Sunday, September 22, 2024

अयोध्या: 1008 नर्मदेश्वर शिवलिंग सरयू तट पर विराजेंगे, 14 जनवरी से आरंभ होगा राम नाम महायज्ञ

अयोध्या: 1008 नर्मदेश्वर शिवलिंग सरयू तट पर विराजेंगे, 14 जनवरी से आरंभ होगा राम नाम महायज्ञ

Digital News Guru Ram Mandir Update:अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले सरयू तट पर राम नाम का एक बड़ा महायज्ञ होगा 14 जनवरी से 25 जनवरी तक चलने वाली इस महायज्ञ को लेकर सरयू तट पर विशेष तैयारियां की जा रही है।

रामघाट बाइपास स्थित बालू घाट में 100 एकड़ भूमि में कुटी और तंबुओं का शहर बसाया जा रहा है, जिसमें विश्व कल्याणा के लिए सीताराम जप महायज्ञ होगी।

यहां रोजाना 21 हजार नाम जापक 1008 नर्मदेश्वर शिवलिंग स्थापित कर उनका पंचामृत से अभिषेक भी किया जाएगा। साथ ही 9 दिन 100 कुंडों में 1100 दंपती राम मंत्र से हवन करेंगे। यहां 50 हजार श्रद्धालुओं के रुकने के इंतजाम के साथ रोजाना एक लाख लोगों के लिए भंडारे का इंतजाम है।

उज्जैन से बटुक ब्राह्मण और नेपाल से राम जापक आ रहे अयोध्या

नेपाली बाबा ने बताया कि महायज्ञ में उज्जैन के महाकालेश्वर से 100 बटुक ब्राह्मण आ रहे हैं। नेपाल से 21000 मंत्र जापक ब्राह्मण आ रहे है। जो पैदल चल दिए है। उनके साथ हजारों राम भक्त भी आ रहे है। जो एक से दो दिन में यज्ञ स्थल पर पहुंच जाएंगे।

सरयू तट पर 1008 कुश कुटी बनाई गई संत आत्मानंद दास महात्यागी (नेपाली बाबा) की देखरेख में 14 से 25 जनवरी तक चलने वाले महायज्ञ को लेकर 1008 कुटियां बनाई गई हैं, जिसमें नर्मदेश्वर विराजेंगे। इसके लिए मध्य प्रदेश की नर्मदा नदी के पत्थरों को तराश कर शिवलिंग बनाने का काम किया जा रहा है।

11 मंजिल का 100 कुंड का यज्ञ मंडप बनकर तैयार नेपाली बाबा ने बताया कि कास और बांस की फज्जियों से बने 11 मंजिल के मंडप में 100 कुंड बनाए गए हैं। 14 जनवरी को यजमानों के मुंडन से समारोह शुरू होगा। 17 से वाल्मीकि रामायण के 24 हजार श्लोकों से हवन होगा।

2015 के रामनाम महायज्ञ में लिया था संकल्प

नेपाली बाबा ने कहा कि साल 2015 में सरयू तट पर एक लाख लोगों ने मेरे संकल्प पर राम नाम जप महायज्ञ किया था। तभी संकल्प लिया था कि राम मंदिर बनने पर एक महायज्ञ करेंगे। अब मंदिर बनने के बाद महायज्ञ करने जा रहा हूं। विहिप के संरक्षक अशोक

सिंघल से मैंने कहा था कि 12 साल के अंदर राम मंदिर बनकर रहेगा। सब कुछ राम की कृपा से ही हो रहा है।

कौन हैं नेपाली बाबा

नेपाली बाबा ने कहा कि हम नेपाल के नहीं है। हम अयोध्या वासी हैं। मेरे शरीर का जन्म फटिक शिला पर हुआ है। मैं धर्मसम्राट तपस्वी नारायण दास का शिष्य हूं। नेपाल के राजा ने वहां यज्ञ करने के कारण मेरा नाम नेपाली बाबा रख दिया। यज्ञ के बाद वहां जमीन दिया, जिसके चलते मंदिर का निर्माण हो गया है। पूरे नेपाल में 10 हजार शाखाएं हैं, जिससे करीब 10 लाख लोग जुड़े हैं। बताया जाता है कि नेपाली बाबा ने सरयू तट पर दशकों तक कठिन तपस्या की है।

