्थिति है। इस स्थिति के कारण व्यक्ति के हृदय के रक्त पंप करने के तरीके में भी अस्थायी बदलाव आ जाता है।
इसके अलावा कई बार दिल जोर-जोर से पंप करने लगता है, जिसके कारण अक्सर सीने में दर्द का अनुभव होता है। इसे टैकोसुबो कार्डियोमायोपैथी भी कहा जाता है। इसको लेकर काफी तनाव है। तीव्र भावनाएँ उत्पन्न होती हैं। शारीरिक रोग शीघ्र हो सकते हैं। यह सीधे हृदय की रक्त पंप करने की क्षमता को प्रभावित करता है। हृदय कमजोर हो जाता है। छाती में दर्द हो सकता है यहां तक कि हार्ट अटैक भी आ सकता है।
ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन की रिसर्च के मुताबिक इस बीमारी के कारण लोगों की मौत होने की बड़ी वजह मसल्स का कमजोर हो जाना है। इस रिसर्च में 52 ब्रोकन हार्ड सिंड्रोम से पीड़ित मरीजों को 4 महीने तक निगरानी में रखा गया।ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम (Broken heart syndrome) को लेकर अभी रिसर्च चल रहे हैं। लेकिन इसकी वजह से हार्ट की बीमारियों से बचने के लिए कुछ कारगर उपाय किये जा सकते हैं।
क्या ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम घातक है ?:
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम घातक नहीं है, फिर भी गंभीर लक्षण दिखने पर डॉक्टर को दिखाएं और ज्यादा देर न करते हुए मेडिकल ट्रीटमेंट शुरू कर देना चाहिए, या फिर इसे घर पर रहकर भी ठीक किया जा सकता है. अपनी मन पसंद की चीज़ें करें, बहार एक लम्बी ट्रिप पर जाएँ, जो गाने आपको पसंद है वो गाने सुने और अच्छे लोगों के साथ रहे जो आपको ज़िन्दगी में आगे बढ़ने का रास्ता दिखने में मदद करें.
दिल टूटने पर हो सकती है मौत:
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम से पीड़ित लोगों को सीने में अचानक दर्द और सांस लेने में तकलीफ का अनुभव होता है, यही वजह है कि कई लोग इसे दिल का दौरा समझ लेते हैं। दिल के दौरे के कारण छाती की धमनियाँ पूरी तरह अवरुद्ध हो जाती हैं, जबकि टूटे हुए हृदय सिंड्रोम के कारण धमनियाँ रक्त प्रवाह को धीमा कर देती हैं।
“यदि आपको किसी भी स्तर पर सीने में दर्द का अनुभव होता है, तो आपको 911 पर कॉल करने और तुरंत देखभाल लेने की आवश्यकता है। जबकि सीने में दर्द का मतलब हमेशा दिल का दौरा या ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम जैसा कुछ नहीं होता है, अफसोस करने से बेहतर है कि सुरक्षित रहें,” डॉ. मार्टिन कहते हैं।
किसे है ज्यादा जोखिम ?:
हार्टब्रेक सिंड्रोम का खतरा महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले ज्यादा रहता है. वहीं, अगर किसी व्यक्ति को कभी सिर में गंभीर चोट लगी हो या मिर्गी के दौरे आते हों तो इस सिंड्रोम का खतरा बढ़ जाता है. ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम की जांज ईसीजी की मदद से की जा सकती है. वहीं, कार्डियक मार्कर्स बीबी भी कराया जाता है. ये खास तरह का ब्लड टेस्ट है. वहीं, इकोकार्डियोग्रामी, चेस्ट एक्स-रे, एंजियोग्राफी से भी दिल की हालत देखकर ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम का पता लगाया जा सकता है. इस सिंड्रोम के इलाज के लिए डॉक्टर से सलाह लेने ही सबसे अच्छा विकल्प है.
दिल टूटने के बाद क्या करें ?
- जब भी ब्रेकअप हो तो अपने पार्टनर से हर तरह से दूरी बना लें और कोशिश करें कि ज्यादा से ज्यादा समय दोस्तों और घरवालों के साथ बिताएं। उनका प्यार आपको आपके दर्द से बाहर आने में दवा का काम करेगा।
- आपने पार्टनर से जुड़ी सारी यादों और वादों को पूरी तरह से मिटा देने में ही भलाई है क्योंकि ऐसा करने से आप जल्द ही ब्रेकअप से रिकवरी कर पाएंगे।
- अपने करियर और पढ़ाई को अपनी पहली प्राथमिकता बना लेना आपके फायदे में रहेगा और ऐसा करके आप खुद को बिजी भी रख पाएंगे।
- खुद के लिए पूरा समय निकालें और अपनी पसंद की हर चीज को पूरा करने की कोशिश करें जैसे – अपनी पसंद की नॉबेल्स पढ़ें, शॉपिंग करें, ड्राइविंग सीखें या फिर ऐसा कोई काम करें जो जिसके लिए आप काफी दिनों से टाइम नहीं निकाल पा रहे।
- दोस्त और प्यार के रिश्तों को लेकर थोड़ा अवेयर रहना शुरू कर दें और हर अपने चारो ओर एक पॉजिटिव एटमॉसफियर बनाए ताकि आप नेगटिव बातों से दूर रह सकें।
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