Sunday, November 24, 2024

IIT कानपुर की स्टडी में हुआ खुलासा, उत्तरकाशी में किस वजह से हुआ टनल हादसा, जिसमें 17 दिनों तक ‘कैद’ रही 41 जिंदगियां?

IIT कानपुर की स्टडी में हुआ खुलासा, उत्तरकाशी में किस वजह से हुआ टनल हादसा, जिसमें 17 दिनों तक ‘कैद’ रही 41 जिंदगियां?

Digital News Guru Breaking News: IIT कानपुर की स्टडी में खुलासा हुआ कि उत्तरकाशी में जहां टनल हादसा हुआ था, वहां नीचे फॉल्ट लाइंस मौजूद हैं।

आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर जावेद मलिक ने कहा कि फॉल्ट लाइंस के ऊपर कंस्ट्रक्शन हादसे का एक कारण था। फॉल्ट लाइंस पर किसी भी तरीके का कंस्ट्रक्शन हो, चाहे वह टनल हो या रोड, वह टूटेगा ही। हिमालय के इस एरिया में गहनता से जांच की जानी चाहिए।

दिवाली वाले दिन हुआ हादसा

गौरतलब है कि 12 नवंबर को दिवाली के दिन सुबह यह हादसा तब हुआ था, जब निर्माणाधीन सिलक्यारा-डंडालगांव सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था। उस दिन दीपावली की वजह से टनल का काम सुबह 8 बजे बंद होने वाला था। मजदूर त्योहार मनाने के लिए बाहर आने वाले थे, लेकिन सुबह करीब 4 बजे टनल में मलबा गिर गया और 41 मजदूर टनल के अंदर फंस गए।

17 दिनो तक फंसी रही 41 जिंदगिया

NDRF समेत कई टीमे हादसे के बाद टनल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिशों में जुट गई। NDRF-SDRF समेत तमाम रेस्क्यू टीमों ने मजदूरों को निकालने के लिए अभियान चलाया। 17 दिन बचाव टीम 41 जिंदगियों को बचाने में जुटी रही। मजदूरों को निकालने के लिए अमेरिकी ऑगर मशीन, वर्टिकल-हॉरिजंटेल ड्रीलिंग, मैनुअल ड्रीलिंग का सहारा लिया गया। अंत में रेस्क्यू टीमों ने रैट होल माइनिंग और सुरंग के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग करके सभी मजदूरों को एक पाइप की मदद से बाहर निकाला है।

श्रमिक विश्वजीत वर्मा ने सुनाई हादसे की आपबीती
बचाए गए श्रमिक विश्वजीत कुमार वर्मा की पहली एक्सक्लूसिव बाइट। उन्होंने सिल्कयारा सुरंग में फंसे होने की अपनी 17 दिन की आपबीती सुनाते हुए कहा कि जब मलबा गिरा, तो हमें पता था कि हम फंस गए हैं। पहले 10-15 घंटों तक हमें कठिनाई का सामना करना पड़ा। लेकिन बाद में, हमें चावल, दाल और सूखे फल उपलब्ध कराने के लिए एक पाइप लगाया गया। बाद में एक माइक लगाया गया और मैंने अपने परिवार के सदस्यों से बात करने में सक्षम था…मैं अब खुश हूं, अब दिवाली मनाऊंगा।

पीएम मोदी ने श्रमिकों से की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तरकाशी टनल हादसे से रेस्क्यू किए गए श्रमिकों से बात की। 17 दिन बाद उत्तराखंड की सिल्कयारा सुरंग से सफलतापूर्वक बचाए गए श्रमिकों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टेलीफोन से बात की। पीएम मोदी ने कहा कि ये केदारनाथ बाबा की कृपा रही कि आप सब सकुशल बाहर आए हैं। 17 दिन का समय कम नहीं होता।

उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूरों को मिलेगी 1-1 लाख रुपए की मदद 

उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूरों के राहत एवं बचाव कार्य के दौरान मौके पर मौजूद राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी मजदूरों के सुरक्षित बाहर आने के बाद कल यानी बुधवार 29 नवंबर को सभी 41 मजदूरों को 1-1 लाख रुपए की राशि तथा साथ ही एक महीने का सवैतनिक अवकाश देने की घोषणा सार्वजनिक की। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि एक माह के सावैतनिक अवकाश के दौरान मुश्किल वक्त से बाहर सभी मजदूर अपने परिवार के साथ समय व्यतीत करें।

यह भी पढे: उत्तरकाशी टनल हादसा: 400 घंटे का इंतज़ार हुआ ख़त्म, सुरक्षित बाहर आए सभी 41 मजदूर, 1-1 लाख रुपए मदद की घोषणा

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