900 टेंटों का शहर बनकर हुआ तैयार

सरयू तट पर महायज्ञ में ठहरने वाले ब्राह्मणों और श्रद्धालुओं के लिए टेंट सिटी बसाई गई है। इसमें नौ सौ टेंट लगाए गए है। मुख्य अतिथियों के लिए कुश की कुटी बनाई गई है। इनके रात्रि विश्राम के लिए अलग व्यवस्था की गई है। इनमें सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध रहेगी। पानी के लिए नल लगाए जा रहे है। अस्थाई शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है।

यज्ञ परिसर में लगेंगे 24 द्वार

नेपाली बाबा ने बताया कि महायज्ञ में 24 द्वार लगाए जाएंगे। इनके नाम अवधपुरी, जनकपुर, श्री राम द्वार, लक्ष्मण द्वार, मां सीता द्वार, हनुमान द्वार समेत 24 रामायण कालीन पात्रों के नाम से यह द्वार स्थापित किया जाएगा।

आइए साथ ही जानते हैं राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में दिवाली की तरह बड़ी दियो की मांग को…

अयोध्या में रामलला के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी। एक ओर जहां रामलला अयोध्या में विराजेंगे, वहीं देशभर में घर-घर उत्सव मनेगा। तीन महीने में दूसरी बार दीपावली-दीपोत्सव मनेगा। इस उत्सव को खास बनाने के लिए इंदौर में भव्य तैयारियां हो रही हैं। उत्सव के लिए मिट्टी के दीपक की मांग दीपावली के समय जैसी हो गई है। यह पहला मौका है, जब कुम्हार दीपावली के बाद दूसरी बार दीपक बना रहे हैं।

बजाजखाना चौक के व्यवसायी शांतु पालरेचा कहते हैं जब से अयोध्या के राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख घोषित हुई 16-18 घंटे 20 से ज्यादा कारीगर ध्वजा बनाने में जुटे हुए हैं। वे कहते हैं न सिर्फ इंदौर, देश में संभवतः पहला मौका है जब ध्वजा की डिमांड इतनी ज्यादा बढ़ गई है। वहीं, रूई की बाती के व्यापारी कहते हैं आम दिनों में तीन क्विंटल रूई की बाती बिकती थी, लेकिन यह डिमांड 8 क्विंटल से ज्यादा हो गई है। 22 जनवरी तक यह डिमांड 12 क्विंटल तक जाएगी। ऐसा पहली बार हुआ है।

• 1.5 करोड़ से ज्यादा दीपक की डिमांड

• 10 हजार से ज्यादा मंदिर, मोहल्ले इलाकों और घरों में ध्वजा लगेगी

• 10 क्विंटल तक बढ़ेगा रूई-बाती का प्रोडक्शन

• 08 क्विंटल रूई की बाती की डिमांड इन दिनों

• 11 दीपक औसत एक घर में कम से कम लगेंगे। मंदिरों, मोहल्लों और अन्य स्थानों पर लगने वाले दीपक अलग हैं।

एक महीने में एक हजार से ज्यादा नई दुकानों से धर्म ध्वजा बिकने लगीं

अकेले इंदौर की बात करें तो पिछले कुछ समय में एक हजार से ज्यादा नई दुकानों से केसरिया ध्वजाएं बिकने लगी हैं। कृष्णपुरा के एक अन्य व्यवसायी अजय जैन ने कहा- 21-22 जनवरी के लिए ध्वजा की डिमांड बहुत ज्यादा है। इधर, एमजी रोड पर पूजन सामग्री से जुड़े व्यवसायी विशाल अतलसिया कहते हैं ध्वजा-पूजन सामग्री के लिए दुकानों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

डेढ़ हजार से ज्यादा दुकानों से ध्वजा, पूजन सामग्री बिक रही है। मूसाखेड़ी सहित अन्य क्षेत्रों में बीते एक महीने से 18 घंटे तक प्रोडक्शन और पैकिंग हो रही है। रवींद्र नायक कहते हैं दीपावली के बाद दिसंबर-जनवरी ऑफ सीजन होता है। हालांकि यह दो महीने हमारे लिए सबसे ज्यादा डिमांड वाले बन गए।

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