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इंदौर : एक भीखारी ने भीख मांगकर 45 दिन में कमाए ढाई लाख रुपए !
करीब 45 दिन में ही भीख मांग मांग कर ढाई लाख रुपए जोड़ लिए । इंदौर में परिवार सहित भीख मांगते हुए महिला को पड़कर ये खुलासा सामने आया है। महिला उज्जैन रोड के लवकुश चौराहे पर भीख मांग रही थी। प्रशासन की टीम ने जब महिला से पूछताछ की तो उसने कहा- मैंने कोई चोरी नहीं की है, भीख ही तो मांगती हूं।
महिला के साथ उसकी 8 साल की बच्ची को भी रेस्क्यू किया गया। बच्ची को बाल संप्रेषण गृह भेजा है। महिला को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया जाएगा। उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। वहीं, महिला के बहन-जीजा को रेस्क्यू कर पकड़ा गया है। जबकि दो बच्चों के साथ पति भाग निकला।
1 लाख रुपए घर भेजे, 50 हजार बच्चों के नाम FD:
रेस्क्यू के दौरान महिला के पास से 19 हजार 200 रुपए मिले। महिला ने बताया कि उसने 7 दिन में ये रुपए कमाए हैं। उसकी 8 साल की बच्ची ने सुबह से लेकर दोपहर 1.30 बजे तक 600 रुपए कमाए।
महिला ने पूछताछ में बताया है कि पौने दो महीने में ढाई लाख रुपए कमाए हैं। 1 लाख रुपए गांव भेजे। 50 हजार रुपए खाते में डाले। 50 हजार रुपए की एफडी बच्चों के नाम पर करवाई। 50 हजार रुपए खर्च कर दिए।
महिला ने बताया कि 15 दिन में 30 से 35 हजार रुपए की कमाई हो जाती है। सीजन में यानी पर्व विशेष पर, शादी सीजन में 50 हजार रुपए की कमाई 15 दिन में हो जाती है।
पिछले साल भी पकड़ाई थी:
पकड़ी गई महिला को पिछले साल भी समझाइश दी थी। उस वक्त वह नकली बैसाखी लगाकर चल रही थी। टीम को देखकर उस समय उसने बैसाखी छोड़कर दौड़ लगा दी थी।
7 दिन की कमाई 19 हजार रुपए:
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर इन दिनों भीख मांगने वाले बच्चों को चिह्नित किया जा रहा है। लवकुश चौराहे पर कार्रवाई की तो भीख मांगने वाला यह पूरा परिवार मिला। इसमें पति-पत्नी और उनके 3 बच्चे शामिल हैं। दंपती के कुल पांच बच्चे हैं। 2 बच्चों को उन्होंने राजस्थान में गांव पर दादा-दादी के पास छोड़ रखा है, जबकि 3 बच्चे उनके साथ ही चौराहे पर भीख मांगते हैं। महिला की बहन और जीजा भी भीख मांगते हैं।
इतनी बड़ी रकम जोड़ लेने की यह है वजह:
भीख में इतनी बड़ी रकम जोड़ लेने के पीछे कहानी यह आई है कि उज्जैन में महाकाल लोक बनने के बाद बड़ी तादाद में श्रद्धालु इस चौराहे से गुजरते हैं। इसके चलते ही उसे भीख में अच्छी खासी रकम मिलने लगी। इंदौर से उज्जैन जाने के लिए लवकुश चौराहे से होकर ही जाना पड़ता है।
सुपर कॉरिडोर की तरफ जाने के लिए भी यही रूट है।एक तरह से ये बाहरी क्षेत्र में इंदौर का जंक्शन चौराहा है। सिग्नल पर जब वाहन चालक रुकते हैं तो भीख मांगने वाले लोग उन्हें घेर लेते हैं। महाकाल जाने वाले या वहां से लौट कर आने वाले इन्हें रुपए देते हैं।
घर, जमीन, गाड़ी, स्मार्ट फोन सब कुछ:
पकड़ाई महिला और उसके पति के पास स्मार्ट फोन भी है। 8 साल से दोनों का इंदौर आना-जाना है। बीच-बीच में गांव चले जाते हैं और फिर वापस आ जाते हैं। गांव में घर और थोड़ी जमीन भी है। उनके परिवार के दूसरे लोग भी देश के अलग-अलग शहरों में जाकर भीख मांगते हैं।
यदि कोई किसी स्पॉट पर पकड़ा भी जाता है, तो अच्छी कमाई होने के चलते उसी स्पॉट पर वापस लौट आता है या परिवार के अन्य किसी सदस्य को वहां भेज देते हैं, लेकिन स्पॉट नहीं छोड़ते। दिल्ली, चेन्नई सहित देश के अन्य शहरों में इनके परिवार के लोग भीख मांगने जाते हैं। पति के पास गाड़ी भी है।
शहर में 7 हजार लोग मांगते हैं भीख:
रेस्क्यू के दौरान ये चीज सामने आई है कि शहर में करीब 6 से 7 हजार लोग भीख मांगते हैं, जिसमें से बच्चों की संख्या साढ़े तीन हजार है। तीन कैटेगरी के भिखारी सड़क पर हैं। पहले वो जिनका घर में कोई नहीं है। दूसरे वो जो बाहर से इंदौर में सिर्फ भीख मांगने ही आए हैं। तीसरे किसी गिरोह का हिस्सा है। गिरोह के कहने पर काम करते हैं। गिरोह वाले कुछ चौराहे के अलावा मंदिर, 56 दुकान, सराफा ऐसी जगह पर भीख मांगते हैं।
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