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पति-पत्नी और बेटी तीनों ने की सामूहिक आत्महत्या , देर रात हुआ अंतिम संस्कार!
खैरथल तिजारा जिले के तिजारा थाना क्षेत्र के मालियर जट गांव में एक की परिवार के तीन लोगों मौत होने से पूरे गांव में शोक छाया हुआ है। शुक्रवार देर रात तीनों का मुस्लिम रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया गया। उनकी दो साल की बेटी का अलवर जिला अस्पताल में इलाज जारी है।
30 अब्दुल रिजवान उसकी 28 वर्षीय पत्नी सुन्नति और उनकी 5 साल की बेटी समरीन के सामूहिक आत्महत्या कर ली। शुक्रवार दोपहर को पुलिस ने तीनों का पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया था। वहीं इनकी दो साल की बेटी सन्ना जो उसी समय अचेत अवस्था में मिली थी उसका अलवर के जिला अस्पताल में इलाज करवाया जा रहा है। पुलिस के अनुसार अभी सन्ना की तबियत ठीक है और उसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
तिजारा डीएसपी मुनेश कुमार ने बताया- गुरुवार सुबह 9 बजे पुलिस को तीन लोगों की मौत की सूचना मिली थी। ये तीनों शव घर के दो कमरों में थे। एक टीन शेड के कमरे में अब्दुल रिजवान (30) पुत्र अब्दुल गनी काशव में चारपाई पर पड़ा था। दूसरे कमरे में रिजवान की पत्नी सुन्नती (28) और बेटी समरीन (5) का शव चारपाई पर पड़ा मिला। रिजवान ने फंदा लगाया था, जिसे पुलिस के आने से पहले परिजनों ने उतार कर चारपाई पर रख दिया था।
मां-बेटी की डेडबॉडी के साथ ही 2 साल की बच्ची सन्ना बेहोश मिली। उसे परिजनों ने तिजारा अस्पताल से रेफर करवाकर अलवर जिला अस्पताल में भर्ती करवा दिया था। पत्नी और बच्ची को नशीली दवा का ओवरडोज दिया गया था, जिससे उनकी मौत हो गई।
पुलिस ने घटनास्थल पर एफएसएल टीम बुलाकर सैंपल लिए। तिजारा अस्पताल में पोस्टमॉर्टम करवाकर तीनों के शव परिजनों को सौंप दिए गए। रिजवान के पिता अब्दुल गनी की रिपोर्ट पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
रिजवान की शादी हरियाणा के अडवर गांव की सुन्नती से हुई थी। उनके 4 बेटी और एक बेटा है। गुरुवार रात को सुन्नती एक चारपाई पर सबसे छोटी बेटी सन्ना और समरीन के साथ सोई थी। दूसरी चारपाई पर बेटी सुम्मी (7), फरीना (6) और बेटा सनीम (4) सोया हुआ था। रिजवान टीन शेड के कमरे में सोया हुआ था। उसमें दरवाजा नहीं है। दोनों तरफ खिड़कियां हैं।
सुबह रिजवान के बड़े भाई की पत्नी पशुओं को चारा डालने के लिए आई तो अचानक उसकी नजर टीन शेड वाले कमरे में गई। उसमें रिजवान का शव लटका दिखा। यह देख उसने शोर मचाया। परिवार के अन्य सदस्य पहुंचे और पुलिस को सूचना दी।
बेटे की बीमारी और आर्थिक तंगी से परेशान था:
पिता अब्दुल गनी के मुताबिक, रिजवान एक प्राइवेट कंपनी में ड्राइवर का काम करता था, लेकिन काफी दिनों से 4 साल के बेटे सनीम की बीमारी के कारण नौकरी पर कम जाता था। सनीम हैजे से ग्रस्त था। सनीम के इलाज के लिए अयुष्मान कार्ड भी बनवाया था, लेकिन वहां कोई असर नहीं होने के चलते उसने कई निजी अस्पतालों से बेटे का इलाज करवाया, पर तबीयत में सुधार नहीं हुआ।
8 तारीख को भी रिजवान बेटे को अलवर से दवाई दिलवा कर गांव लौटा था। रिजवान के पास पैसे नहीं होने के चलते वह अपने चार भाइयों से आर्थिक मदद मांगता था। उन सभी के पास कुल 5 बीघा जमीन है, जिस पर सामूहिक खेती करते हैं। ऐसे में उनका अपना गुजर-बसर करना मुश्किल होता है। आर्थिक तंगी की वजह से उनके घर में क्लेश रहता था।
खुद फंदे पर लटका, पत्नी-बच्चों को नशीली दवाई खिलाई :
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि रिजवान ने मरने से पहले पत्नी और दो छोटी बेटियों को नशीली दवा की ।
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