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शिवराज सिंह चौहान जन्मदिन विशेष (Shivraj Singh Chouhan Birthday Special) :
एमपी के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) आज अपना 65वां जन्मदिन मना रहे हैं। 65th birthday पर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में पौधारोपण किया है। राज्य की राजनीति में लंबी पारी खेलने के बाद एक बार फिर से शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली की राह पर हैं। छात्र राजनीति से सीएम के ओहदे तक पहुंचे शिवराज पहले लाइटवेट सीएम माने जाते थे। आज प्रदेश में सबसे लंबे तक मुख्यमंत्री रहने का रेकॉर्ड वे बना चुके हैं। राजनीति की अलग शैली के अलावा उनके व्यक्तित्व की कई खासियतें हैं जो उनके इस सफर में मददगार रही हैं।
शिवराज सिंह का बचपन, पढ़ाई और उनका पॉलीटिकल करियर:
शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) बचपन से ही क्रांतिकारी स्वभाव के व्यक्ति थे। आपातकाल के दौरान भी जेल भी गए लेकिन बचपन में मजदूरों के एक आंदोलन का नेतृत्व करने के बाद शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक रूप सामने दिखाई दिया था। शिवराज सिंह चौहान का जन्म 5 मार्च 1959 को सीहोर जिले के जैत गांव में हुआ था। उनके पिता किसान प्रेम सिंह चौहान थे। शिवराज सिंह चौहान में नेतृत्व के गुण बचपन में ही दिखने लगे थे।
उन्होंने भोपाल के बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में एमए की डिग्री गोल्ड मेडल के साथ हासिल की है। वह आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में छात्रसंघ के अध्यक्ष बने और आपातकाल का उन्होंने खुलकर विरोध किया था। वह कई बार जन आंदोलन के चलते जेल भी गए। वह 1988 से आरएसएस के स्वयंसेवक हैं। शिवराज सिंह का साधना सिंह के साथ 1992 में विवाह हुआ था और उनके दो पुत्र हैं। वर्ष 1977 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के वह संगठन मंत्री बने। लंबे समय तक वह अलग-अलग पदों पर रहे। बाद में वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के मध्य प्रदेश संयुक्तसचिव बने। बाद में प्रदेश अध्यक्ष भी बने।
पहली बार 1990 में वह बुधनी से विधायक बने और 1991 में वह विदिशा से सांसद बने। वह विदिशा से चार बार सांसद रहे हैं। वर्ष 2004 में वह मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष बने और इसी वर्ष वह प्रदेश के मुख्यमंत्री भी बने। वह भाजपा की ओर से सबसे अधिक समय तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं।
हाल ही में मध्य प्रदेश चुनाव में प्रचंड जीत के बाद शिवराज सिंह चौहान की जगह मोहन यादव को प्रदेश की कमान सौंपी गई और अब माना जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) केंद्र की राजनीति में शामिल होंगे। इस बार वह मध्य प्रदेश के विदिशा से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।
एक बार स्कूल ट्रिप में हो गई थी पिटाई:
बात उन दिनों की है जब शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) स्कूल में थे । उन दिनों स्कूल की तरफ से गोवा की एक ट्रिप प्लान की गई । यहां जाने वालों में सभी बच्चों के साथ शिवराज भी शामिल थे। गोवा से लौटते समय सभी बच्चे काफी शरारत कर रहे थे । रास्ता सूनसान था इस कारण सभी को शांत कराया जा रहा था । लेकिन, जब वो नहीं माने तो उनके टीचर ने पहले शिवराज को डांटा और फिर तीन चांटे भी जड़े ।
अपने बहादुरी दिखा कर बचाई थी बच्चों की जान:
शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के शिक्षक केसी जैन ने बताया कि बच्चों की इस ट्रिप में मार खाने के बाद भी शिवराज सिंह चौहान नाराज या उदास नहीं हुए | ट्रिप के दौरान जब गाड़ी का ब्रेक फेल हो गया तो सब लोग घबरा गए । उस समय सबसे पहले शिवराज ने ही निडरता दिखाई, जिससे पूरे ग्रुप की जान बची ।
क्यों जाने जाते हैं मामा के नाम से:
मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने यह भी बताया कि जब वे प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने बेटियों के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना बनाई, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना बनाई और स्थानीय निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण बहनों और बेटियों को देने का काम किया. इसके बाद बेटियों ने मुझे मामा कहना शुरू किया और बाद में बेटे भी मामा कहने लगे. आज तो मध्यप्रदेश में यह आलम है कि बच्चों को छोड़िए अगर कोई बुजुर्ग भी मिलते हैं तो मामा के नाम से ही बुलाते हैं ।
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